कोविड-19 की दूसरी लहर के बावजूद बढ़ी घरों की मांग, दर्ज की गई 1.7% की बढ़ोतरी

Property: कंपनियों द्वारा अपने कर्मचारियों के लिए वर्क फ्रॉम होम जारी रखने की नीति ने 3 बीएचके और उससे बड़े घरों की मांग में वृद्धि की

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लॉन्ग कमिटमेंट करते समय जितना पॉसिबल हो उतनी फ्लेक्सिबिलिटी देखनी चाहिए. इसलिए लैंडर सिलेक्ट करते समय EMI ऑप्शन को समझदारी से चुनना चाहिए

लॉन्ग कमिटमेंट करते समय जितना पॉसिबल हो उतनी फ्लेक्सिबिलिटी देखनी चाहिए. इसलिए लैंडर सिलेक्ट करते समय EMI ऑप्शन को समझदारी से चुनना चाहिए

Property: अप्रैल और मई के महीनों में गंभीर आर्थिक सुस्‍ती और कोविड-19 की घातक दूसरी लहर के बावजूद बीती तिमाही के दौरान देश में आवासीय संपत्तियों (Property) की मांग में 1.7% बढ़ोतरी दर्ज की गई है.

यह बात रियल एस्‍टेट सेक्‍टर के अध्ययन पर आधारित मैजिक ब्रिक्स के अप्रैल-जून 2021 तिमाही के प्रॉप इंडेक्स के आंकड़ों में देखने को मिली है.

वर्क फ्रॉम होम के कारण बढ़ी बड़े घरों की मांग

प्रॉप इंडेक्स के आंकड़े बताते हैं कि अप्रैल और मई के दौरान कारोबारी मंदी के बावजूद जून में आवास की मांग में सुधार आया और यह कोविड की दूसरी लहर से पहले मार्च 2021 के स्तर पर पहुंच गई.

दूसरी लहर के कारण आंशिक लॉकडाउन के बीच कंपनियों द्वारा अपने कर्मचारियों के लिए वर्क फ्रॉम होम (डब्ल्यूएफएच) जारी रखने की नीति ने 3 बीएचके और उससे बड़े घरों की मांग में वृद्धि की.

इसकी वजह यह है कि घर खरीदार अब अपने दफ्तर के कामकाज के लिए एक अतिरिक्त कमरे की वाला घर चाह रहे हैं. इस बदलाव के कारण दिल्ली-एनसीआर, हैदराबाद और कोलकाता में 3 बीएचके और उससे ज्‍यादा कॉन्फ़िगरेशन वाले घरों की मांग वृद्धि हुई है.

इससे ऐसे घरों की कुल मांग हिस्सेदारी अब बढ़कर 65% से अधिक के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है.

अधिक आय वाले लोगों पर पड़ा कम असर

रिपोर्ट के मुताबिक कोविड संकट का अधिकतम प्रभाव मध्यम और निम्न आय वाले खरीदारों पर देखा गया, जो आमतौर पर छोटे घरों की तलाश करते हैं.

इसके विपरीत उच्च आय वाले खरीदार पैसे के प्रवाह के मामले में अपेक्षाकृत कम प्रभावित रहे. इसी वजह से जहां एक ओर छोटे घरों की मांग में गिरावट आई. वहीं, बड़े घरों की मांग 2021 की दूसरी तिमाही के दौरान बनी रही.

क्‍या कहते हैं जानकार

प्रॉपइंडेक्स रिपोर्ट पर टिप्पणी करते हुए, मैजिकब्रिक्स के सीईओ सुधीर पई ने कहा, “पहली लहर के विपरीत, मकानों की मांग में रिकवरी दूसरी लहर में तेज रही है.

बेंगलुरू, चेन्नई, ठाणे, नोएडा, ग्रेटर नोएडा, कोलकाता और दिल्ली में बीती तिमाही के दौरान कीमतों में 1% से 2.3% तक सुधार देखा गया. इस मुश्किल दौर में भी कीमतों में यह वृद्धि घरों की मांग में मजबूती को दर्शाती है.

इस तिमाही में कई नए प्रोजेक्‍ट्स की लॉन्चिंग के कारण पूरे भारत में आपूर्ति में लगभग 8% की वृद्धि देखी गई. इसमें सबसे ज्‍यादा 20% की बढ़ोतरी हैदराबाद में दर्ज़ की गई. ”

उन्होंने कहा “इस रिकवरी का कारण लोगों में बड़े आकार के घरों की बढ़ती मांग और हाउसिंग सेक्टर द्वारा अच्छे रिटर्न और वैश्विक स्‍तर पर मिले पीई फंडों में बढ़ोतरी को माना जा सकता है. यह तेजी से सुधार उद्योग में स्थिरता और फिर से मजबूती लौटने का संकेत देती है. ”

Published - July 7, 2021, 04:45 IST