Retirement Planning: देश के वरिष्ठ नागरिकों को ब्याज दरों में गिरावट की वजह से मुश्किल समय देखना पड़ रहा है क्योंकि ये लोग अपने महीने के खर्च के लिए ज्यादातर अपनी एफडी (FD) पर ही निर्भर हैं. अब जो लोग अपने फंड को एक लंबे समय के लिए निवेश करने के बारे में सोच रहे हैं, उनके लिए भी पेंशन प्लान एक अच्छा विकल्प हो सकता है. यह माना जा रहा है कि लंबे समय में मुद्रास्फीति में गिरावट आएगी (inflation ) जिससे ब्याज दरें गिरने की संभावना से भी इनकार नहीं किया जा सकता.
यहां पांच पेंशन स्कीम्स दी गई हैं, जिनमें आप अपनी रिटायरमेंट के समय मिलने वाली एकमुश्त रकम डाल सकते हैं और जो लोग रिटायरमेंट के बारे में जवानी से ही सोच रहे हैं उनके लिए भी ये बेहतर विकल्प हो सकती हैं.
ये एक नॉन-लिंक्ड, नॉन-पार्टिसिपेटिंग, सिंगल प्रीमियम प्लान है और 40 से 80 साल के बीच के लोग इस प्लान को चुन सकते हैं. इसमें आपको जिंदगी भर पेंशन का भुगतान किया जाएगा और निवेश की जाने वाली रकम की भी कोई अधिकतम सीमा नहीं है.
इस प्लान में दो तरह के एन्यूटि ऑप्शन मौजूद हैं:
विकल्प 1 (सिंगल लाइफ): इसमें लाइफ एन्यूटि के साथ ही 100% परचेज रेट की वापसी होती है
विकल्प 2 (ज्वाइंट लाइफ): यहां लास्ट सरवाइवर की मौत से पहले तक पेंशन मिलती है और उसके बाद परचेज प्राइज (Purchase price) का 100% वापस मिलता है.
जब कोई एलआईसी सरल पेंशन योजना में 10 लाख रुपये का निवेश करता है, तो उसे 51,650 रुपये सालाना पेंशन मिलेगी जो कि प्रति माह 4,304 रुपये होता है. और ज्वाइंट लाइफ के मामले में, सालाना पेंशन 51,150 रुपये होगी.
इस प्लान में आप रिटायरमेंट के समय मिलने वाली रकम जमा कर सकते हैं.
प्रधान मंत्री वय वंदना योजना (PMVVY) एक तत्काल पेंशन स्कीम है जो वापसी की सुनिश्चित दर के साथ पेंशन का भुगतान करती है. ये स्कीम खासतौर से उन वरिष्ठ नागरिकों के लिए तैयार की गई है, जिनकी उम्र 60 साल से ज्यादा है.
इस वक्त ये स्कीम 7.4% का एन्यूअल रिटर्न दे रही है. ये पॉलिसी 10 साल के समय के लिए है और आप इसमें ज्यादा से ज्यादा 15 लाख रुपये तक का निवेश कर सकते हैं.
पॉलिसी लेने के 3 साल पूरे होने पर आप पॉलिसी पर लोन ले सकते है जो कि निवेश की गई रकम का 75 प्रतिशत होगा.\
(PMVVY) की ही तरह सीनियर सिटिजन सेविंग स्कीम (SCSS) भी रिटायरमेंट पर मिलने वाले फंड को निवेश करने के लिए है. यह स्कीम वरिष्ठ नागरिकों के बीच काफी पसंद की जाती है. दरअसल इस स्कीम में सरकार भी सहयोग देती है.
60 साल से ज्यादा उम्र के लोग इसमें निवेश कर सकते हैं. यह सालाना सबसे ज्यादा रिटर्न (7.4%) देती है जो आपकी जमा की गई रकम पर निर्भर करता है. और यहां निवेश की इसकी अधिकतम सीमा 15 लाख रुपये तक है.
स्कीम की समय सीमा पांच साल है. पर खाते को 3 साल के लिए आगे बढ़ाया जा सकता है.
वरिष्ठ नागरिकों के अलावा, 55 साल से ज्यादा और 60 साल से कम उम्र के रिटायर्ड कर्मचारी भी इसमें आवेदन कर सकते हैं बशर्ते रिटायरमेंट बेनिफिट मिलने के 1 महीने के भीतर ही निवेश किया जाए. रक्षा कर्मचारियों के लिए उम्र की ये सीमा 50 साल से ज्यादा और 60 साल से कम है.
जून 2015 में समाज के हर वर्ग के लिए एक सुरक्षा तंत्र बनाए जाने के इरादे से अटल पेंशन योजना (APY) लागू की गई. इसमें खासतौर से गरीब, वंचित और असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को शामिल करने का प्रयास किया गया.
यह स्कीम 18-40 साल की उम्र के बीच के सभी भारतीय नागरिकों के लिए है.
पेंशन स्कीम में आपके किए गये निवेश के आधार पर 60 साल की उम्र के बाद हर महीने 1,000 रुपये से लेकर 2,000, 3,000, 4,000 और 5,000 रुपये तक पेंशन मिल सकती है.
इस स्कीम के तहत, सरकार आपके निवेश का 50% या फिर सालाना 1,000 रुपया, जो भी रकम इसमें से कम है उसके बराबर का योगदान देती है.
नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) सरकार द्वारा प्रायोजित सबसे खास योजनाओं में से एक है. ये एक लोकप्रिय टैक्स फ्रैंडली स्कीम है. एनपीएस (NPS) भारत के लोगों को बेहतर ऑपशन्स देती है और साथ ही अपने ग्राहकों की लंबे समय तक वित्तीय सुरक्षा (Financial security) भी सुनिश्चित करती है. पीएफआरडीए (PFRDA) द्वारा राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली में प्रवेश करने की अधिकतम उम्र 65 साल से बढ़ाकर 70 साल कर दी गई है.
यहां आप मैच्योरिटी की तारीख से पहले 25 फीसदी रकम निकाल सकते हैं, लेकिन ये सब्सक्रिप्शन शुरू होने के तीन साल बाद ही मुमकिन है.
अगर ग्राहक के परमानेन्ट रिटायरमेंट अकाउंट (permanent retirement account) में पेंशन की रकम 5 लाख रुपये के बराबर या उससे कम है, तो सब्सक्राइबर के पास बिना एन्यूटि खरीदे सारा पैसा निकाल लेने का विकल्प होगा.
हालांकि, इस विकल्प को चुनने के बाद, एनपीएस (NPS ) के तहत, एम्प्लॉयर या सरकार से कोई भी पेंशन या दूसरी कोई भी रकम लेने का अधिकार खत्म हो जाएगा.
2011 की जनगणना रिपोर्ट (census report) के मुताबिक, वरिष्ठ नागरिकों की संख्या 10.3 करोड़ या जनसंख्या का लगभग 8.6% थी. और अगले तीन दशकों में यह आंकड़ा लगभग 32 करोड़ तक पहुंचने का अनुमान है.