FD: भले ही बीते कुछ वर्षों से एफडी (FD) पर मिलने वाली ब्याज दरें गिरावट ओर दिशा में हों, किंतु इसके बावजूद अभी भी इसे निवेश औऱ बचत का सबसे सुरक्षित विकल्प माना जाता है. कुछ एफडी (FD) पर टैक्स लाभ भी प्राप्त होता है. लोग अपने एफडी पर अधिक से अधिक रिटर्न प्राप्त करने के लिए कुछ बातों का ध्यान रखते हैं. आपको उन बातों के बारे में पता होना चाहिए जो आपके इस निवेश पर मिलने वाले रिटर्न को प्रभावित करते हैं, Money9 आपको इनके बारे में बता रहा है.
एफडी पर निवेश करने से पहले आपको इसकी अवधि को लेकर स्पष्ट रहना चाहिए. समान्य तौर पर यह अवधि 7 दिनों से लेकर 10 साल की होती है. इस अवधि को आप अपनी जरूरतों को ध्यान में रखकर चुनें. समय से पहले एफडी तोड़ने पर आपको ब्याज आमदनी पर नुकसान हो सकता है।
जमा की न्यूनतम राशि का ध्यान रखें. SBI, में यह राशि 1 हजार रुपए जबकि ICICI Bank में 10 हजार रुपए. HDFC Bank, ने इसकी सीमा 5 हजार रुपए तय की है.
FD में अवधि के हिसाब से अलग-अलग ब्याज दरें प्राप्त होती हैं. जमा शुरू करने से पहले आपको इन ब्याज दरों की जांच कर लेनी चाहिए. आमतौर पर सीनियर सिटीजन को 50 बेसिस प्वाइंट अतिरिक्त ब्याज प्राप्त होता है.
इनकम टैक्स स्लैब के अनुसार एफडी का रिटर्न टैक्स योग्य होता है. यदि ब्याज आमदनी 10 हजार रुपए से अधिक है तो बैंक इस पर टीडीएस काट सकता है. आपको टीडीएस नहीं कटवाना है तो बैंक में 15G/H फार्म जमा करना चाहिए. बैंक और पोस्ट ऑफिस में किए गए पांच सालों वाले एफडी पर कोई कर नहीं लगता.
आप परिपक्वता अवधि से पहले एफडी से निकासी कर सकते हैं, किंतु इसके लिए आपको कुछ राशि बतौर फाइन देना पड़ सकता है. समान्य रूप से यह कुछ राशि का 1 से 1.5 फीसदी के बीच होता है. कुछ बैंक एक निश्चित अवधि के बाद की गई निकासी पर कोई फाइन नहीं लेते.
आप परिपक्वता अवधि पूरी होने के बाद पूरी निवेश राशि, ब्याज समेत, को ले सकते हैं. साथ ही इसे मासिक, तिमाही, औऱ वार्षिक आधार पर भी लेने का विकल्प होता है.
एफडी पर ओवरड्राफ्ट भी प्राप्त किया जा सकता है. साथ ही एफडी के एवज में लोन भी मिलता है. ओवरड्राफ्ट की राशि एफडी की राशि से कम होती है, और इस पर ब्याज अधिक होता है. एफडी राशि का 90-95 फीसदी हिस्सा बतौर लोन प्राप्त किया जा सकता है.
FD हर साल स्वत: नवीनीकृत हो जाता है. आजकल, लगभग सभी बैंक एफडी खोलने और स्वत: नवीनीकरण के लिए ऑनलाइन सुविधा उपलब्ध करा रहे हैं.
एफडी पर आप किसी एक व्यक्ति या एक से अधिक व्यक्ति को नॉमिनी बना सकते हैं. एफडी खोलने से पहले नॉमिनी दर्ज कराना चाहिए. ऐसा न करने पर, यदि जमाकर्ता की अचानक मृत्यु हो जाए तो एफडी राशि प्राप्त करने में उसके परिवार को दिक्कत हो सकती है.