वैल्यू रिसर्च डेटा के मुताबिक क्रेडिट रिस्क फंड (CRF) ने जुलाई 2021 तक एक साल में 7.85% का रिटर्न दिया. ये डेट फंड कैटेगरी आपकी पैसे को कम रेटिंग ग्रेड वाले बॉन्ड में निवेश करते हैं. उदाहरण के तौर पर उनके एसेट्स का 65% हिस्सा कॉरपोरेट बॉन्ड्स में निवेश होता है.
बीते साल से, खबरों की दुनिया में इस कैटेगरी को लेकर नकारात्मक दृष्टिकोण पैदा हुआ है, इसमें निवेश (Investment) को लेकर आपको शंका हो सकती है लेकिन डेट स्कीम कैटेगरी में इसने सबसे ज्यादा रिटर्न दिया है. CRF में निवेश (Investment) करने वाले वो लोग हैं जिन्होंने जोखिम के साथ सबसे ज्यादा रिटर्न हासिल किया है. डेट कैटेगरी के CRF सबसे अधिक जोखिम वाला है क्योंकि यह इलिक्विड के रूप से लो-रेटेड पेपर में निवेश करता है.
23 अप्रैल 2020 से भारत में फ्रैंकलिन टेम्पलटन म्यूचुअल फंड ने 6 क्रेडिट फंडों की स्कीम को बंद किया, क्रेडिट फंड मैनेज किया. इसके बावजूद निवेशकों के बीच अब फिर नई शुरुआत की है. आपके पोर्टफोलियो में कम रेटिंग वाले सिक्योरिटीज शामिल है तो नुकसान हो सकता है. जब ये फंड्स बड़े संकट में फंसते हैं तो परेशानी का सामना करना पड़ सकता है. डिफॉल्ट, डाउनग्रेड या बंद करने का सीधा असर स्कीम की नेट एसेट वैल्यू पर पड़ता है, इस कारण दवाब रिटर्न पर आता है.
इसके अलावा, अच्छे खासे रिडेम्पशन के परिणामस्वरूप फंड के पोर्टफोलियो में, हाई क्वालिटी सिक्योरिटीज की बिक्री के रूप में लिक्विडिटी, लो-रेटेड प्रतिभूतियों कंस्ट्रेशन में अप्रत्याशित वृद्धि हो सकती है.
ईटी की रिपोर्ट के मुताबिक, कई म्यूचुअल फंड हाउस ने अपने पोर्टफोलियो की क्वालिटी को बेहतर बनाने के लिए रुख हाई-रेटेड सिक्योरिटी की ओर किया है. उनके मुताबिक, हाई क्रेडिट रिस्क फंड एक साल पहले की तुलना में ज्यादा मुनाफे वाले लग रहे हैं. निवेशकों को अपने रिस्क प्रोफाइल में बदलाव के लिए ज्यादा जागरुक होना चाहिए. उन्हें पिछले साल के रिटर्न के बहकावे में आने से बचना चाहिए.
हालांकि, रिस्क की क्षमता झेल सकने वाले कुछ खास ही इन फंड्स की ओर रुख कर रहे हैं. इस स्पेस में क्रेडिट गुणवत्ता और अलग-अलग फंड्स का चुनाव की चयन प्रक्रिया समान रूप से महत्वपूर्ण है.
भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने 7 जून, 2021 को सर्कुलर में म्यूचुअल फंड हाउसों को ब्याज दर जोखिम और क्रेडिट दर जोखिम के आधार पर संभावित रिस्क क्लास (पीआरसी) मैट्रिक्स के आधार पर सभी डेट स्कीम को क्लासिफाई करने को कहा है.
वेंचुरा सिक्योरिटीज के निदेशक जुजर गाबाजीवाला कहते हैं कि “यह समय की मांग थी क्योंकि व्यक्तिगत निवेशकों के लिए डेट म्यूचुअल फंड में जोखिमों को समझना बहुत मुश्किल होता है. निवेशक के लिए सबसे बड़ी चुनौती लगातार अपने पोर्टफोलियो को लगातार मॉनिटर करना होता है. इस मैट्रिक्स के साथ, एक निवेशक को यह सुनिश्चित किया जाता है कि भविष्य में भी फंड हाउस को अवधि के साथ-साथ क्रेडिट जोखिम के मामले में भी जनादेश का पालन करना होगा.”