इन्वेस्टमेंट के लिए कौन सी क्रिप्टोकरेंसी है सही? यहां है आपके काम की जानकारी

इस समय मार्केट में 11,000 से ज्यादा क्रिप्टोकरेंसी मौजूद हैं. कोई भी कॉइन के स्ट्रॉन्ग कम्युनिटी ट्रांजेक्शन के आधार पर फेक कॉइन की पहचान कर सकता है.

  • Team Money9
  • Updated Date - September 8, 2021, 12:36 IST
This is important to know before investing in big names or any other crypto currency

एक्सचेंजों के अनुसार लगभग 105 मिलियन भारतीय क्रिप्टो संपत्ति रखते हैं और व्यापारियों की संख्या लगभग 1 मिलियन है.

एक्सचेंजों के अनुसार लगभग 105 मिलियन भारतीय क्रिप्टो संपत्ति रखते हैं और व्यापारियों की संख्या लगभग 1 मिलियन है.

आज हर तरफ क्रिप्टोकरेंसी की चर्चा है. युवाओं से लेकर निवेशकों तक, सभी क्रिप्टोकरेंसी के बारे में ज्यादा जानना चाहते हैं. हालांकि स्मार्टफोन की मदद से इसे खरीदना और बेचना बेहद आसान हो गया है, लेकिन एक बात जो अभी भी ज्यादातर लोगों को परेशान करती है कि उन्हें कहां निवेश करना चाहिए, खासकर उस समय जब मार्केट में 11,000 से ज्यादा क्रिप्टोकरेंसी मौजूद हैं. क्या किसी को केवल बिटकॉइन और इथेरियम जैसे बड़े नामों के साथ रहना चाहिए और जिन क्रिप्टो का ज्यादा नाम नहीं सुना उनसे दूर रहना चाहिए? जब मार्केट नकली क्रिप्टोकरेंसी से भरा हो तो क्या नजरिया होना चाहिए? सही क्रिप्टो की पहचान कैसे करें?

Bitbns के CEO और को-फाउंडर गौरव दहाके ने कहा, कोई भी उस कॉइन के स्ट्रॉन्ग कम्युनिटी ट्रांजेक्शन के आधार पर फेक कॉइन की पहचान कर सकता है. फेक कॉइन की पहचान करते समय एक और फेक्टर को ध्यान में रखना चाहिए कि उस से जुड़ी क्वेरी और इश्यू का जवाब कौन दे रहा है.

इसके अलावा, कोई यह चेक कर सकता है कि क्या वो उस रोडमैप और प्रोजेक्ट पर काम कर रहे हैं जिसका वादा किया गया था. आमतौर पर निवेश करने के लिए बेहद सतर्क रुख अपनाना चाहिए, खासकर नए टोकन में. लेजिटीमेट एक्सचेंजों पर इसकी लिस्टिंग को क्रॉस-चेक करके कॉइन के बारे में जाना जा सकता है कि वो फेक हैं कि नहीं. Bitbns जैसे एक्सचेंजों की एक अलग टीम है, जो कॉइन को लिस्ट करने से पहले उसे वेरीफाई करती हैं.

एक्सपर्ट्स का कहना है कि निवेशकों को वाइट पेपर पढ़ना चाहिए – वाइट पेपर एक आधिकारिक रिपोर्ट या गाइड होती है जो अक्सर इश्यू को एड्रेस करती है और कैसे उन्हें हल किया जा सकता है.

जियोटस क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज के को-फाउंडर और CEO विक्रम सुब्बुराज ने कहा, एक बार जब ये आयडिया एक स्ट्रॉन्ग वायबिल फ्यूचर के रूप में रेसोनेट हो जाता है, तो इन्वेस्टर्स को ये इवेलुएट करना होगा कि क्या टोकन के पीछे की टीम सुझाव के अनुसार रोडमैप को एक्जिक्यूट करने में सक्षम है.

ये इंटरव्यू, पार्टनरशिप, न्यूज, रिव्यू आदि से अनुमान लगाया जा सकता है. किसी बड़ी फर्म द्वारा सपोर्ट भी रोडमैप की मजबूती का संकेत दे सकता है.

निवेशकों की ओर से ड्यू डिलिजेंस भी उतना ही महत्वपूर्ण है. निवेश करने से पहले क्रिप्टो के पीछे के प्रोजेक्ट को समझने के लिए रिसर्च की जानी चाहिए.

सुब्बुराज बताते हैं कि ज्यादातर रग पुल (जब प्रमोटर रोडमैप दिए बिना जुटाई गई पूंजी को छीन लेते हैं) निवेशकों की ओर से ड्यू डिलिजेंस की कमी के कारण होते हैं. हर कोई जल्दी पैसा कमाना चाहता है, लेकिन बहुत से लोग निवेश करने से पहले किसी पर्टिकुलर टोकन पर रिसर्च करने के लिए समय नहीं लगाते हैं.

यदि निवेशकों को विश्वास नहीं है कि वो एक टोकन को इवेलुएट करने में सक्षम हैं तो वो स्टेब्लिश हाई से मिडकैप क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करना बेहतर समझते हैं और इनीशियल कॉइन ऑफरिंग (ICO) और IEO में पार्टिसिपेट नहीं करते हैं.

Published - September 8, 2021, 12:36 IST