Taxation in Physical Gold: दिवाली पर सोने की खरीदारी को शुभ माना जाता हैं. भारत में ज्यादातर लोग धनतेरस और पुष्य नक्षत्र के दिन सोने की खरीदारी करते हैं. गुरुवार को पुष्य नक्षत्र के दिन अकेले अहमदाबाद में 220 किलो सोने के आभूषणों की खरीदारी हुई, वहीं देश के बाकी हिस्सों में भी लोगों ने जमकर फिजिकल सोना खरीदा हैं. अब अगले हफ्ते धनतेरस के दिन भी अच्छी खरीदारी होने की उम्मीद हैं. यदि आपने दिवाली में सोना खरीदा हैं या खरीदने वाले हैं तो इसके साथ जुडे टैक्स के नियमों को जान लेना चाहिए.
भौतिक सोना यानी, सोने के गहने, आभूषण, सिक्के, सोने की बचत योजनाएं, सोने के बिस्कुट कुछ लोकप्रिय निवेश हैं.
यदि आप इनमें से किसी तरह का निवेश करते हैं, तो आपको इसके बेचने पर टैक्स चुकाना पडता हैं, जो आपके होल्डिंग पीरियड के अनुसार शॉर्ट-टर्म या लॉन्ग-टर्म हो सकता हैं.
अगर आप सोने को खरीदने के तीन साल के भीतर बेचते हैं, तो इसे शॉर्ट टर्म माना जाता है. सोने की बिक्री पर शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन होने पर आपकी कुल ग्रोस इनकम पर STCG टैक्स लागू होता है, जो आपके इनकम टैक्स स्लैब के अनुसार लगाया जाता है.
अगर आप सोने को खरीदने के तीन साल के बाद बेचते हैं, तो इसे लॉन्ग टर्म माना जाता है. तीन साल के बाद भौतिक सोना बेचने वाले व्यक्तियों पर 20% LTCG टैक्स के साथ-साथ पर 4% सेस लगता हैं. आपको लंबी अवधि के लाभ पर इंडेक्सेशन लाभ के साथ 20.8 प्रतिशत (सेस सहित) की दर से टैक्स चुकाना होगा.
सोना बेचते समय TDS की दर लागू नहीं होती है. हालांकि, अगर आप 2 लाख रुपये से अधिक के आभूषणों के लिए नकद भुगतान करते हैं, तो आपसे 1% TDS लिया जाएगा.
जब आप सोने के आभूषण खरीदते हैं तो आपको सोने के मूल्य पर 3% वस्तु एवं सेवा कर (GST) देना होगा और साथ ही किसी भी निर्माण लागत का भुगतान करना होगा.