Real Estate Sector: रियल एस्टेट बाजार में कोविड -19 की दूसरी लहर के बाद नए सिरे से हलचल दिखाई दे रही है. घरों की बिक्री इस उम्मीद के साथ बढ़ रही है कि जैसे-जैसे हालात सामान्य होंगे कीमतों में भी तेजी आएगी. ANAROCK प्रॉपर्टी कंसल्टेंट्स के आंकड़ों से पता चलता है कि दूसरी लहर धीमी पड़ने के साथ-साथ रियल एस्टेट (Real estate) की बिक्री में अचानक वृद्धि हुई है.
घरों की बिक्री में तेजी
एनारॉक प्रॉपर्टी कंसल्टेंट्स (ANAROCK) के अध्यक्ष अनुज पुरी ने बताया, “पिछले तीन महीनों (अप्रैल से जून की अवधि) में जून सबसे अच्छा महीना रहा है. तीन महीनों में टॉप 7 शहरों में कुल मिलाकर करीब 24,570 यूनिट्स की बिक्री हुई है. इसमें से करीब 50-60% अकेले जून में थी, उस वक्त कोविड-19 की दूसरी लहर धीरे-धीरे कम होनी शुरू हुई थी.”
दूसरे नंबर पर अप्रैल के महीने में लगभग 30% बिक्री हुई, जबकि मई – जब दूसरी लहर अपने चरम पर थी – में सबसे कम खरीदारी 10-20% के बीच देखी गई. पुरी ने कहा, “जब राज्यों ने लॉकडाउन और प्रतिबंध लगाना शुरू किया और बाद में उन्हें कम करना शुरू किया, तो बिक्री हर शहर में अलग थी.”
टीकाकरण की गति और सीमा भविष्य की बिक्री तय करेगी. स्क्वायर यार्ड्स के मुख्य साझीदार दीपक खंडेलवाल ने कहा, “चूंकि टीकाकरण अभियान तेज़ी पकड़ रहा है, हम उम्मीद करते हैं कि नए प्रोजेक्ट लॉन्च होने और कारोबार के धीरे-धीरे पटरी पर आने के साथ घरेलू बिक्री में तेज उछाल आएगा.”
खरीदारी के रुझान में बदलाव
क्या कोविड -19 के बाद संपत्ति खरीदने के रुझान में बदलाव आया है? रियल एस्टेट कंपनियों के रुझान से पता चलता है कि खरीदार न केवल बड़े महानगरों को निवेश विकल्प के रूप में देख रहे हैं, बल्कि दूसरे पायदान के शहरों में संपत्तियों पर अपना ध्यान लगा रहे हैं.
खंडेलवाल ने कहा, “टियर -2 और टियर -3 शहरों में टाउनशिप और स्वायत्त गेटेड कम्युनिटी, जो एक सुरक्षित माहौल वाली होती हैं, घर खरीदारों के बीच लोकप्रिय हैं. अधिकांश घर खरीदारों का मानना है कि वे लुधियाना, चंडीगढ़, इंदौर और लखनऊ जैसे स्थानों में बेहतर शुरुआती कीमत, सुविधाएं और बड़े रिटर्न पा सकते हैं.”
गुड़गांव और मुंबई पसंदीदा मेट्रो शहरों में से हैं. खंडेलवाल का कहना है, “मौजूदा हालातों में, निवेश न केवल मुनाफे के दायरे से बल्कि उस क्षेत्र में रहने योग्य माहौल से भी निर्धारित होता है.”
स्क्वायर यार्ड्स की रिपोर्ट के अनुसार, “उपयुक्तता सूचकांक-द कोविड परिप्रेक्ष्य’ शीर्षक के अंतर्गत गुड़गांव को कोविड के दृष्टिकोण से मुंबई और बेंगलुरु की तुलना में अधिक रहने योग्य पाया गया. एसेट्स के ढेर सारे विकल्पों के साथ यह शहर रहने के लिए एक अच्छा विकल्प हो सकता है. इसके अलावा, मुंबई मेट्रोपॉलिटन रीजन (एमएमआर), बंगलुरु और पुणे को भी विशेष रूप से निवेश के लिए चुना जा सकता है क्योंकि यहाँ अगले 5-10 वर्षों में संभावित मूल्य वृद्धि की अधिक संभावना है. इन शहरों में परिवहन, प्रमुख औद्योगिक इकाइयों की स्थापना, विनिर्माण केंद्रों और एसईजेड क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर बुनियादी ढांचे में बदलाव देखा जा रहा है, जो इन शहरों के रहने योग्य सूचकांक को बदल देगा.”
टॉप शहर
ANAROCK के मुताबिक, चंडीगढ़ और लखनऊ भी शीर्ष स्थलों में शामिल हैं. पुरी ने बताया, “लखनऊ, जयपुर, अहमदाबाद, कोयम्बटूर, चंडीगढ़ आदि जैसे टियर -2 शहरों में संपत्ति की मांग में महामारी के बाद खासी वृद्धि देखी गई. कोविड-19 की दूसरी से ठीक पहले – विशेष रूप से अक्टूबर से दिसंबर तक – एनारॉक ने 2019 में कोविड-19 से पहले के मुकाबले लखनऊ में संपत्ति की डिमांड में दो गुना वृद्धि देखी. मजेदार बात यह है कि वित्त वर्ष 2021 में अनरॉक द्वारा प्राप्त कुल पूछताछ की दृष्टि से लखनऊ ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र-एनसीआर, चेन्नई और हैदराबाद जैसे कुछ शीर्ष शहरों को पीछे छोड़ दिया.”
खरीदने की सामर्थ्य के अलावा, कुछ गैर-मेट्रो शहरों में बेहतर बुनियादी ढाँचा एक बड़ा आकर्षण साबित हो रहा है.
पुरी ने बताया, “छोटे शहरों और कस्बों में रियल एस्टेट बाजारों को बड़े शहरों के मुकाबले उनकी कम कीमतों और इन टियर-2 और टियर-3 शहरों के मुकाबले बेहतर बुनियादी ढांचे मददगार साबित हो रहे हैं.”