दुनियाभर में डीसेंट्रलाइज्ड फाइनेंस अपनाने में अमेरिका पहले और भारत छठे स्थान पर

चैनालिसिस की ग्लोबल डेफी एडॉप्शन इंडेक्स 2021 रिपोर्ट में बताया गया है कि हाई इनकम वाले देशों में डीसेंट्रलाइज्ड फाइनेंस को अपनाना मजबूत विकल्‍प है

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टी प्लस वन नियम 25 फरवरी 2022 से लागू होगा. पहले यह 1 जनवरी 2022 से लागू होना था.

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चैनालिसिस (Chainalysis) की हालिया ग्लोबल डेफी एडॉप्शन इंडेक्स 2021 रिपोर्ट में सुझाव दिया गया है कि हाई इनकम वाले देशों में डीसेंट्रलाइज्ड फाइनेंस (Decentralized Finance) या DFI को अपनाना सबसे मजबूत विकल्प है. जहां पहले से ही खासकर व्यापारियों और संस्थागत निवेशकों के बीच पर्याप्त क्रिप्टोकरेंसी उपयोग में है. डेफी इंडेक्स को लोगों द्वारा जमीनी स्तर पर अपनाने के लिए डिज़ाइन किया गया है, न कि फंड की सबसे बड़ी रॉ वैल्यू (raw value) का उपयोग करने वालों के लिए. डेफी सेवाओं, प्रोटोकॉल और टेक्नोलॉजी का एक सेट है जो क्रिप्टोक्यूरेंसी फंड को संभालने के लिए अलग-अलग तरीके प्रदान करता है.

डेफी एडॉप्शन इंडेक्स में भारत का छठा स्थान

डेफी या डिसेंट्रलाइज्ड फाइनेंस, विकेन्द्रीकृत क्रिप्टोकरेंसी प्लेटफार्मों के एक वर्ग को दर्शाता जो एक केंद्रीय कंपनी या समूह के समर्थन के बिना ऑटोनॉमस रूप से चल सकता है. डेफी एडॉप्शन इंडेक्स में अमेरिका पहले पायदान पर है, उसके बाद वियतनाम, थाईलैंड, चीन और ब्रिटेन का स्थान है. भारत को इंडेक्स की लिस्ट में छठा मिला है. स्थापित क्रिप्टो मार्केट और मजबूत संस्थागत और पेशेवर मार्केट के मुकाबले इस लिस्ट में उच्च आय वाले देशों को शीर्ष स्थान दिया गया है. क्रिप्टोकरेंसी एडॉप्शन इंडेक्स की तरह, डेफी एडॉप्शन इंडेक्स तीन मैट्रिक्स के आधार पर 154 देशों की रैंकिंग करता है.

व्यापारी, क्रिप्टोकरेंसी हेज फंड के पेशेवर स्तर पर काम कर रहे हैं

डेफी के विकास पैटर्न की जांच करने के लिए मार्केट एक्सपर्ट डेविड गोगेल (David Gogel) द्वारा इनपुट मांगा गया था. गोगेल ने कहा कि बड़े पैमाने के व्यापारी, क्रिप्टोकरेंसी हेज फंड के पेशेवर स्तर पर काम कर रहे हैं, जो अब तक के सबसे बड़े डेफी अपनाने वाले हैं. उन्होंने अमेरिका, चीन, रूस और कई अन्य पश्चिमी यूरोपीय देशों का हवाला दिया, जिनमें उच्च क्रिप्टोकरेंसी अपनाने वाले वर्तमान में डेफी के प्रमुख बाजार शामिल हैं. इस रिपोर्ट में डेफी इंडेक्स रिपोर्ट और गोगेल के अवलोकन के आधार पर, डेफी इकोसिस्टम और बड़े क्रिप्टो करेंसी इंडेक्स के बीच स्पष्ट अंतर पर अध्ययन किया गया है.

पिछले कुछ सालों से क्रिप्टो करेंसी की मांग दुनिया भर में तेजी से बढ़ी है. रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने कुछ दिनों पहले कहा था कि यदि क्रिप्टो करेंसी को बेहतर ढंग से रेगुलेट किया जाता है तो भविष्य में इसकी काफी संभावनाएं हैं. रघुराम राजन ने इसके साथ यह भी कहा कि अभी तक यह साफ नहीं हो पाया है कि किन फंडामेंटल्स के कारण इसके वैल्यूएशन को सपोर्ट मिल रहा है.

Published - August 27, 2021, 07:07 IST