Mutual Funds Vs Index Funds: यदि आप संपत्ति का अर्जन करना चाहते हैं और कुछ सालों तक अच्छी तरह से निवेश करना है तो आपको उच्च क्वॉलिटी के शेयरों और म्यूचुअल फंड स्कीम्स का एक मजबूत पोर्टफोलियो बनाने पर विचार करना चाहिए. शुरुआती निवेशकों के लिए स्टॉक और फंड की जांच करना और उनके साथ जुड़े जोखिमों को समझना आसान नहीं होता हैं. यह काम रजिस्टर्ड सलाहकार द्वारा सबसे अच्छा संभाला जाता है. हालांकि, आपको किसी की सिफारिशें सुनकर निवेश नहीं करना चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि आपको मिल रही सलाह पारदर्शक हैं.
म्यूचुअल फंड के बारे में वैसे तो कई लोग थोड़ा-बहुत जानते हैं लेकिन इंडेक्स फंड उनके लिए नया शब्द हैं. कई निवेशकों में इंडेक्स फंड के बारे में गलतफहमियां भी हैं, इसलिए आज इंडेक्स फंड और म्यूचुअल फंड के बीच क्या अंतर है वह जानते हैं.
म्यूचुअल फंड में एक समर्पित फंड मैनेजर, जो बाजारों को समझता है, सक्रिय रूप से फंड की निगरानी और देखरेख करता है ताकि अनुभवहीन निवेशकों को अधिकतम फायदा हो सके. म्युचुअल फंड आपके लिए निवेश के अनुशासित तरीके का पालन करना आसान बनाते हैं. म्यूचुअल फंड के लिए, आपको निवेश शैली (गति, गुणवत्ता, मूल्य, स्मॉल कैप आदि), पिछले प्रदर्शन (अन्य फंडों की तुलना में), अस्थिरता और इसके जोखिम-समायोजित रिटर्न पर विचार करना होता है.
इंडेक्स म्यूचुअल फंड या ‘इंडेक्स फंड्स’, म्यूचुअल फंड्स की एक कैटेगरी है, जिसे पैसिव फंड्स कहा जाता है. ये फंड उसी सिक्योरिटीज में निवेश करते हैं, जिस इंडेक्स को ये ट्रैक करते हैं और इस तरह ये पैसिवली मैनेज्ड फंड होते हैं. चूंकि फंड मैनेजर सिर्फ अंडरलाइंग इंडेक्स के एसेट एलोकेशन की तर्ज पर चलता है, इसलिए फंड के द्वारा कोई निवेश की रणनीति नहीं होती है. एकमात्र शर्त यह है कि निवेश का कम से कम 95 फीसदी सिक्योरिटीज में होना चाहिए.
म्यूचुअल फंड को एक समर्पित फंड मैनेजर संभालता है इसलिए आपको इस फंड मैनेजर को शुल्क चुकाना होता है. किसी भी म्यूचुअल फंड का यह शुल्क एक्स्पेंस रेशियो से पहचाना जाता है.
ये रेशियो जितना ज्यादा होगा उतना ज्यादा शुल्क आपके निवेश से चुकाना होगा. इंडेक्स फंड में फंड मैनेजर की कोई खास भूमिका नहीं होती क्योंकि स्टॉक के पोर्टफोलियो को फंड मैनेजर द्वारा सक्रिय रूप से नहीं चुना जाता है, इसलिए ऐसी लागत कम हो जाती है. इंडेक्स फंड एक तरह से निफ्टी 50 जैसे इंडेक्स की प्रतिकृति होती है, इसलिए आपको कम लागत पर विविधीकरण का लाभ मिलता है.
इंडेक्स फंड में निवेश करते समय आपको यह देखना चाहिए कि ट्रैकिंग एरर क्या है, जो इंडेक्स फंड के रिटर्न और मार्केट रिटर्न के बीच अंतर है. यह कम होना चाहिए. इसके अतिरिक्त, ऐसे इंडेक्स फंड चुनें जिनमें एक्सपेंस रेश्यो 1 फीसदी से कम हो.
जब आप कम खर्च वाले निवेश विकल्प चाहते हैं तो इंडेक्स फंड बेहतर विकल्प हैं. आने वाले दिनों में अर्थव्यवस्था में रिकवरी के साथ इन फंड्स का रिटर्न भी बढ़ने की उम्मीद है.
आपको अपनी वित्तीय स्थिति और लक्ष्यों के साथ संरेखित पसंद करनी चाहिए. इंडेक्स फंड उन निवेशकों के लिए बेहतर है जो इक्विटी के रिटर्न का फायदा तो लोना चाहते हैं, लेकिन ज्यादा जोखिम नहीं लेना चाहते हैं.
हालांकि, एक बात साफ करनी जरूरी है कि इंडेक्स फंड भी रिस्क फ्री नहीं होता है. अगर बाजार नीचे जाता है तो आपका इंडेक्स फंड एनएवी भी नीचे जाएगा. ऐसी स्थिति में आप यहां से अपना पैसा दूसरे विकल्पों में शिफ्ट कर सकते हैं.
जबकि इंडेक्स फंड का सक्रिय फंडों से बेहतर प्रदर्शन करने का इतिहास रहा है, वहीं अत्यधिक कुशल सक्रिय फंड मैनेजर भी हैं. हालांकि, नए निवेशकों के लिए जिन्होंने अभी-अभी एमएफ निवेश की खोज शुरू की है, वे इंडेक्स फंड में निवेश करने पर विचार कर सकते हैं.