भारत में बैंकिंग सुविधा से लैस कुछ ही लोग करते हैं स्टॉक और डेरिवेटिव में निवेश

IMF वर्ल्ड इकोनॉमिक आउटलुक के अनुसार भारत की GDP प्रति व्यक्ति 2,190 डॉलर प्रति वर्ष है. अनुमान है कि 190 मिलियन भारतीय वर्तमान में बिना बैंक के हैं.

This is important to know before investing in big names or any other crypto currency

एक्सचेंजों के अनुसार लगभग 105 मिलियन भारतीय क्रिप्टो संपत्ति रखते हैं और व्यापारियों की संख्या लगभग 1 मिलियन है.

एक्सचेंजों के अनुसार लगभग 105 मिलियन भारतीय क्रिप्टो संपत्ति रखते हैं और व्यापारियों की संख्या लगभग 1 मिलियन है.

भारत आज अपना 75वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा है. बीते सालों में, हम आगे बढ़कर टॉप 5 ग्लोबल इकोनॉमी में शामिल हो गए हैं, यहां तक कि हमने यूनाइटेड किंगडम को भी पीछे छोड़ दिया है. इस देश को आर्थिक रूप से और मजबूत होते हुए देखकर, हम उम्मीद करेंगे कि यहां के लोग एजुकेशन, हेल्थ और पर्सनल फाइनेंस में आत्मनिर्भर होकर एक बेहतर जिंदगी बिताएं. हालांकि, डेटा से पता चलता है कि हम कुछ मैट्रिक्स में पिछड़ रहे हैं, खासकर पर्सनल फाइनेंस के मामले में.

IMF वर्ल्ड इकोनॉमिक आउटलुक के अनुसार भारत की GDP प्रति व्यक्ति 2,190 डॉलर प्रति वर्ष दुनिया के 194 देशों में से 144 की रैंक पर है. अनुमान है कि 190 मिलियन भारतीय वर्तमान में बिना बैंक के हैं. यानी उनके पास अपनी सेविंग पर FD इंटरेस्ट कमाने का साधन नहीं है जो आमतौर पर महंगाई की दर से कम होता है. बैंकिंग सुविधाओं से लैस भारतीय आबादी में कुछ ही लोगों के पास स्टॉक, डेरिवेटिव और यहां तक कि रियल्टी जैसी एसेट में निवेश है.

भारत वास्तव में आर्थिक प्रगति कर रहा है लेकिन प्रत्येक भारतीय के पास इन्वेस्टमेंट और टेक्नोलॉजी तक समान पहुंच नहीं है जो उन्हें लंबे समय में आत्मनिर्भर बना सकने में सक्षम है. लोगों में पैसे का असमान वितरण सबसे मजबूत राष्ट्रों का भी ध्रुवीकरण कर सकता है और देश के इकोसिस्टम को हिला सकता है जिसे बनाने में सालों लग गए हैं.

भारत में, यूजर्स 10 रुपये से बिटकॉइन में निवेश शुरू कर सकते हैं

ब्लॉकचेन और क्रिप्टोकरेंसी का उदय भारत के लिए इस बढ़ती हुई समस्या का समाधान बन सकता है. बिटकॉइन, क्रिप्टो करेंसी का बीकन, इक्वल अपॉर्चुनिटी और एक्सेस के आइडिया पर बनाया गया है. यह लोगों को नेशनेलिटी, ज्योग्राफी, क्लास या इन्वेस्टमेंट के क्वांटम के आधार पर अलग नहीं करता. यदि इंटरनेट है तो, भारत में टियर 4 टाउन में रहने वाले एक व्यक्ति के पास न्यूयॉर्क, USA में रहने वाले एक व्यक्ति के समान ही क्रिप्टोकरेंसी तक पहुंच है. क्रिप्टो में एक्सेस के लिए न्यूनतम निवेश की जरूरत नहीं है – भारत में, यूजर्स 10 रुपये से बिटकॉइन में निवेश शुरू कर सकते हैं.

नए जमाने के वेल्थ क्रिएटर्स अक्सर हाई-रिस्क एसेट में जल्दी एंट्री करने और इकोसिस्टम की सक्सेस पर भरोसा करते हैं. 1990 के दशक में इंटरनेट बूम और 2000 के दशक की शुरुआत में टेलीकॉम बूम की तरह, क्रिप्टोकरेंसी में 2020 की ग्रोथ स्टोरी बनने का पोटेंशियल है. कल्पना कीजिए कि हर भारतीय को गूगल या फेसबुक में शुरुआती शेयर खरीदने का मौका मिल रहा है. इस तरह का एक्सेस अब क्रिप्टोकरेंसी में अवेलेबल है जहां इन्वेस्टमेंट अंडरलाइंग टेक्नीक पर बेस्ड है जो इनोवेशन को पावर देता है और एक कंपनी पर दांव लगाने की तुलना में ज्यादा सिक्योर लगता है. बिटकॉइन और एथेरियम, टॉप दो क्रिप्टोकरेंसी, ने पिछले 10 सालों में पॉपुलर एसेट जैसे गोल्ड, सिल्वर और यहां तक कि कच्चे तेल से बेहतर परफॉर्म किया है. ये ट्रेंड निकट भविष्य में भी बने रहने की उम्मीद है इसलिए इन्वेस्टर्स के लिए क्रिप्टोकरेंसी में अपने पोर्टफोलियो का न्यूनतम हिस्सा लगाना एक अच्छा विकल्प हो सकता है.

CBDC यानी एक डिजिटल रुपया

कहा जाता है कि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) एक सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC), की संभावना तलाश रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस महीने की शुरुआत में एक डिजिटल पेमेंट सॉल्यूशन e-RUPI की शुरुआत की घोषणा की थी. कई लोग इसे ब्लॉकचैन बेस्ड CBDC यानी एक डिजिटल रुपया के प्रीकर्सर के रूप में देखते हैं, जो सभी भारतीयों को एक बार में जोड़ देगा. कुछ समय में इंटरनेट एक्सेस, फाइनेंस एक्सेस के लिए जरूरी हो जाएगा.

डिसेंट्रलाइज फाइनेंस की वजह से पेमेंट और वेल्थ ट्रांसफर के लिए किसी बिचौलियों की जरूरत नहीं होगी. भारतीय कंपनियां विश्व स्तर पर इस इनोवेशन इनिशिएटिव को लीड कर सकती हैं और एक ऐसी वर्कफोर्स बना सकती हैं जो ग्लोबल स्केल पर लॉन्च किए गए ब्लॉकचेन पर बेस्ड प्रोडक्ट को सपोर्ट करती है. भारत अगले दशक में आसानी से लाखों नई जॉब क्रिएट कर सकता है. जॉब क्रिएशन फाइनेंशियल फ्रीडम पाने में मदद करेगा. अगले कुछ साल बताएंगे कि हम एक देश के रूप में कैसे आगे बढ़ते हैं. ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी और क्रिप्टो करेंसी में भारत के एक ऐसे हिस्से को बढ़ावा देने की क्षमता है
जो अतीत में कई सेवाओं से वंचित रहा है और अब इसके इस्तेमाल से फाइनेंशियल फ्रीडम को पा सकता है.

(लेखक जियोटस क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज के CEO और को-फाउंडर हैं)

Published - August 15, 2021, 04:41 IST