Retirement Planning: अगर आप वक्त के साथ रिटायर होना चाहते हैं, तो आपको अमीर होकर रिटायर होना पड़ेगा. इसलिए, अपने जीवन के आखिरी स्वर्णिम सालों के लिए अच्छी योजना (Retirement Planning) बनाकर अभी से इसके लिए शुरुआत करें
अमीर होकर रिटायर होने के लिए बहुत सारी मेहनत और पैसा लगता है. कुछ लोग 25 साल की उम्र में रिटायर हो जाते हैं, तो कुछ 65 साल की उम्र तक काम करते हुए संघर्ष करते हैं.
अच्छे रिटायरमेंट के लिए आपको 6 या 7 डिजिट वाली महीने की सैलरी की जरूरत नहीं है. इसके लिए सिर्फ आपको चाहिए बेहतर प्लानिंग और अनुशासन का पालन. अगर आप अपना अमीर रिटायरमेंट चाहते हैं, तो कुछ बातों का खास ख्याल रखना होगा.
अगर आप अपनी महीने की सैलरी को बढ़ाने के लिए फोकस नहीं करेंगे, तो आपको अपना स्वर्णिम दौर को गरीबी में बिताना पड़ेगा.
अगर आप पार्ट टाइम प्रोजेक्ट नहीं खोज पाए हैं या अपने सपनों की नौकरी की तलाश में हैं, तो आपका फोकस वर्तमान सैलरी को डबल करने की ओर सोचना चाहिए.
इसके लिए आपको समय के साथ चलना होगा और कमाई के और दूसरे सोर्स तलाशने होंगे. वरना आप भविष्य में कठिन आर्थिक हालातों में फंस सकते हैं. इसलिए बेहतर रिटायरमेंट के लिए आपको अपनी कमाई को बढ़ाने की ओर ध्यान देना चाहिए.
बेहतर रिटायरमेंट न होने का बड़ा कारण समय पर बचत नहीं कर पाना है. बेहतर रिटायरमेंट हासिल करने के लिए जरूरी है कि बचत करें और पैसे जोड़ें. आपके सारे प्लान बेमानी हैं अगर आप अपनी महीने की सैलरी में से बचत नहीं कर पा रहे हैं.
अगर आप कुछ पैसे बचाकर नहीं सुरक्षित रख पा रहे हैं, तो ऐसा करने का प्रयास करें या अपने बेवजह के खर्चे जैसे बाहर खाने, मासिक सब्सक्रिप्शन, फोन बिल और दूसरे दूसरे खर्चों में कटौती करें.
इसके अलावा आपको महीने की सैलरी के अलावा कमाई के और दूसरे सोर्स भी खोजने चाहिए. अगर आप डिजिटल मार्केटिंग, एनिमेशन या इन पेशों से जुड़ी नौकरियां करते हैं, तो फ्रीलांस प्रोजेक्ट्स देखें. कमाई के दूसरे सोर्स न भी मिलें तो पैसे बचाना सीखें.
अगर छोटे-छोटे बिल, घर के सामान या दूसरी जरूरी चीजों की रकम को चुकाने के लिए क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल कर रहे हैं, तो आपको अपनी आर्थिक स्थिति के बारे में सोचना चाहिए. आप कर्ज के जाल में फंस रहे हैं.
क्रेडिट कार्ड के बिल को न चुका पाने से न सिर्फ आपका क्रेडिट स्कोर प्रभावित होगा बल्कि आपको ज्यादा ब्याज भी चुकानी पड़ेगी. जो एक तरह का कर्ज है, तो वक्त है कि आप हर छोटी चीज़ों के लिए क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करना बंद करें और डेबिट कार्ड से पेमेंट करें.
अगर आपकी जेब महीने के आखिर में हर बार खाली हो जाती है और आप अगली सैलरी का इंतजार करते हैं, तो वक्त है कि अपने आर्थिक हालातों के बारे में सोचने का. ये आपकी खस्ता होती आर्थिक स्थिति की ओर इशारा करता है.
आप पूरी तरह से अपनी सैलरी पर निर्भर नहीं होने चाहिए. आपको महीना खत्म होने से पहले कुछ बचत करके रखनी चाहिए. जरूरी बात है कि भविष्य में लोन देने से पहले बैंक इस ओर भी ध्यान देता है.
आप जिस क्षेत्र में नौकरी कर रहे हैं, अगर उस क्षेत्र में नई नौकरियों की संभावनाएं नहीं हैं तो जरूरी है कि आप पार्ट टाइम या फ्रीलांस जॉब की ओर भी ध्यान दें. ऐसा करने से न सिर्फ आपकी अतिरिक्त कमाई होगी बल्कि मुश्किल वक्त में मदद मिलेगी.
अगर आप अपनी नौकरी के क्षेत्र में सिर्फ गुजर-बसर कर पा रहे हैं, तो सेकेंड करियर ऑप्शन की ओर ध्यान दें. जो आपको बेहतर सैलरी और भविष्य की गारंटी दे सके.
जीवन में अनिश्चितताओं का पता नहीं होता है, इसलिए आपातकाल के लिए इमरजेंसी फंड होना बेहद जरूरी है. अगर आपके पास इमरजेंसी फंड नहीं है, तो कोविड के हालिया दौर को देखते हुए अभी से इसके लिए तैयारी शुरू कर दें.
अगर आप ऐसा नहीं करते हैं, तो रिटायरमेंट के दौरान मुसीबतों का सामना करना पड़ सकता है. इस नियम के मुताबिक आपके पास करीब 6 महीने की सैलरी के बराबर का इमरजेंसी फंड जमा होना चाहिए.
अगर आपके सैलरी 25 हजार रुपए महीने है, तो आपके पास इमरजेंसी फंड के तौर पर करीब 1.5 से 2 लाख रुपये फंड होना जरूरी है.
जो चावल आप 30 रुपए किलो में खरीद रहे थे, वो आज बढ़कर 100 रुपए किलो में मिल रहा है. अगर आप महंगाई को ध्यान में रखते हुए अपने भविष्य की प्लानिंग नहीं कर रहे हैं, तो आपकी सोच गलत है.
रोजाना के खर्चों में महंगाई जबरदस्त असर डाल रही है. इसके चलते आपकी बचत पर भी खासा असर पड़ रहा है. इन तमाम बातों को ध्यान में रखते हुए अपने रिटायरमेंट को प्लान करें.
अगर आप उन निवेशकों में से हैं जो बिल्कुल खतरा मोल नहीं लेना चाहते हैं, तो आपके लिए ज्यादा कमाई के अवसर बेहद सीमित हैं. साथ ही ये गलती आपके बेहद रिटायरमेंट के प्लान पर पानी फेर सकता है.
अगर आप सिर्फ पीपीएफ और फिक्स्ड डिपोजिट जैसे विकल्पों में फंसे रहेंगे, तो गलत फैसले ले रहे हैं. ध्यान रखिए, आपको अपने पोर्टफोलियो को संतुलित बनाए रखना है. जो आपके जोखिम को संतुलित बनाए रखने के साथ अच्छा रिटर्न दे.
इसके लिए आप इक्विटी और उससे जुड़े फंड्स, इंश्योरेंस इनवेस्टमेंट और दूसरे फंड्स में निवेश कर सकते हैं.