समझदारी से टैक्स सेविंग प्लान चुनकर सीनियर सिटीजन कर सकते हैं ज्यादा सेविंग

फाइनेंशियल ईयर के अंत से पहले टैक्स बचाने के तरीकों की तलाश कर रहे सीनियर सिटीजन को सलाह दी जाती है कि वो किसी भी लाइफ इंश्योरेंस प्रोडक्ट से बचें.

  • Team Money9
  • Updated Date - October 11, 2021, 11:27 IST
Senior citizens can save more by choosing tax saving plans wisely

टैक्स सेवर FD में आप कम से कम 100 रुपये या उसके मल्टीपल में निवेश कर सकते हैं.

टैक्स सेवर FD में आप कम से कम 100 रुपये या उसके मल्टीपल में निवेश कर सकते हैं.

हर साल कैलेंडर बदलने के बाद, लोग इनकम टैक्स एक्ट, 1961 के सेक्शन 80C के तहत 1.50 लाख रुपये तक के डिडक्शन का फायदा उठाने के लिए उपलब्ध सभी टैक्स-सेविंग अवसरों की तलाश शुरू कर देते हैं. लेकिन कई बार वो जल्दबाजी में सही निर्णय नहीं ले पाते जिसके चलते अक्सर निवेशक गलत निर्णय ले लेते हैं और ऐसे प्लान चुन लेते हैं जो उनके लिए बहुत बढ़िया नहीं हैं. कभी-कभी निवेशक फाइनेंशियल प्रोडक्ट डिस्ट्रीब्यूटर और एजेंटों के कारण भी परेशान होते हैं जो अपने कमीशन को ज्यादा बनाने के चक्कर में निवेशकों की जरूरतों को समझे बिना प्रोडक्ट सेल कर देते हैं. जो बाद में उनके लिए परफेक्ट फिट साबित नहीं होता. कुछ उदाहरण हैं जहां प्राइवेट सेक्टर बैंकों के रिलेशनशिप मैनेजर ने लॉन्ग टर्म फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) के रूप में सीनियर सिटीजन को सिंगल प्रीमियम गारंटीड रिटर्न स्कीम बेची हैं.

लाइफ इंश्योरेंस लेने से बचें सीनियर सिटीजन

फाइनेंशियल ईयर के अंत से पहले टैक्स बचाने के तरीकों की तलाश कर रहे सीनियर सिटीजन को सलाह दी जाती है कि वो किसी भी लाइफ इंश्योरेंस प्रोडक्ट से बचें. लाइफ इंश्योरेंस केवल तब जरूरी है जब आप कमा रहे होते हैं और आपके परिवार के सदस्यों के प्रति आपकी जिम्मेदारियां होती हैं. जब आप रिटायर होते हैं तब तक अपने सभी दायित्व पूरे कर चुके होते हैं इसलिए लाइफ इंश्योरेंस प्रोडक्ट की जरूरत नहीं होती है.

लाइफ की इस स्टेज के दौरान आपकी प्राथमिकताएं कैपिटल सिक्योरिटी, रेगुलर इनकम जनरेट करना, हेल्थकेयर और रिटायरमेंट से संबंधित खर्चों को मैनेज करना होना चाहिए. इस तरह, टैक्स सेविंग के लिए प्लान ढूंढ़ते समय आप अपनी इन प्राथमिकताओं को हमेशा ध्यान में रखें. आप या तो शॉर्ट लॉक-इन पीरियड वाले प्लान चुन सकते हैं या रेगुलर रिटर्न के साथ अच्छा रिटर्न देने वाले प्लान के साथ जा सकते हैं.

इक्विटी लिंक्ड सेविंग्स स्कीम (ELSS)

सीनियर सिटीजन के लिए अवेलेबल टैक्स-सेविंग प्लान पर नजर डालें, तो इक्विटी लिंक्ड सेविंग्स स्कीम (ELSS) जिसे टैक्स-सेविंग म्यूचुअल फंड भी कहा जाता है, तीन साल के कम से कम लॉक-इन पीरियड के साथ एक अच्छा प्लान है. ELSS में तीन साल में अच्छा मार्केट-लिंक्ड रिटर्न देने की भी क्षमता है, इस तरह आप कई क्वांटिटेटिव और क्वालिटेटिव फैक्टर्स कंसीडर करने के बाद सावधानी से एक ELSS फंड चुन सकते हैं.

नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट (NSC), टैक्स-सेवर बैंक FD, पब्लिक प्रोविडेंट फंड जैसे दूसरे फिक्स्ड इनकम टैक्स सेविंग प्लान की तुलना में, ELSS में तीन सालों में बेहतर मार्केट-लिंक्ड रिटर्न देने की क्षमता है. एक रिटायर व्यक्ति को ELSS में निवेश करने के लिए सिस्टेमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) के तरीके से बचना चाहिए, क्योंकि आपकी हर SIP किस्त तीन साल के लॉक-इन पीरियड के अधीन होगी. इसके बजाय, ELSS में एकमुश्त निवेश करने पर विचार करें. जब ELSS में लॉक-इन पीरियड पूरा हो जाएगा, तो आप सिस्टेमैटिक विद्ड्रॉल प्लान (SWP) के जरिए अमाउंट निकाल सकते हैं. यह म्यूचुअल फंड हाउस द्वारा दी जाने वाली एक फैसिलिटी है, जो रिटायरमेंट के खर्चों को पूरा करने के लिए कैश फ्लो जनरेट करती है.

ELSS के अलावा, पांच साल के टैक्स सेवर बैंक FD के साथ-साथ सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम (SCSS) में निवेश करना भी स्टेबिलिटी और डायवर्सिफिकेशन के लिए एक बढ़िया ऑप्शन होगा. टैक्स सेविंग FD को 5 साल पूरा होने से पहले नहीं तोड़ा जा सकता लेकिन यह लॉक-इन एक तरह से फंड को सुरक्षित और स्थिर रखने के लिए अच्छा है.

टैक्स सेवर FD में आप कम से कम 100 रुपये या उसके मल्टीपल में निवेश कर सकते हैं. ध्यान देने वाली बात यह है कि इंटरेस्ट रेट हर बैंक का अलग-अलग होता है.ए क रिटायर व्यक्ति अपनी जरूरत के हिसाब से तिमाही इंटरेस्ट पेआउट प्लान या मासिक इंटरेस्ट पेआउट प्लान पर विचार कर सकता है. डिपॉजिट एक नाम या संयुक्त रूप से किया जा सकता है यदि इसे ज्वाइंट होल्डिंग में रखा गया है तो सेक्शन 80C का डिडक्शन बेनिफिट केवल पहले होल्डर के लिए उपलब्ध है जिसके पास PAN (परमानेंट अकाउंट नंबर) है.

सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम (SCSS)

इसी तरह सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम (SCSS) भी रिटायर्ड लोगों के लिए एक अच्छा टैक्स-सेविंग ऑप्शन है. यह सरकार समर्थित है और खासतौर से सीनियर सिटीजन की फाइनेंशियल सिक्योरिटी के लिए डिजाइन किया गया है. यह सालाना 7.40% का इंटरेस्ट रेट ऑफर करता है. इसे व्यक्तिगत रूप से या अपने जीवनसाथी के साथ संयुक्त रूप से खोला जा सकता है. अकाउंट खोलने से पहले और बाद में नॉमिनेशन की सुविधा उपलब्ध है.

SCSS के तहत अधिकतम 15 लाख रुपये एकमुश्त जमा कर सकते हैं और न्यूनतम 1,000 रुपये. यह सेक्शन 80C के तहत सालाना 1.50 लाख रुपये तक के डिडक्शन के लिए एलिजिबल है. SCSS के तहत कमाया इंटरेस्ट तिमाही आधार पर देय है और जमा करने की तारीख से 31 मार्च / 30 जून / 30 सितंबर / 31 दिसंबर तक लागू है. इस पर कमाया इंटरेस्ट टैक्सेबल है, बैंक डिपॉजिट पर कमाए इंटरेस्ट पर सालाना 50,000 रुपये तक छूट है. 60-80 उम्र के सीनियर सिटीजन के लिए छूट की सीमा 3 लाख रुपये है, 80 से अधिक उम्र के लिए यह 5 लाख रुपये है.

केंद्रीय बजट 2021 और हेल्थ इंश्योरेंस

यदि पेंशन और इंटरेस्ट इनकम सालाना इनकम का एकमात्र जरिया है, तो 75 साल और उससे अधिक उम्र के सिटीजन को केंद्रीय बजट 2021 के बाद अपना इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने की जरूरत नहीं है. आप ELSS और नॉन-मार्केट लिंक्ड टैक्स-सेविंग प्लान में 80:20 या 75:25 का एलोकेशन फॉलो कर सकते हैं. आप एक हेल्थ इंश्योरेंस कवर भी ले सकते हैं, कुछ डिजीज और डिसऑर्डर हैं, जिनपर आप सेक्शन 80DDB के जरिए 1 लाख रुपये तक या खर्च किया गया अमाउंट, जो भी कम हो के डिडक्शन का फायदा उठा सकते हैं. इसी तरह, जो लोग चैरिटी में इंगेज हैं, वो इनकम टैक्स एक्ट, 1961 के सेक्शन 80G के तहत डिडक्शन का फायदा उठा सकते हैं.

(लेखक, SAG इन्फोटेक के को-फाउंडर और MD हैं)

Published - October 11, 2021, 11:27 IST