पब्लिक प्रोविडेंट फंड या PPF को सेविंग के साथ निवेश का सबसे अच्छा साधन माना जाता है. जो लोग निवेश में जोखिम लेने से कतराते हैं, उनके लिए यह फंड खास तौर पर बनाया गया है. पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF) लंबी अवधि के लिए एक बेहतर निवेश विकल्प है. PPF में निवेश न केवल सुरक्षित है, बल्कि इसमें टैक्स छूट का पूरा लाभ मिलता है. आइए जानते हैं इसके बेनिफिट के बारे में.
1. EEE का फायदा
PPF की खासियत इसके EEE स्टेटस में है. भारत में अकेले सिर्फ इसी निवेश को ट्रिपल ई टैक्स छूट का फायदा मिला है.
इसका मतलब है कि आपको निवेश के वक्त, इसमें जुटे ब्याज और निकासी तीनों पर टैक्स छूट मिलती है. कोई व्यक्ति किसी वित्त वर्ष में पीपीएफ में अधिकतम 1.5 लाख रुपये तक निवेश कर सकता है. निवेश से अर्जित ब्याज पर टैक्स से छूट मिलती है. मैच्योरिटी पर निकाली जाने वाली रकम भी टैक्स के दायरे में नहीं आती है.
2. बेहतर ब्याज दर
PPF पर ब्याज दर हमेशा 7 फीसदी से 8 फीसदी रही है. यह आर्थिक स्थिति को देखते हुए थोड़ी कम या बढ़ सकती है. वर्तमान में पीपीएफ पर ब्याज दर 7.1 फीसदी है, जो सालाना तौर पर चक्रवृद्धि है. इसकी तुलना बहुत से बैंकों की फिक्स्ड डिपॉजिट से की जाए, तो पब्लिक प्रोविडेंट फंड अपने सब्सक्राइबर्स को ज्यादा ब्याज देता है.
3. फ्लोटिंग रेट का फायदा
लंबी अवधि के लिए जब आप कम ब्याज दर पर अपने निवेश को फिक्स करते हैं तो रेट बढ़ने पर नुकसान होता है. यही एक बड़ा कारण है जो 5 साल के टैक्स सेविंग फिक्स्ड डिपॉजिट के मुकाबले पीपीएफ को ज्यादा फायदेमंद बनाता है. फिक्स्ड डिपॉजिट में पूरी निवेश अवधि के दौरान ब्याज की दर एक जैसी बनी रहती है. वहीं, पीपीएफ पर ब्याज दर बदलती रहती है. इसमें हर तिमाही बदलाव होता है. हालांकि, दरें घटने पर आपको नुकसान उठाना पड़ता है.
4. टेन्योर का विस्तार
स्कीम में सब्सक्राइबर्स के लिए 15 साल की अवधि है जिसके बाद टैक्स छूट के तहत आने वाली राशि को विड्रॉल कर सकते हैं. लेकिन सब्सक्राइबर्स इसे 5 साल और बढ़ाने के लिए अप्लाई कर सकते हैं. और वे यह चुन सकते हैं कि वे योगदान को जारी रखना चाहते हैं या नहीं.
5. रिस्क फ्री, गारंटीड रिटर्न
PPF को भारत सरकार का समर्थन प्राप्त है. इसलिए पीपीएफ का सबसे बड़ा फायदा यही है कि यह पूरी तरह से रिस्क फ्री है. इसके निवेश पर मिलने वाले रिटर्न पर भी सरकार गारंटी देती है. इससे अच्छी बात क्या हो सकती है कि कर्ज देने वालों को जब पैसे देने की बात आए तो कोर्ट भी इस अकाउंट के फंड को लेकर कोई फरमान नहीं सुना सकता.
6. ज्यादा टैक्स ब्रैकेट वालों को फायदा
ज्यादा इनकम टैक्स ब्रैकेट में आने वाले ज्यादातर निवेशकों के लिए सेक्शन 80सी शायद इतना प्रासंगिक न हो. उनके पास ईपीएफ, बच्चों की फीस, होम लोन का प्रिंसिपल, टर्म इंश्योरेंस प्रीमियम इत्यादि जैसे और कई विकल्प हो सकते हैं. हालांकि, रिटर्न पर टैक्स छूट पीपीएफ को आकर्षक बनाता है. खासतौर से तब जब किसी इनकम पर 30 फीसदी या इससे अधिक दर से टैक्स लगे.