Myth: जब बात संपत्ति खड़ी करने की आती है तो हर किसी अपनी कहानी होती है. कुछ कहानियां हमें प्रेरणादायक लगती हैं और कभी-कभी हम मान लेते हैं कि यही रणनीति हमारे लिए भी काम आ सकती है. कहने का मतलब यह है कि कई रणनीति अच्छी हो सकती है, लेकिन वह सभी के लिए सत्य नहीं होती. जैसे खर्च करने के बजाए, बचत करना एक अच्छा फैसला होता है, लेकिन यह धनवान बनने की गारंटी नहीं देता. हम आपको इससे जुड़े मिथकों (Myth) के बारे में बता रहे हैं.
खर्च करने के बजाए, बचत करना एक अच्छा फैसला होता है, लेकिन यह धनवान बनने की गारंटी नहीं देता. मुद्रास्फीति को ही देख लीजिए, बीते दशक भर से यह करीब 7 फीसदी की दर से बढ़ रही है.
यदि आप एफडी में बचत कर रहे हैं तो आपको 3.5 से 5.5 फीसदी का ही रिटर्न मिल रहा होगा. यानि, आपके बचत का मूल्य घट रहा है.
मुद्रास्फीति से कम का रिटर्न पैसे के मूल्य को कम करता है. यदि आपने इसी पैसे को इक्विटी फंड में रखा होता तो आपको 12-14 फीसदी का रिटर्न मिल सकता था और आपकी धनराशि में बढ़ोतरी होती. कहने का मतलब है कि धनवान बनने के लिए सही निवेश जरूरी है.
भले ही समय के साथ आपके प्रॉविडेंट फंड में बढ़ोतरी हो रही हो, किंतु आपकी कुल बचत पहले से तय होनी चाहिए और यदि रिटायरमेंट के वक्त आपके पास पर्याप्त बचत नहीं है तो आपको दिक्कत हो सकती है.
इसलिए पहले से तय लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए बचत करना चाहिए.
इन दिनों शेयर बाजार काफी उतार-चढ़ाव से गुजर रहे हैं, सेंसेक्स 60 हजार के आसपास झूल रहा है. संभव है कि आप सोचें कि यह निवेश का सही समय नहीं है और बाजार में गिरावट आने का इंतजार करें.
आप बाजार की दिशा को कभी पकड़ नहीं सकते. यदि आप लंबी अवधि के हिसाब से सोच रहे हैं तो उतार-चढ़ाव कोई मायने नहीं रखता.
ऐसी स्थिति में आपको अपने पोर्टेफोलियो को डायवर्सिफाइ करने के बारे में सोचना चाहिए, ताकि बाजार के उतार-चढ़ाव से उत्पन्न जोखिम का सामना किया जा सके. निवेश कर रहे हैं तो दो-तीन दिशाओं में निवेश करें. साथ ही हमेशा लंबी अवधि के निवेश पर ध्यान दें, और छोटी अवधि के उतार-चढ़ाव से घबराए नहीं.
डायवर्सिफिकेशन से बेहतर रिटर्न प्राप्त होता है. हालांकि, एक ही श्रेणी के फंड में ऐसा नहीं करना चाहिए. यदि आप इक्विटी फंड में निवेश कर रहे हैं तो लार्जकैप शेयर भी लें और मिड-कैप शेयर भी.
किसी पोर्टफोलियो में तीन से चार प्रकार के फंड होने चाहिए. साथ ही अलग-अलग प्रकार की संपत्ति, जैसे इक्विटी, डेट या कैश, प्रकार में डायवर्सिफिकेशन करना चाहिए.