FMCG एक सुरक्षात्मक सेक्टर है. अगर आपके पास समय और FMCG की दुनिया से अपने लिए उपयुक्त स्टॉक्स खरीदने का समय नहीं है, तो आप एक्सचेंज ट्रेंड फंड (ETF) में निवेश का फैसला ले सकते हैं. एक्सचेंज ट्रेंड फंड उन्हीं कंपनियों में निवेश करता है, जो इंडेक्स होती हैं.
आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल AMC ने FMCG सेक्टर के लिए एक्सचेंज ट्रेंड फंड NFO लॉन्च किया है. ये NFO 2 अगस्त 2021 में हो जाएगा. यह निफ्टी FMCG इंडेक्स पर नज़र रखने वाला एक ओपन-एंडेड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ईटीएफ) है. हिंदुस्तान यूनिलीवर, आईटीसी, मैरिको, कोलगेट और नेस्ले इंडेक्स के प्रमुख स्टॉक्स में शुमार हैं.
आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल के एमडी और सीईओ निमेश शाह, “ब्रांडेड उत्पादों के प्रति बढ़ता लगाव, भारतीय अर्थव्यवस्था का बढ़ना, सेक्टोरल फंड में निवेश करना जोखिम भरा मामला हो सकता है. हर सेक्टर एक क्रम के अनुरूप चलता है. बढ़ते डिजिटलाइजेशन और ग्रामीण इलाकों से बढ़ती डिमांड भारत में एफएमसीजी सेक्टर ग्रोथ की ओर इजाफा करती है. यह कहा जा सकता है कि यह सेक्टर कंज्यूमर खर्च के आधे से अधिक के लिए जिम्मेदार है.”
निफ्टी 50 में 11% से अधिक रिटर्न की तुलना में निफ्टी एफएमसीजी इंडेक्स ने लगभग 6% की वृद्धि की है. ऐतिहासिक आंकड़ों को देखें तो, निफ्टी एफएमसीजी टीआरआई ने बीते 10 सालों की अवधि में 14.9 फीसदी रिटर्न बनाम 12.1% बेंचमार्क रिटर्न के साथ बेंचमार्क को पीछे छोड़ दिया है.
भले ही सेक्टोरल फंड हमेशा जोखिम भरा माना जाता है, लेकिन एफएमसीजी सेक्टर के पक्ष में जो काम करता है, वह यह है कि इसकी मांग बाजार में हमेशा बनी रहती है.
सर्टिफाइड फाइनेंशियल प्लानर पंकज मथपाल के मुताबिक, एफएमजीसी सेक्टर आईटी और फार्मा सेक्टर की तुलना में अलग है. ये एक रफ्तार से प्रदर्शन नहीं करता है. इसकी मांग हमेशा बनी रहती है, खासकर ऑनलाइन ट्रांजेक्शन के चलते. हालांकि, अभी भी सतर्क रहने की जरूरत है.
उन्होंने आगे कहा, निवेशकों को सरकार की नीतियों पर ध्यान देने की जरूरत है, जिनका असर एफएमसीजी कंपनियों पर दिखाई देता है. उदाहरण के लिए, सरकारी घोषणाएं आईटीसी स्टॉक को बना या बिगाड़ सकती हैं. ये NFO पहली बार निवेश करने वालों के लिए नहीं है. अगर आप कभी-कभार वाले निवेशक हैं, जो पहले से इक्विटी के प्रभाव में है और कुछ और जोखिम लेने की क्षमता रखता है, उसको इस बारे में सोचना चाहिए.
मथपाल आगे निफ्टी 50 और निफ्टी एफएमजीसी ईटीएफ के बीच तुलना करके बताते हैं. मथपाल ने कहा “निफ्टी या सेंसेक्स ईटीएफ या एक्टिव रूप से मैनेज्ड लॉर्ज कैप फंड निफ्टी एफएमसीजी ईटीएफ की तुलना में बहुत अलग-अलग प्रकार के होते हैं. निफ्टी 50 में एक शेयर के खराब प्रदर्शन का असर निफ्टी एफएमसीजी इंडेक्स की तुलना में कम होगा. इसमें निवेश करते वक्त बेहद सावधानी बरतने की जरूरत है. ऐसे ही जब इसे बेचें तो तब भी ये बराबर चुनौतीपूर्ण है.”
सर्टिफाइड फाइनेंशियल प्लानर पकंज मालदा ने कहा कि “वह कभी अपने क्लाइंट्स को एनएफओ में निवेश करने की सलाह नहीं देते हैं. विशेषकर सेक्टोरल फंड्स में. “हम अलग-अलग फंड में निवेश की सलाह देंगे, जिनका ट्रैक रिकॉर्ड कम से कम तीन साल पुराना है.”
एफएमसीजी सेक्टर की उपयुक्तता को ट्रैक करते हुए निवेशक को पोर्टफोलियो में शामिल करना चाहिए. पहली बार के निवेशक के लिए, निफ्टी 50 या सेंसेक्स ईटीएप या एक लॉर्जकैप फंड बेहतर च्वाइस हो सकते हैं.