एनपीएस: 5 बदलाव जो इसे और आकर्षक बनाते हैं

अगर कॉर्पस 2.5 लाख रुपये के बराबर या उससे कम है तो सब्सक्राइबर को पूरी रकम एकमुश्त दी जाएगी.

  • Team Money9
  • Updated Date - October 24, 2021, 12:04 IST
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पहले कोई व्यक्ति 65 साल की आयु तक एनपीएस खाता शुरू कर सकता था. अब इसे बढ़ा कर 70 साल कर दिया गया है. PC: Pixabay

पहले कोई व्यक्ति 65 साल की आयु तक एनपीएस खाता शुरू कर सकता था. अब इसे बढ़ा कर 70 साल कर दिया गया है. PC: Pixabay

नेशनल पेंशन स्कीम (NPS) इक्विटी पर आधारित होने के बावजूद सुरक्षित रिटायरमेंट निवेश इंस्ट्रूमेंट है. 18 से 70 साल के बीच किसी भी समय कोई भी व्यक्ति एनपीएस खाता खोल सकता है. निवेशक ये खुद चुन सकता है कि उसका पैसा कहां लगना है. एनपीएस शायद अकेला पेंशन इंस्ट्रूमेंट है जो निवेशक को इक्विटी, कॉर्पोरेट और सरकारी बॉन्ड के बीच चयन करने की सुविधा प्रदान करता है. पेंशन फंड रेग्यूलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी (PFRDA) ने हाल ही में एनपीएस में कई बदलाव किये हैं जिससे ये रिटायरमेंट सेविंग स्कीम निवेशकों के लिए आकर्षक हो गई है. मनी9 आपको उन परिवर्तनों कि संक्षिप्त जानकारी दे रहा है.

लेट एंट्री

पहले कोई व्यक्ति 65 साल की आयु तक एनपीएस खाता शुरू कर सकता था. अब इसे बढ़ा कर 70 साल कर दिया गया है. इसके साथ ही वो लोग भी अपने खाते दोबारा शुरू कर सकते हैं जो इससे बाहर निकल गए थे.

लेट एक्जिट

इस नई एंट्री की उम्र के साथ एनपीएस से बाहर निकलने यानी एक्जिट की आयु भी 75 कर दी गई है. पहले ये 65 साल थी. मगर अगर कोई 65 साल की उम्र के बाद एनपीएस में दोबारा वापस आता है तो उसके लिए तीन साल के लॉक-इन पीरियड का प्रावधान है. हालांकि अगर मैच्योरिटी कॉर्पस 5 लाख रुपये कम है तो ग्राहक पूरी राशि निकाल सकता है.

समय से पहले एक्जिट का नियम

18 से 60 साल की उम्र में एनपीएस शुरू करने वाले सरकारी और गैर-सरकारी सेक्टर के ग्राहक अगर समय से पहले निकलना चाहते हैं तो उन पर 80:20 वाला नियम लागू होता है. हालांकि गैर-सरकारी क्षेत्र के मामले में व्यक्ति को लाभ प्राप्त करने के लिए कम से कम 10 साल तक निवेश करना जरूरी है.

21 सितंबर, 2021 को PFRDA के सर्कुलर के मुताबिक अगर कॉर्पस 2.5 लाख रुपये के बराबर या उससे कम है तो सब्सक्राइबर को पूरी रकम एकमुश्त दी जाएगी. अन्यथा, कुल राशि का 20 फीसदी एकमुश्त भुगतान किया जाएगा और बाकी मासिक पेंशन के रूप में दिया जाएगा.

परिसंपत्ति आवंटन (ASSET ALLOCATION)

PFRDA के नये आदेश के मुताबिक, 65 साल के बाद एनपीएस में शामिल होने वाले सब्सक्राइबर अपने मन मुताबिक पेंशन फंड और एसेट एलोकेशन कर सकते हैं मगर वो इक्विटी में अधिकतम 15 फीसदी और ऑटो और एक्टिव चॉइस के तहत 50 फीसदी विकल्प का ही इस्तेमाल कर पाएंगे.

पेंशन फंड एक्सपोजर को साल में एक बार बदला जा सकता है जबकि एसेट एलोकेशन को निवेशक की पसंद के अनुसार साल में दो बार बदला जा सकता है.

ऑनलाइन निकास प्रक्रिया (Exit process) का विस्तार

4 अक्टूबर, 2021 के एक सर्कुलर में PFRDA ने कहा, “मौजूदा दिशानिर्देशों के मुताबिक ग्राहकों के हित को देखते हुए ऑनलाइन एक्जिट को पूरी जांच के बाद बैंक खाते के सत्यापन के साथ इंटीग्रेट (एकीकृत) किया जाएगा. यह सुविधा केंद्र और राज्य सरकार के केवल उन कर्मचारियों के लिए उपलब्ध होगी जो एनपीएस के तहत आते हैं.

Published - October 24, 2021, 12:04 IST