Investment: रिटायरमेंट के लिए मुझे कितने पैसों की जरूरत है? बहुत से लोगों के लिए यह सवाल उनकी प्राथमिकता सूची में बहुत नीचे रहता है. घर के राशन खरीदने, किराया चुकाने या कर्ज लौटाने को इससे ज्यादा अहमियत मिलती है. इस बात की पूरी संभावना है कि रिटायरमेंट के लिए जितना आप सोचते हैं उससे कहीं अधिक पैसों की जरूरत होती है. इसके पीछे 3 मुख्य बातें होती हैं. पहला, रिटायरमेंट के बाद लंबा जीवन, जल्दी रिटायरमेंट और घटती ब्याज दरें.
60 की उम्र के बाद चिंतामुक्त रहने के लिए रिटायरमेंट प्लानिंग बहुत जरूरी है. उम्र के इस मोड़ पर होने वाले मेडिकल खर्चों के लिए, महंगाई को मात देने के लिए, अचानक आए खर्च से निपटने के लिए और अपने सपनों को पूरा करने के लिए रिटायरमेंट प्लानिंग जरूर होनी चाहिए.
रिटायरमेंट प्लानिंग का पहला कदम है, यह तय करना कि रिटायर होने के बाद आपको अपनी जिंदगी आसानी से गुज़ारने के लिए कितने पैसों की ज़रूरत होगी. इसी से पता चलेगा कि हर महीने उतनी रकम हासिल करने के लिए आपको कितना फंड या कॉर्पस जुटाना चाहिए. इसके लिए आप किसी फाइनेंशियल प्लानर या इंटरनेट पर उपलब्ध रिटायरमेंट प्लानिंग कैलकुलेटर्स की मदद ले सकते हैं. एक आसान फॉर्मूला यह भी है कि आप अपने सालाना खर्च की कम से कम 20 गुना रकम रिटायरमेंट कॉर्पस के तौर पर जुटाएं.
महंगाई के असर की गणना किए बिना खर्च का अनुमान लगाने की वजह से भी आपको सीमित फंड में काम चलाने में मुश्किलें आती हैं. इससे बचने के लिए रिटायरमेंट से पहले ऐसे निवेश माध्यम में निवेश करना चाहिए जो महंगाई को मात देने में सक्षम हो. इसके लिए इक्विटी और म्यूचुअल फंड का सहारा लेना चाहिए. अगर आपका फिलहाल हर महीने 50,000 रुपये का खर्चा है तो मंथली खर्च 25 साल बाद 8 फीसदी की महंगाई की दर से यही खर्चा बढ़कर 3.5 लाख रुपये महीना हो जाएगा
रिटायरमेंट प्लानिंग के लिए सबसे जरूरी है कि आप अपने निवेश पोर्टफोलियो को डायवर्सिफाई करें. आप अगर 35 साल की उम्र से रिटायरमेंट प्लानिंग शुरू करते हैं तो अपनी बचत का 50 फीसदी रकम रिटायरमेंट प्लानिंग को ध्यान में रखकर करें. आप इक्विटी, इपीएफ, म्यूचुअल फंड जैसे निवेश माध्यम को चुन सकते हैं. ये निवेश उत्पाद महंगाई को मातदेकर बेहतर रिटर्न दिलाने का काम करेंगे.
अगर आपने 25 साल की उम्र में रिटायरमेंट प्लानिंग शुरू की है तो आपके पास आपके पास रिटायरमेंट लिए 60-25=35 साल हैं. रिटायरमेंट पर आपके पास 4 करोड़ रुपये का कॉर्पस चाहिए और 4 करोड़ हासिल करने के लिए म्यूचुअल फंड में हर महीने 4000-4500 रुपये निवेश करना होगा.
डेट में निवेश सुरक्षित लेकिन महंगाई को मात देने वाला नहीं होता है. बढ़ती महंगाई, कम होती ब्याज दरों से अच्छी मासिक आय जुटाना मुश्किल होता है. इसलिए रिटायरमेंट पर इकट्ठा पैसे को डेट के साथ इक्विटी में भी डालें. रिटायरमेंट के बाद 20 साल तक के लिए इक्विटी निवेश सही रहता है.
रिटायरमेंट के बाद वित्तीय जोखिम को कम करने के लिए स्वास्थ्य बीमा जरूर लेकर रखें. उम्र बढ़ने के साथ परेशानी बढ़ती है. इलाज खर्च बहुत तेजी से बढ़ा है. यह आपकी गाढ़ी कमाई को खत्म करने का काम कर सकता है. इससे बचने के लिए स्वास्थ्य बीमा कवर जरूर लेकर रखें. यह बाद के दिनों में बड़ी मदद करने का काम करेगा.