क्या आपको सेक्टोरल टेक्नोलॉजी फंड में निवेश करना चाहिए?

आमतौर पर टेक्नोलॉजी फंड टेक्नोलॉजी बिजनेस के शेयरों में निवेश करते हैं. वो आमतौर पर डेवलपिंग टेक्नोलॉजी पर दांव लगाते हैं

Sectoral Technology Fund

image: pixabay, मोतीलाल ओसवाल के आलोक देवड़ा के मुताबिक लॉजिस्टिक्स बाजार, जिसकी कीमत 250 बिलियन अमेरिकी डॉलर है, इस सेक्टर की मांग में तेजी के साथ 10-12% सीएजीआर (कंपाउंडेड एनुअल ग्रोथ रेट) की दर से बढ़ने की उम्मीद है.

image: pixabay, मोतीलाल ओसवाल के आलोक देवड़ा के मुताबिक लॉजिस्टिक्स बाजार, जिसकी कीमत 250 बिलियन अमेरिकी डॉलर है, इस सेक्टर की मांग में तेजी के साथ 10-12% सीएजीआर (कंपाउंडेड एनुअल ग्रोथ रेट) की दर से बढ़ने की उम्मीद है.

इक्विटी कैटेगरी में पिछले एक साल में रिटर्न के मामले में सेक्टोरल टेक्नोलॉजी फंड सबसे आगे रहे हैं. वैल्यू रिसर्च डेटा से पता चलता है कि 30 जुलाई, 2021 तक टेक्नोलॉजी फंड ने एक, तीन और पांच सालों में 82.15%, 30.59% और 25.83% का रिटर्न दिया है. आइए एक नज़र यह समझने के लिए डालते हैं कि क्या टेक्नोलॉजी फंड आप के लिए सही हैं.

टेक्नोलॉजी फंड क्या हैं?

आमतौर पर, टेक्नोलॉजी फंड टेक्नोलॉजी बिजनेस के शेयरों में निवेश करते हैं. वो आमतौर पर डेवलपिंग टेक्नोलॉजी पर दांव लगाते हैं जो इंडस्ट्री को नए विकास के साथ डिसरप्ट कर सकते हैं. कुछ महत्वपूर्ण भारतीय टेक्नोलॉजी फंड ICICI प्रूडेंशियल टेक्नोलॉजी फंड, SBI IT फंड और फ्रैंकलिन इंडिया टेक्नोलॉजी फंड हैं.

उनके पोर्टफोलियो में इंफोसिस, HCL टेक्नोलॉजीज, टेक महिंद्रा और माइंड ट्री जैसी टेक्नोलॉजी फर्म शामिल हैं. इन फंडों में से अधिकांश कंपनियां तकनीकी विकास के माध्यम से कॉम्पलिकेटेड बिजनेस चैलेंज को हल करने पर केंद्रित हैं. IT, डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन, डेटा एनालिटिक्स, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग इसके कुछ उदाहरण हैं.

इन्वेस्टमेंट व्हाइट ओक कैपिटल मैनेजमेंट के डायरेक्टर रोहित चोराडिया ने कहा, “डिजिटल-नेटिव, मोबाइल-फर्स्ट कंपनियों की एक नई फसल उभर रही है और वर्ल्ड क्लास, फ्रिक्शनलेस पेमेंट इकोसिस्टम को तेज गति से बढ़ा रही है. ये अगले 5-10 सालों में बाजार का एक बड़ा हिस्सा बन जाएंगे.”

टैक्सेशन एसपेक्ट

इक्विटी फंड की तरह इस फंड में निवेश पर शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन पर 15% टैक्स लगता है. अगर यूनिट्स को अलॉटमेंट के एक साल के अंदर बेचा जाता है. लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन 10% टैक्स लगता है.

इसमें क्या जोखिम शामिल है?

सेक्टोरल फंड सबसे जोखिम भरे म्यूचुअल फंडों में से हैं. क्योंकि ये फंड विशेष रूप से एक क्षेत्र में निवेश करते हैं, इसलिए इनमें क्षेत्र की विविधता का अभाव होता है, जो उनके ज्यादा जोखिम होने का प्राइम फैक्टर है. यदि सेक्टर गिरता है, तो पोर्टफोलियो के सभी शेयर कोलेप्स हो जाएंगे, नुकसान को कम करने के लिए कुछ भी नहीं होगा. ये फंड केवल सबसे अनुभवी निवेशकों के लिए उपयुक्त हैं, और फिर भी पोर्टफोलियो का 10% से अधिक इसमें निवेश नहीं किया जाना चाहिए.

क्या आपको निवेश करना चाहिए?

> भारत में टेक्नोलॉजी म्यूचुअल फंड ने नियमित रूप से पांच सालों में 15% से 21% का सालाना रिटर्न दिया है. इतने मजबूत ट्रैक रिकॉर्ड के साथ इन फंडों से भविष्य में भी मजबूत रिटर्न मिलने की उम्मीद है.
> टेक्नोलॉजी म्युचुअल फंड में निवेश का प्राथमिक लाभ यह है कि वे निवेशकों को एक ही फंड के माध्यम से दर्जनों टेक्नोलॉजी बिजनेस के लिए जोखिम प्रदान करते हैं.
> आदर्श रूप से, निवेशकों को अपनी होल्डिंग में विविधता लाने के लिए इस फंड में निवेश करना चाहिए. धन कमाने के लिए केवल इस फंड पर निर्भर नहीं रहना चाहिए.
> टेक्नोलॉजी फंड में निवेश करने पर विचार करने वाले निवेशकों को पिछले तीन सालों में फंड के प्रदर्शन की बारीकी से निगरानी करनी चाहिए. साथ ही, किसी को टेक्नोलॉजी सेक्टर और उसके पोटेंशियल मार्केट की पूरी समझ होनी चाहिए.
> चूंकि ये फंड मुख्य रूप से इक्विटी में निवेश करते हैं, इसलिए ये शॉर्ट टर्म में वोलेटाइल हो सकते हैं. हालांकि, अगर निवेशक इसे लंबे समय तक बनाए रखते हैं तो जोखिम काफी हद तक कम हो जाता है.

Published - August 3, 2021, 07:25 IST