Tax Saving: मौजूदा वित्त वर्ष, आधा बीत चुका है. हमारे पास अभी टैक्स सेविंग बचत करने का समय है. सीनियर सिटीजन को आयकर की धारा 80C के तहत मिलने वाली 1.5 लाख रुपए की छूट को प्राप्त करने के लिए निवेश विकल्पों पर ध्यान देना शुरू कर देना चाहिए. Money9 आपको ऐसे विकल्पों के बारे में बता रहा है जहां आप फंड तैयार करने के अलावा टैक्स (Tax Saving) भी बचा सकते हैं.
SCSS, 60 वर्ष से अधिक के आयु वालों के लिए कर-बचत की एक अच्छी स्कीम है. इसमें सरकार गारंटी देती है और इससे विशेष रूप से वरिष्ठ नागरिकों के लिए तैयार किया गया है.
इस पर अभी 7.4 फीसदी का सालाना ब्याज प्राप्त हो रहा है. इस स्कीम में 15 लाख रुपए तक की अधिकतम जमा की जा सकती है, जबकि जमा की न्यूनतम राशि 1 हजार रुपए है. धारा 80C के तहत यह कर-छूट प्राप्त करने के योग्य होती है. इस स्कीम में तिमाही आधार पर ब्याज दिया जाता है.
यदि एफडी, आरडी या अन्य किसी जमा से प्राप्त ब्याज आमदनी, तय सीमा से अधिक होती है तो इस पर कर देना होता है. धारा 80 TTB के अंतर्गत ऐसी जमाओं से प्राप्त 50 हजार रुपए तक की ब्याज आमदनी पर कोई कर नहीं लगता.
60 से 80 वर्ष की आयु वालों लोगों के लिए छूट की यह सीमा 3 लाख रुपए है, जबकि 80 वर्ष से ऊपर आयु लोगों के लिए यह 5 लाख रुपए है.
इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम (ELSS) टैक्स-सेविंग म्यूचुअल फंड होती है. लेकिन इसमें तीन साल की लॉक-इन अवधि होती है. ELSS शेयर बाजार से लिंक होती है. और इसमें तीन साल बाद ही रिटर्न प्राप्त होता है. हालांकि,
इसमें ज्यादा जोखिम होता है.
पीपीएफ के जरिए आप साल में 1.5 लाख रुपए की कर-बचत कर सकते हैं. किंतु, इसकी मैच्योरिटी अवधि 15 साल की होती है, इसलिए यह सीनियर सिटीजन के लिए अच्छी नहीं मानी जाती है. फिर भी, कोई इसमें निवेश करना चाहता है तो उसे
अभी इस पर 7.1 फीसदी का ब्याज होगा.
कर बचाने वाली एफडी 100 रुपए से शुरू की जा सकती है, इसकी अधिकतम सीमा 1.5 लाख रुपए है. किंतु, इसमें 5 साल का लॉक-इन अवधि होना आवश्यक है.
ब्याज रिटर्न को, सीनियर सिटीजन तिमाही आधार पर या फिर मासिक आधार पर प्राप्त कर सकते हैं.
आयकर के जानकार अरविंद अग्रवाल का कहना है, “यदि आप 75 साल से ऊपर के हैं तो आईटी रिटर्न फाइल करने की जरूरत नहीं होती, बशर्ते पेंशन और ब्याज आमदनी ही आपकी व्यक्तिगत आय हो.”
उन्होंने बताया कि धारा 80DDB के तहत हेल्थ इंश्योरेंस लेने पर अधिकतम एक लाख रुपए की छूट भी प्राप्त की जा सकती है.