Financial Planning: लक्ष्य-आधारित फाइनेंशियल प्लानिंग (Financial Planning) आपके निवेश को दिशा देने और आपके समग्र निवेश जोखिम को कम करने के सर्वोत्तम तरीकों में से एक है. हालांकि, कई लोग अभी भी लक्ष्य-आधारित वित्तीय नियोजन के लाभों को समझने से दूर हैं.
सर्टिफाइड फाइनेंशियल प्लानर निलेश राठौड़ के मुताबिक, लक्ष्य को सामने रख कर फाइनेंशियल प्लानिंग करेंगे, तो आप गलत निर्णय लेने से दूर रह सकेंगे.
आजकल लोग कर्ज लेने में ज्यादा छूट लेने लगे हैं, क्योंकि क्रेडिट कार्ड औऱ फाइनेंस स्कीम ने ये काम आसान बना दिया है. “लक्ष्य आधारित निवेश करने से आप खर्च करने के मामले में जिम्मेदार बन जाते हैं.
जब आप अपने फाइनेंशियल गोल को हासिल करने के लिए पर्याप्य निवेश करते हैं, तो फिजूल खर्चे करने से दूर रहते हैं. आप इच्छाओं को हावि नहीं होने देते और जरूरत के हिसाब से खर्च करने की आदत डाल लेते हैं.
अनुशासित निवेश: निवेश में अनुशासन बेहद जरूरी है, जो एसआईपी के जरिए हासिल कर सकते हैं. इसके अलावा एसेट अलोकेशन और रि-बैलेंसिंग भी जरूरी है.
यदि आप वित्तीय लक्ष्य तय करते हैं, तो उसके साथ भावनात्मक लगाव हो जाता है, जो आपको अधिक अनुशासित बनाता है.
इसमें कोई शक नहीं है कि अधिक बचत और निवेश से ज्यादा संपत्ति इकट्ठा होती है, लेकिन लक्ष्यों के साथ निवेश को जोड़ने से आपका संकल्प अधिक दृढ़ बनता है और आप लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए, जो आवश्यक है वो करने के लिए प्रेरित होते हैं.
कर्ज का बोझ बहुत नुकसान पहुंचा सकता है. ज्यादा कर्ज के कारण दीर्घकालिक फाइनेंस को नुकसान पहुंचता है. यदि आप लक्ष्य आधारित प्लानिंग करेंगे, तो कर्ज लेने से दूर रहेंगे. आपके सामने लक्ष्य होगा तो आप कर्ज लेने से पहले 100 बार सोचेंगे.
एसेट एलोकेशन करना आसान नहीं है. ये एक जटिल प्रक्रिया है. आपको केवल सही अनुपात नहीं तय करना होता. मगर, अनुपात के हिसाब से अलोकेशन करने के बाद लगातार मॉनीटरिंग करनी होती है.
समय-समय पर उन अनुपातों को बदलना होता है. लक्ष्य-आधारित प्लानिंग करने से आपको व्यक्तिगत वित्तीय लक्ष्यों की प्राथमिकता, आवश्यकता और समय सीमा को समझने में मदद मिलती है. यदि ये चीजें फिक्स्ड हो जाती है, फिर एसेट एलोकेशन सरल हो जाता है.
कर्ज लेकर अच्छी लाइफस्टाइल हासिल करना सही नहीं है. पहले लोग बच्चों को शिक्षा देने के लिए सेविंग खर्च कर देते थे और उनकी रिटायरमेंट सेविंग को जोखिम में डाल देते थे, लेकिन लक्ष्य आधारित इंवेस्टमेंट करने से आपकी लाइफस्टाइल खतरे में नहीं रहती. बल्कि उसमें अधिक सुधार होता है.