यहां करें निवेश, मिलेगा तगड़ा रिटर्न और बच जाएगा अच्छा खासा टैक्स

डाकघर की 5 वर्षीय टाइम डिपॉजिट स्कीम और सीनियर सीटिजन सेविंग स्कीम (SCSS) को धारा 80C के तहत कर-लाभ के दायरे में रखा गया है.

  • Team Money9
  • Updated Date - November 6, 2021, 04:03 IST
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Pixabay -आप इनकम टैक्स कानून की विभिन्न धारा के तहत इन साधनों में निवेश से टैक्स बचा सकते हैं.

Pixabay -आप इनकम टैक्स कानून की विभिन्न धारा के तहत इन साधनों में निवेश से टैक्स बचा सकते हैं.

Tax Saving Investment Options: जब तक आप निवेश के साथ टैक्स बचाने के उपाय नहीं जोडते तब तक वैल्थ क्रिएशन का रास्ता आसान नहीं बनेगा. आप सिर्फ निवेश करने से वैल्थ नहीं बना सकते, बल्कि टैक्स-सेविंग विकल्पों के साथ निवेश करके अपने रिटर्न को बढा सकते हैं. यहां टैक्स बचाने के साथ अच्छा रिटर्न देने वाले 9 बेहतरीन विकल्पों के बारे में जानकारी दी गई हैं.

आरोग्य बीमा
धारा 80D के अंतर्गत आपको हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम पर 25,000 रुपये तक की कर छूट मिलती है. 60 साल से कम उम्र के माता-पिता के लिए प्रीमियम पर अलग से 25,000 रुपये तक की छूट और अगर माता-पिता सीनियर सीटिजन हैं, तो 50,000 रुपये तक की छूट का दावा कर सकते हैं.

जीवन बीमा
टैक्स बचाने का ये अच्छा साधन है. सेक्शन 80C के तहत लाईफ इंश्योरेंस के लिए चुकाए गए प्रीमियम पर कर लाभ मिलता है. मैच्योरिटी बेनेफिट या बोनस बेनिफिट वाले प्लान को भी सेक्शन 10(10D) के तहत फूल एग्जेम्पशन दिया गया है.

इक्विटी लिंक्ड सेविंग्स स्कीम (ELSS)
धारा 80C के तहत इक्विटी लिंक्ड सेविंग्स स्कीम (ELSS) में किए गए निवेश को टैक्स छूट देने का प्रावधान है. इसमें 3 साल का लॉक-इन पीरियड रहता हैं.

पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF)
पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF) में एक साल में 1.5 लाख रूपये निवेश कर सकते हैं. इसमें किए गए निवेश को धारा 80C के तहत दिखा सकते हैं. इससे मिलने वाली इंटरेस्ट की इनकम और परिपक्वता पर मिलने वाली रकम पूरी तरह टैक्स फ्री है.

सुकन्या समृद्धि योजना (SSY)
आपकी बेटी की उम्र 10 साल से कम है तो सुकन्या समृद्धि योजना (SSY) में निवेश करके सालाना 7.6% रिटर्न कमा सकते हैं. बेटी के 21 साल की होने पर ये निवेश मैच्योर होगा. इसमें निवेश करके आप कर-छूट का दावा कर सकते हैं. इसमें मिलने वाली मैच्योरिटी की रकम और ब्याज पर टैक्स छूट का लाभ भी मिलता है.

ULIP
युनिट लिंक्ड इंश्योरेंस प्लान (ULIP) में सालाना 1.5 लाख रुपये तक का प्रीमियम सेक्शन 80C के तहत डिडक्शन के योग्य है. यदि आपका सालाना प्रीमियम 2.5 लाख रुपये की सीमा से कम है, तो भी आप सेक्शन 10(10D) के तहत टैक्स-फ्री रिटर्न के हकदार हैं.

नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS)
अगर आप नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) में निवेश करते हैं, तो सेक्शन 80CCD के अंतर्गत 50,000 रुपये पर टैक्स छूट का दावा कर सकते हैं. यानी धारा 80C के तहत मिल रहे 1.5 लाख रुपये के कर-मुक्त निवेश के अलावा आप NPS के साथ 2 लाख रुपये पर टैक्स डिडक्शन मांग सकते हैं.

हाउसिंग लोन
हाउसिंग लोन के जरिए भी आप अच्छा टैक्स बचा सकते हैं. सेक्शन 80C के तहत मूल पुनर्भुगतान पर 1.5 लाख रूपये की कर-कटौती मांग सकते हैं. सेक्शन 24 के तहत देय ब्याज राशि पर 2 लाख रूपये की कर-मुक्ति मिलती हैं. सेक्शन 80EE के तहत पहली बार घर खरीदने वालों को ब्याज पर अतिरिक्त 50,000 रूपये की छूट भी मिलती हैं.

डाकघर की योजनाएं
डाकघर की 5 वर्षीय टाइम डिपॉजिट स्कीम और सीनियर सीटिजन सेविंग स्कीम (SCSS) को धारा 80C के तहत कर-लाभ के दायरे में रखा गया है. धारा 80TTA के तहत बैंक, कोऑपेरटिव सोसाइटी या पोस्ट ऑफिस में सेविंग्स अकाउंट पर मिलने वाली ब्‍याज आय पर अधिकतम 10,000 रुपये के डिडक्शन को मंजूरी है. इनके अलावा आप टैक्स सेविंग बॉन्ड और टैक्स-सेविंग FD से भी टैक्स बचा सकते हैं.

Published - November 6, 2021, 04:02 IST