Why Net Inflow Increased in Dynamic Bond Funds?: रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) द्वारा तरलता उपायों के सामान्यीकरण से संकेत मिलता है कि इंटरेस्ट रेट साइकिल अब बॉटम्ड आउट हो चुकी हैं. ऐसे मामले में, डायनेमिक बॉन्ड फंड निवेशकों के लिए एक पसंदीदा विकल्प हो सकता है, ऐसा रजिस्टर्ड इंवेस्टमेंट एडवाइजर बताते हैं. अपने निवेश को डाइवर्सिफाय रखने के लिए पोर्टफोलियो में डेट फंड शामिल करना चाहिए और डेट फंड में आप डायनेमिक बॉन्ड फंड को चुन सकते हैं. ये फंड ब्याज दरों के उतार-चढाव के प्रभाव से बचाते है.
ये ओपन-एंडेड फंड हैं और अलग-अलग अवधि में निवेश करते हैं. ये फंड कुछ निश्चित आय के साधन में निवेश करते है, उनमें कोमर्शियल पेपर, डिपॉजिट सर्टिफिकेट, गिल्ट, कॉरपोरेट बॉन्ड इत्यादि शामिल हैं. इसे मध्यम से लंबी अवधि के लिए एक अच्छा निवेश विकल्प माना जा सकता है.
डायनेमिक बॉन्ड फंड के मैनेजर कमर्शियल पेपर जैसे शॉर्ट टर्म इंस्ट्रूमेंट्स और डिपॉजिट सर्टिफिकेट और लॉन्ग टर्म बॉन्ड जैसे कॉरपोरेट बॉन्ड और ब्याज दर के उतार-चढ़ाव के आधार पर गिल्ट सिक्योरिटीज के बीच निवेश को शिफ्ट करते हैं. जब इंटरेस्ट रेट नीचे जाने लगते है, तब डायनेमिक बॉन्ड फंड मैनेजर द्वारा लॉन्ग-टर्म फिक्स्ड इनकम फंड्स में होल्डिंग बढाया जाता है, और पोर्टफोलियो को डाइवर्सिफाय रखने के लिए शॉर्ट एवं मीडियम-टर्म फंड्स में भी निवेश किया जाता है. ब्याज दर घटने लगे तब गिल्ट होल्डिंग भी कम किया जाता है.
डायनेमिक बॉन्ड फंड ने पिछले एक साल में 2-4 फीसदी तक रिटर्न दिया हैं. तीन साल में इन फंडो ने 8-10 फीसदी और पांच साल में 7-8 फीसदी रिटर्न दिया हैं. इन फंडो का एक्सपेंस रेशियो 1.5-2.3 फीसदी के करीब रहता हैं.
डायनेमिक बॉन्ड फंडों में ब्याज दर में उतार-चढ़ाव को बेहतर ढंग से नेविगेट करने की क्षमता होती हैं, इसीलिए, निवेशकों ने अक्टूबर 2021 में डायनेमिक बॉन्ड फंड में 1,812 करोड़ रूपये का निवेश किया. AMFI के डेटा के मुताबिक, इस कैटेगरी के फंडो में अगस्त में 687 करोड़ रूपये और सितंबर में 424 करोड़ रूपये का नेट इनफ्लो देखा गया.
शॉर्ट ड्यूरेशन और लॉन्ग ड्यूूरेशन फंडों में एक साथ निवेश करके जोखिम और रिटर्न के बीच ताल मिलाना हैं, तो डायनेमिक बॉन्ड फंड को चुन सकते हैं. यदि आप बॉन्ड मार्केट में तेजी का फायदा उठाना चाहते हैं, लेकिन ब्याज दरों की चाल पर फैसला नहीं ले सकते हैं तो आपको इनमें निवेश करना चाहिए.
तीन साल के बाद निवेश को बेचने पर इंडेक्सेशन बेनिफिट के साथ 20% लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स चुकाना होगा. अगर तीन साल के भीतर निवेश बेचते हैं तो इनकम टैक्स स्लेब के अनुसार शॉर्ट-टर्म कैपिटल गेन टैक्स लागू होगा.
निवेशकों को सतर्क रहना होगा क्योंकि ब्याज दर पर फंड मैनेजर के दृष्टिकोण पर बहुत कुछ निर्भर करता है और परिदृश्य के गलत कॉल या गलत निर्णय से इन फंडों में खराब प्रदर्शन हो सकता है.
जिस डायनेमिक बॉन्ड फंड में वे निवेश करते हैं, उसमें उच्च गुणवत्ता वाली लिक्विड सिक्योरिटीज होनी चाहिए, जो फंड मैनेजर को एक अवधि से दूसरी अवधि में कुशलता से फंड शिफ्ट करने की सुविधा देगी.