अभी खरीद लें, अगले 12 महीनों में रियल एस्टेट की कीमतों में होगा इजाफा

Property: निवेशक अपना पोर्टफोलियो संतुलित बनाने के साथ रक्षात्मक रवैया अपना रहे हैं और अपना रुख असली सम्पत्ति यानी प्रॉपर्टी के ओर केंद्रित कर रहे

  • Team Money9
  • Updated Date - August 26, 2021, 01:37 IST
What is loan to value ratio, why is it important to understand it while buying a property? Know Details

TV लोन के आवेदक को गिरवी रखी गई संपत्ति के अधिकतम परसेंटेज के बारे में सूचित करता है, जो वह उधार ले सकता है.

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Property: 61% घर खरीदने वालों को लग रहा है कि अगले 12 महीनों में रियल एस्टेट की कीमतों में बढ़ोतरी होगी. Property कंसल्टिंग फर्म नाइट फ्रैंक के ग्लोबल बायर सर्वे 2021 में दिलचस्प जानकारियां है. रिपोर्ट के भारतीय प्रकाशन को दो भागों में विभाजित किया गया है. भाग 1 – ग्लोबल इंडियन सेगमेंट – उच्च वर्ग के आयवालों को शामिल किया है. भाग 2 – रिपोर्ट में मेनस्ट्रीम इंडियन सेगमेंट कहे जाने वाले मिड इनकम ग्रुप के खरीदारों की भावना का आकलन भी किया है. नाइट फ्रैंक इंडिया के CMD शिशिर बैजल कहते है “कम बचत दर और अप्रत्याशित शेयर बाजारों को देखते हुए निवेशक अब अपना पोर्टफोलियो को संतुलित बनाने की साथ रक्षात्मक रवैया अपना रहे हैं और अपना रुख असली सम्पत्ति यानी प्रॉपर्टी के ओर केंद्रित कर रहे है.“

12 माह में कीमतों में इजाफा होने की उम्‍मीद

भारतीयों को उम्मीद है कि अगले 12 महीनों में अपने प्राथमिक निवास की कीमतों में वृद्धि होगी. ग्लोबल इंडियन सेगमेंट की माने तो, 32% मानते है कि कीमतों में वृद्धि होगी.

अधिक आशावादी दृष्टिकोण से देखे तो 61% मेनस्ट्रीम इंडियन सेगमेंट का मानना है की अगले 12 महीनों में प्राथमिक घरों की कीमतों में वृद्धि हो सकती है. वैश्विक स्तर पर यह आंकड़ा 64% हो रहा है.

इसी बीच, 26% मेनस्ट्रीम भारतीयों ने महामारी के बीच ही घर बदल दिया है. रिपोर्ट के अनुसार, “ये पुनर्वास बढ़ी और खुली जगह पाने की लिए और दोस्तों और परिवार से नजदीकी बढ़ने के हेतु प्रेरित था.”

दबी हुई मांग

भारतीय अगले 12 महीनों में नए घर में जाने की सोच रहे हैं, इस वजह से मांग बढ़ने के संकेत है. अगले 12 महीनों में 32% भारतीय मेनस्ट्रीम नॉन-मूवर्स स्थानांतरित होने के इच्छुक है.

रिपोर्ट ये भी कहा गया है, “अगले 12 महीनों में घरों को स्थानांतरित करने की इच्छा रखने वाले 87% उपभोक्‍ता अपने शहर से नजदीक उपनगर को पसंद किया है, जबकि 13% ने दूसरे शहर में जाना पसंद किया है.”

असल में, घर से पढ़ाई और घर से काम की वजह से दूसरे घर की मांग बढ़ी है. नाइट फ्रैंक इंडिया की मुख्य अर्थशास्त्री और नेशनल डायरेक्टर रिसर्च रजनी सिन्हा कहती हैं, “लगभग 40% ग्लोबल इंडियंस और मेनस्ट्रीम भारतीय दूसरा घर खरीदना चाहते हैं.

यह आश्चर्य की बात नहीं है क्योंकि महामारी ने सब की सोच बदल दी है. लोग लगातार शहरों के करीब दूसरे घर और हॉलिडे होम खरीद रहे हैं.”

भारतीय लोग विदेशों में भी घर खरीद रहे हैं. बैजल कहते हैं “लंदन, दुबई, न्यूयॉर्क जैसे शहरों मैं भारतीय निवेश के तौर पर प्रॉपर्टी खरीदने की सोच रहे है.

निवेश की मात्रा RBI की उदारीकृत विप्रेषण योजना (LRS) द्वारा नियंत्रित की जाती है, जिसके माध्यम से प्रति व्यक्ति प्रति वर्ष 200,000 डॉलर तक की सुविधा उठा सकता है.”

उन्होंने आगे कहा, “यह देखा गया है कि आमतौर पर भारतीय लोग जब घर खरीदते हैं, तो सबसे पहले खुली जगह, हरियाली, स्वास्थ्य सुविधा ओर कार्यस्थल से अंतर जैसी चीजों पर ज्यादा ध्यान देते हैं. घर खरीदार आज कल घर खरीदने से पहले मकाान में ऊर्जा का स्तोत्र भी देखते हैं.

Published - August 26, 2021, 12:39 IST