ULIP vs ELSS: कौन सा निवेश विकल्प है आपके लिए बेहतर, ऐसे करें सेलेक्ट

ULIP vs ELSS: इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम पूरी तरह इन्वेस्टमेंट-बेस्ड प्रोडक्ट है. यूनिट लिंक्ड इंश्योरेंस प्लान निवेश और जीवन बीमा का कॉम्बिनेशन है

  • Team Money9
  • Updated Date - August 28, 2021, 12:22 IST
ulip vs elss, which is better retirement related investment plan

ULIP और ELSS, दोनों आकर्षक रिटर्न और टैक्स बेनिफिट का वादा करते हैं. हालांकि, ELSS म्यूचुअल फंड और ULIP एक दूसरे से काफी अलग हैं

ULIP और ELSS, दोनों आकर्षक रिटर्न और टैक्स बेनिफिट का वादा करते हैं. हालांकि, ELSS म्यूचुअल फंड और ULIP एक दूसरे से काफी अलग हैं

मार्केट-लिंक्ड इंस्ट्रूमेंट्स में बहुत से लोग इन्वेस्ट करना चाहते हैं. मार्केट में निवेश के इतने ऑप्शन हैं कि कई बार लोग कंफ्यूज हो जाते हैं. हर इन्वेस्टमेंट उसके खास फीचर के साथ आता है. एक्सपर्ट का सुझाव है कि किसी एक को चुनने का निर्णय लेने से पहले उसे समझना चाहिए और फिर मार्केट में मौजूद ऑप्शंस की तुलना करनी चाहिए.

इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम (ELSS) और यूनिट लिंक्ड इंश्योरेंस प्लान (ULIP) कुछ सबसे पसंदीदा रिटायरमेंट रिलेटेड इन्वेस्टमेंट ऑप्शन हैं. दोनों आकर्षक रिटर्न और टैक्स बेनिफिट का वादा करते हैं. हालांकि, ELSS म्यूचुअल फंड और ULIP एक दूसरे से काफी अलग हैं.

क्या हैं ELSS और ULIP

इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम : ELSS एक डायवर्सिफाइड इक्विटी ओरिएंटेड म्यूचुअल फंड स्कीम है. इसे टैक्स सेविंग म्यूचुअल फंड के नाम से भी जाना जाता है. ELSS पैसा बनाने और टैक्स बचत का दोहरा फायदा देता है. इस स्कीम के तहत फंड मुख्य रूप से कैपिटल मार्केट में इन्वेस्ट करते हैं और विभिन्न मार्केट कैपिटलाइजेशन वाली कंपनियों को सिलेक्ट करते हैं. नतीजतन, इस पर कमाए रिटर्न डायरेक्ट मार्केट से लिंक्ड है.

यूनिट लिंक्ड इंश्योरेंस प्लान : दूसरी ओर, यूनिट लिंक्ड इंश्योरेंस प्लान (ULIP) यूनिक इंश्योरेंस प्लान हैं, जो लाइफ इंश्योरेंस कवरेज और इन्वेस्टमेंट ऑफर करते हैं. ULIP का ऑब्जेक्टिव इंश्योरेंस कवरेज के साथ-साथ वेल्थ ग्रोथ का मौका देना है. इन्वेस्टर्स द्वारा भुगतान किए गए प्रीमियम के दो भाग होते हैं. पहला भाग इंश्योरेंस कवरेज के प्रीमियम के लिए, और दूसरा भाग इन्वेस्टमेंट के लिए.

दोनों में क्या है अंतर

इन्वेस्टमेंट टाइप : ELSS पूरी तरह से एक इन्वेस्टमेंट-बेस्ड प्रोडक्ट है और सिक्योरिटी एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) द्वारा रेगुलेट होता है. ULIP, इन्वेस्टमेंट और लाइफ इंश्योरेंस का एक कॉम्बिनेशन है. यह इंश्योरेंस रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (IRDAI) द्वारा रेगुलेटेड है.

लॉक-इन पीरियड : ELSS तीन साल के मेंडेटरी लॉक-इन पीरियड के साथ आता है. ULIP का लॉक-इन पीरियड पांच साल है.

फ्लेक्सिबिलिटी : ULIP फंड बीच में स्विच करने के लिए फ्लेक्सिबिलिटी ऑफर करते हैं. इसका मतलब है कि आप अपनी पसंद के आधार पर इक्विटी-ओरिएंटेड फंड से डेट फंड में स्विच कर सकते हैं. विपरीत प्रक्रिया भी मुमकिन है. ELSS में, फंड स्विच करने की कोई फलेक्सेबिलिटी नहीं है. ELSS फंड ओपन एंडेड इक्विटी कैटेगरी में आते हैं.

चार्ज : मार्केट एक्सपर्ट्स के मुताबिक, ELSS से जुड़े फंड मैनेजमेंट चार्ज काफी ज्यादा होते हैं. दूसरी ओर, यूलिप बहुत कम फंड मैनेजमेंट चार्ज के साथ आते हैं, जो लगभग 1.35% है. हालांकि, यूलिप पर दूसरे चार्ज भी लागू होते हैं.

टैक्स बेनिफिट : आप हर साल ELSS में निवेश पर 1.5 लाख रुपये तक के टैक्स डिडक्शन का फायदा उठा सकते हैं. लेकिन आपके द्वारा इन्वेस्ट किए जाने वाले अमाउंट की कोई अपर लिमिट नहीं है. दूसरी ओर, ULIP प्रीमियम पर टैक्स डिडक्शन के रूप में 1.5 लाख रुपये तक का बेनिफिट उठाया जा सकता है. इसके अलावा, मैच्योरिटी के समय रिटर्न इनकम टैक्स के सेक्शन 10(10D) के तहत इनकम टैक्स से मुक्त हैं.

लॉयल्टी : यदि आप पॉलिसी टर्म के दौरान ULIP में निवेशित रहते हैं, तो आपको लॉयल्टी बेनिफिट मिलेगा. ELSS में कोई लॉयल्टी बेनिफिट्स लागू नहीं हैं.

रिस्क एंड रिटर्न : ELSS हाई रिस्क कैटेगरी में आता है और रिटर्न मार्केट की परफॉर्मेंस पर निर्भर करता है. दूसरी ओर, ULIP मुख्य रूप से इंश्योरेंस प्रोडक्ट हैं. नतीजतन, फंड मैनेजर हाई रिस्क स्ट्रेटेजी से बचने की कोशिश करते हैं.

एक्सपर्ट की राय

चार्टर्ड एकाउंटेंट सुमन नंदी कहते हैं, ‘ELSS और ULIP दोनों भारत में पॉपुलर निवेश के माध्यम हैं. दोनों के बीच कई समानताएं हैं. दोनों में टैक्स बेनिफिट मिलते हैं. लेकिन, मुझे लगता है कि रिटर्न के मामले में, ELSS यूलिप से बेहतर है. हालांकि दोनों रिटर्न मार्केट लिंक्ड हैं, आम तौर पर ELSS फंड मैनेजर लंबी अवधि के निवेश के लिए 12 से 14% सालाना रिटर्न का वादा करते हैं. दूसरी ओर, ULIP से रिटर्न ज्यादा वोलेटाइल होता है.’

नंदी ने यह भी कहा कि लिक्विडिटी के मामले में स्मॉलर लॉक-इन पीरियड ELSS के लिए एक अट्रैक्शन है.

Published - August 28, 2021, 12:22 IST