sip-vs-lumpsum-investment: म्यूचुअल फंड में निवेश निवेशकों की जरूरतों के हिसाब से कस्टमाइज किया जा सकता है और इस तरह निवेश करने के लिए कई योजनाओं की तरह, म्यूचुअल फंड में भी निवेश अवधि के कई विकल्प हैं. अवधि यानी वो समय सीमा जिसे निवेशक म्यूचुअल फंड में निवेश करने के लिए चुनता है. यह हर दिन, हर 10 दिन, हर महीने, हर तिमाही या सिर्फ एक बार हो सकता है. निवेशक इसे अपने हिसाब से चुन सकता है.
निरंतर निवेश (हर महीने) करने की इस आदत को सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) कहा जाता है, जबकि किसी भी पर्याप्त राशि के एक बार में किए गए निवेश को एकमुश्त निवेश के रूप में जाना जाता है. यह ध्यान देने की बात है कि दोनों निवेश, निवेश की अवधि के आधार पर कैटिगराइज किए गए हैं और उनके अपने खास फीचर हैं.
छोटा और नियमित निवेश, चूंकि दो निवेशों के बीच की अवधि छोटी होती है, SIP आपके बजट पर भार नहीं डालता और
साथ ही साथ आपको बड़ी संपत्ति बनाने में मदद करता है. इस तरह का निवेश बिगनर्स के लिए अच्छा है.
अपने खर्चों और अपनी जीवन शैली के लिए अनुशासन: चूंकि निवेश नियमित अंतराल पर निरंतर होता है, यह सेव फर्स्ट
पे लेटर की स्ट्रेटजी को पाने में मदद करता है. यह अप्रत्यक्ष रूप से खर्च करने की आदतों में अनुशासन लाता है और
साथ ही आपको अपने वित्तीय लक्ष्यों तक पहुंचने में मदद करता है.
कंपाउंडिंग की पावर: संभवत: ये सभी SIP का सबसे चर्चित फीचर है और सबसे प्रभावी भी. जब SIP रिटर्न जनरेट करता
है तो उसे आपके नए निवेश के साथ कॉर्पस में फिर से निवेश किया जाता है. उदाहरण के लिए 2000 रु. प्रति माह SIP
में हर महीने निवेश किया गया तो 10% के रेट से कंपाउंडेड एनुअल ग्रोथ रेट (CAGR) 5 साल बाद 1,54,874 रुपए
जनरेट कर सकता है.
रुपए की कॉस्ट एवरेजिंग: कंपाउंडिंग की पावर के समान यह एक और क्लासिक SIP फीचर है जो मार्केट वोलैटिलिटी को
चकमा देने में मदद करती है. यह कम पर खरीदने और हाई पर सेल करने का सिद्धांत है, हालांकि मार्केट को टाइम
करना बहुत मुश्किल है, इसलिए SIP लगातार निवेश करके टाइम के रिस्क को कम कर सकता है. इस तरह जब मार्केट
नीचे होता है तो म्युचुअल फंड की ज्यादा यूनिट खरीदी जाती हैं.
निवेश में आसानी: मौजूदा डिजिटल वर्ल्ड के साथ SIP में निवेश ऑनलाइन शॉपिंग की तुलना में आसान है. वन टाइम
KYC और कॉमन अकाउंट नंबर के लिए रजिस्ट्रेशन आपको केवल एक क्लिक के साथ SIP को चुनने, स्विच करने,
स्टॉप करने, फिर से शुरू करने, मॉडिफाई करने की सुविधा देता है. इसके अलावा SIP मैंडेट, SIP की तारीख पर आपके
बैंक अकाउंट से सीधे डेबिट कर देता है, इसलिए पेमेंट के लिए फंड ट्रांसफर करने या किसी वेबसाइट पर जाने की जरूरत
नहीं है. यदि SIP रोल्स रॉयस है, एकमुश्त निवेश बुगाटी है, तो आइए इसके फीचर भी जान लें
बड़ी निवेश राशियां: एकमुश्त शब्द ही एक बार में पर्याप्त राशि के निवेश का सुझाव देता है. एकमुश्त निवेश रिटर्न कमाने
के लिहाज से ज्यादा बेहतर है क्योंकि आपकी पूंजी लंबे समय तक बाजार में बनी रहती है. इससे आपको कंपाउंडिंग का
फायदा मिलता है जो लंबे अवधि में आपके रिटर्न को कई गुना बढ़ा देता है.
निश्चित अंतराल के बिना निवेश: एकमुश्त निवेश में किसी भी समय और किसी भी अंतराल पर निवेश करने की लक्जरी
होती है क्योंकि इस तरह के निवेश में कोई बैंक मैंडेट शामिल नहीं होता है.
समय-आधारित निवेश: एकमुश्त निवेश में टाइमिंग बहुत महत्वपूर्ण पहलू है क्योंकि बढ़ते हुए मार्केट में निवेश करना
बेकार है. बढ़ते हुए मार्केट में एकमुश्त निवेश के परिणामस्वरूप महंगी खरीदारी हो सकती है और इस तरह रिटर्न परसेंटेज
प्रभावित हो सकता है, इसलिए गिरते मार्केट में एकमुश्त निवेश करना हमेशा आइडियल होता है.
एकमुश्त बनाम SIP हमेशा एक मुश्किल सवाल है, हालांकि निवेशकों की जरूरतों के आधार पर, निवेश का सही तरीका
निर्धारित करना आसान है. जब बात निवेश की होती है तो कोई सीधा जवाब नहीं होता है, हालांकि हर निवेश के लिए
लंबी अवधि और धैर्य पैसा बनाने का सबसे अच्छा तरीका है.