घर खरीदना बड़ा फैसला होता है. बहुत कम लोग ही करियर की शुरुआत में इस बारे में सोचते हैं. लेकिन, कम उम्र में यानी 20 से 30 साल के बीच ही अगर यह काम कर लिया जाए तो इसके कर्इ फायदे हैं. इससे आपको होम लोन की किस्त चुकाने के लिए ज्यादा समय मिल जाता है. तो यह सवाल उठता है कि घर खरीदने के लिये सबसे अच्छा समय कौन सा है- करियर की शुरुआत में या बाद में जब आपकी वित्तीय हालत ज्यादा बेहतर हो. आज हम आपको इस बारे में बताएंगे.
कम उम्र में घर खरीदने के फायदे
घर खरीदना किसी के लिए भी एक चुनौती से कम नहीं होता. लेकिन समय रहते घर खरीदने का बड़ा फायदा ये है कि आप ना सिर्फ अपने किराए के पैसे बचा सकते हैं बल्कि आप बढ़ती हुई सैलरी का सही जगह इस्तेमाल कर सकते हैं.
घर खरीदना हर किसी की ड्रीम लिस्ट में होता है ऐसे में आप जितनी कम उम्र में इस टारगेट को अचीव कर लेंगे तो बढ़ती उम्र में आप अपने ड्रीम्स पूरे कर पाएंगे.
जल्दी घर खरीदने से आप अपनी रिटायरमेंट से पहले पूरे लोन का भुगतान कर सकते हैं. जितनी जल्दी प्रॉपर्टी मिलेगी उतनी ही सस्ती पड़ती है और बाद में उसकी वैल्यू बढ़ जाती है.
जल्दी घर खरीदने से आप किराए के घर में रहने वाली परेशानियों से मुक्त हो सकते हैं. किराए के घर में आपको समय-समय पर घर बदलने की समस्या से छुटकारा मिल सकता है.
कम उम्र में टैक्स में भी बड़ी छूट का फायदा ले सकते हैं जिसमें आईटी एक्ट के तहत कई तरह के बेनिफिट्स शामिल हैं.
कम उम्र में घर खरीदने के नुकसान
लोग कम उम्र में लोन इस बात को सोचकर लेते हैं कि उनकी आमदनी लोन के टेन्योर में स्थिर बनी रहेगी. हालांकि, इसमें मुश्किलें आ सकती हैं. अगर आप अपनी नौकरी को बीच में छोड़ देते हैं, भले ही कुछ समय के लिये तो आपको ईएमआई का भुगतान करने में मुश्किल होगी. अगर आर तीन महीने से ज्यादा समय तक अपने होम लोन की ईएमआई नहीं भर पाते हैं, तो आपका लोग एनपीए की श्रेणी में आ जाएगा. इसके बाद बैंक के पास लोन की रिकवरी के लिये कई अधिकार हैं, जिसमें आपकी प्रॉपर्टी की नीलामी करना भी शामिल है. इससे आपके क्रेडिट स्कोर को नुकसान होगा.
इसके अलावा अगर आपने इसके बारे में पूरी प्लानिंग नहीं की है, जैसे डाउन पेमेंट का भुगतान और इससे जुड़े दूसरे भुगतान तो आप पर लोन का दबाव बढ़ता जाएगा और आपके लिये दूसरे जरुरी खर्च करना मुश्किल हो जाएगा. बहुत से लोग इसमें अपने इमरजेंसी फंड को खत्म कर देते हैं और अपने इंश्योरेंस प्लान्स को भी रोक देते हैं जिससे उनके पास लोन का भुगतान करने के पैसे बचते हैं, लेकिन इससे जिंदगी में आने वाली मुश्किलों के लिये पैसे नहीं बचते. इससे उन्हें अपने खर्चों को बहुत कम करना पड़ता है जैसे घूमने जाना जिससे व्यक्ति पर बहुत दबाव हो सकता है.