आज रामनवमी (Ramnavmi) है. कहा जाता है कि रामनवमी (Ramnavmi) पर भगवान विष्णु ने श्रीराम के रूप में अवतार लिया था. इसे श्रीराम के जन्मदिवस भी माना जाता है. श्रीराम (ShreeRam) को धैर्य, मर्यादा और योजना बनाकर विजय हासिल करने वाला जाना जाता है. बस इन्हीं गुणों से आप भी अपनी लाइफ और मनी मैनेजमेंट के गुर सीख सकते हैं. श्रीराम (Ramnavmi) सिखाते हैं कि कैसे चुनौतियों से लड़ा जाता है और कैसे उनसे निपटा जाता है. खासकर आज के युग में फाइनेंशियल प्लानिंग के मंत्र को सीखने के लिए श्रीराम की जीवन से प्रेरणा लेनी चाहिए. आइये समझते हैं कैसे…
‘संजीवनी’ के लिए हनुमान नहीं आएंगे
रामायण (Ramayan) में जब रावण युद्ध के दौरान श्रीराम के छोटे भाई लक्ष्मण मूर्छित हो गए थे, तो उन्हें बचाने के लिए रामभक्त हनुमान संजीवनी बूटी लाए थे. लेकिन, इस युग में संजीवनी देने हनुमान नहीं आएंगे. आज के युग में ये संजीवनी बूटी हेल्थ इंश्योरेंस है, जो आपको ऐसे किसी संकट से निकालने में मदद करती है. इंश्योरेंस (Insurance) जिंदगी भर साथ निभाता है. और कुछ मामलों में जिंदगी के बाद भी आपके परिवार को आर्थिक सुरक्षा देता है. खासकर कोरोना जैसी महामारी के वक्त इलाज के खर्च, सेविंग्स खत्म होने और मृत्यु के बाद आपके परिवार की वित्तीय सहायता देने में मदद करता है. इसलिए हेल्थ इंश्योरेंस (Health Insurance) होना बहुत जरूरी है.
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मुश्किल वक्त में आपकी योजना ही देगी साथ
अयोध्या के राजकुमार के रूप में श्रीराम के राजतिलक से ठीक पहले उन्हें 14 साल के लिए वनवास जाना पड़ा. बिना सुख-सुविधाओं के लिए जीवन काटना पड़ा. लेकिन, उन्होंने इसे अपने संयम और धैर्य के साथ कर्तव्य मानकर पूरा किया. ऐसे ही आज के वक्त में हमें श्रीराम के इस कठिन वक्त से सीखना चाहिए कि आपातकालीन स्थितियों में कैसे इमरजेंसी फंड तैयार रखना चाहिए. इमरजेंसी फंड (Emergency fund) हर मुश्किल घड़ी में आपको वित्तीय सहायता देता है. इसकी प्लानिंग जितनी जल्दी करेंगे. उतना ज्यादा फायदा होगा. कोरोना की स्थिति में भी हमने देखा किस तरह लोगों की जमापूंजी खत्म हुई, नौकरी चली गई. ऐसी स्थिति में ही इमरजेंसी फंड काम आता है.
अनुशासन की लक्ष्मण रेखा न करें पार
श्रीराम से हमें अनुशासन सीखना चाहिए. किसी भी चीज के लिए अनुशासन बेहद जरूरी है. रामायण में जिस तरह लक्ष्मण ने मां सीता की सुरक्षा के लिए लक्ष्मण रेखा खींची थी, उसी तरह आपको अपनी वित्तीय सुरक्षा (Financial security) के लिए बजट जरूर तैयार करना चाहिए. इससे वित्तीय स्थिरता लाने में मदद मिलती है. आपको पता होना चाहिए कितना खर्च करना है और कितना बचाना है. अगर बजट की लक्ष्मण रेखा पार की तो मुश्किल वक्त में दिक्कत हो सकती है. लक्ष्मण रेखा की तरह फाइनेंशियल बजट की लिमिट (रेखा) बनानी चाहिए. इससे वित्तीय अनुशासन आएगा.
संयम और धैर्य से मिलेगी जीत
श्रीराम से हमें संयम और धैर्य रखना सीखना चाहिए. फाइनेंशियल प्लानिंग (Financial Planning) के लिए सबसे हम संयम है. वनवास के दौरान श्रीराम के सामने कई चुनौतियां थीं, लेकिन उन्होंने संयम बनाए रखा. योजना बनाकर सीता को रावण के हरण से मुक्ति दिलाई और रावण का वध किया. किसी भी तरह के वित्तीय संकट में भी धैर्य नहीं खोना चाहिए. संयम से प्लानिंग करने पर संकट कुछ समय में टल जाएगा. इसलिए फाइनेंशियल प्लानिंग करना जरूरी है. कितना पैसा है, कितनी बचत करनी है, कहां और कितना निवेश करना, इन सबकी संयम के साथ योजना बनाना जरूरी है.
एक ही हिरण के पीछे न भागें
श्रीराम का जीवन हमें निवेश की बारीकियां भी समझाता है. सीता ने श्रीराम (Ramnavmi) से हिरण को पकड़ने को कहा तो वह उसे पीछे दौड़ गए. कुछ देर बाद सीता ने लक्ष्मण को भी उनके पीछे भेजा. इस दौरान रावण ने सीता का हरण कर लिया. इस बात से सीखना चाहिए कि निवेश करते वक्त अपने पोर्टफोलियो को ऐसे तैयार करें, जहां आपको नुकसान होने की संभावना कम हो. मतलब एक जगह सारा पैसा निवेश न करें. क्योंकि, एक जगह का निवेश उतना रिटर्न नहीं देगा और अगर पैसा डूब गया तो आप उस वित्तीय जोखिम से निकल नहीं पाएंगे.