म्यूचुअल फंड में ऑनलाइन निवेश करना चाहते हैं? ऐसे चुनें सही प्लेटफॉर्म

Mutual Funds: आप एसेट मैनेजमेंट कंपनी, एग्रीगेटर, म्यूचुअल फंड डिस्ट्रिब्यूटर, रजिस्टर्ड इंवेस्टमेंट एड्वाइजर के जरिए निवेश कर सकते हैं.

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इंफ्रास्ट्रक्चर फंड मुख्य रूप से पावर, कंस्ट्रक्शन, कैपिटल गुड्स और मेटल सेगमेंट की कंपनियों के शेयरों में निवेश करते हैं.

इंफ्रास्ट्रक्चर फंड मुख्य रूप से पावर, कंस्ट्रक्शन, कैपिटल गुड्स और मेटल सेगमेंट की कंपनियों के शेयरों में निवेश करते हैं.

Mutual Funds: ऑनलाइन विकल्पों की वजह से म्यूचुअल फंड (Mutual Funds) में निवेश करना काफी आसान है.

आप एसेट मैनेजमेंट कंपनी (AMC), एग्रीगेटर, म्यूचुअल फंड डिस्ट्रिब्यूटर (MFD), रजिस्टर्ड इंवेस्टमेंट एड्वाइजर (RIA) या रोबो-एड्वाइजरी के जरिए ऑनलाइन निवेश कर सकते हैं.

कई प्लेटफॉर्म आपको म्यूचुअल फंड में निवेश की सुविधा प्रदान करते हैं. ऐसे में यह तय करना मुश्किल हो जाता है कि कौन सा प्लेटफॉर्म बेहतर है.

म्यूचुअल फंड डिस्ट्रिब्यूटर (MFD):

एग्रीगेटर ही म्यूचुअल फंड डिस्ट्रिब्यूटर्स (MFD) के रूप में कार्य करते हैं, जहां आपको विभिन्न फंड हाउस की कई स्कीम मिल जाती है.

ऑनलाइन म्यूचुअल फंड में MFD के माध्यम से निवेश करने के लिए आपको उनकी वेबसाइट पर लॉग-इन करना होता है. उसके लिए आपको केवाईसी औपचारिकताएं पूरी करनी होगी.

आवश्यक जानकारी देने के बाद और आवश्यक दस्तावेज अपलोड करने के बाद आपकी पंजीकरण प्रक्रिया पूरी होती है और आप विभिन्न कंपनियों के म्यूचुअल फंड में निवेश कर सकते हैं.

क्रॉस-सेलिंग तो नहीं हो रहा है, यह सुनिश्वित करें

SEBI-रजिस्टर्ड इंवेस्टमेंट एडवाइजर और लोटस वेल्थ मैनेजमेंट के फाउंडर सलील पांड्या बताते हैं कि ऐसे एग्रीगेटर ग्राहकों से कोई शुल्क नहीं लेते हैं.

आप जितना निवेश करते हैं, उसका पूरा पैसा केवल निवेश में जाता है, लेकिन आपको केवल फ्री में सर्विस मिल रही है इसलिए ऐसे प्लेटफॉर्म का चयन नहीं करना चाहिए.

“यदि ऐसे पोर्टल आपको फ्री सर्विस दे रहे हैं, तो संभव है कि वह आपको इंश्योरेंस जैसी दूसरी प्रोडक्ट बेच रहे होंगे, जिसमें उन्हें अच्‍छा कमीशन मिलता है.

ऐसे प्लेटफोर्म आपसे रेग्युलर प्लान में निवेश करवाते हैं, जिसमें उनको कमीशन मिलना तय है. ऐसे प्लेटफोर्म का पैसे कमाने का स्त्रोत क्रॉस-सेलिंग हो सकता है. आपको सुनिश्चित कर लेना चाहिए कि वह क्रॉस-सेलिंग तो नहीं करते.”

सर्विस के आधार पर चयन करें

कस्टमर सपोर्ट सर्विस कैसी है इसके आधार पर प्लेटफॉर्म का चुनाव करें. क्योंकि अच्छा कस्टमर सपोर्ट होगा तभी आपको बेहतर सर्विस मिलने की संभावना रहेगी.

कई निवेशक चार्ज चुका कर भी ऐसे प्लेटफोर्म के साथ सालों से जुड़े रहते हैं, जो बढ़िया सर्विस प्रदान करते हैं.

यदि प्लेटफॉर्म आपको फ्री सर्विस दे रहा है, लेकिन उसकी आफ्टर-सेल्स सर्विस खराब है, तो ऐसे प्लेटफॉर्म के जरिए निवेश करने का मतलब नहीं बनता.

पांड्या कहते हैं कि ऑनलाइन प्लेटफॉर्म का इंटरफेस कितना फैंसी है यह महत्वपूर्ण नहीं है, लेकिन यह आपको न्यूनतम तकनीकी गड़बड़ के साथ सेवाओं की पूरी श्रृंखला पेश करता है या नहीं, यह महत्वपूर्ण है.

आपको सुनिश्चित करना चाहिए कि आपका प्लेटफॉर्म एकमुश्त, SIP, STP, SWP स्विचिंग, रिडंप्शन जैसी सर्विस दे रहा है या नहीं.

प्लेटफॉर्म के पास सभी फंड हाउस की स्कीम होनी जरूरी हैः

ऑनलाइन प्लेटफॉर्म कई फंड हाउस से जुड़े होते हैं, इसलिए वह पार्टनर फंड हाउस की स्कीम में निवेश के लिए प्रोत्साहित करते हैं, लेकिन आपको ऐसा प्लेटफोर्म चुनना चाहिए, जिसके पास सभी फंड हाउस की स्कीम्स हो.

Published - July 12, 2021, 05:31 IST