Mutual Fund Inflow: इक्विटी म्यूचुअल फंड्स में लगातार चौथे महीने निवेश बढ़ा है, हालांकि जून में आया निवेश मई के मुकाबले कम रहा है. एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स (AMFI) के जारी डेटा के मुताबिक जून में इक्विटी फंड्स में 5,988 करोड़ रुपये का निवेश आया है जबकि मई में ये 10,083 करोड़ रुपये पर रहा था. मई में आया निवेश पिछले 14 महीनों में सबसे ज्यादा रहा था. जून में हाइब्रिड फंड्स, और खास तौर पर आर्बिट्राज फंड्स में बड़ा निवेश देखने को मिला है.
इक्विटी स्कीमों में अप्रैल में 3,437 करोड़ रुपये का निवेश आया था और मार्च में ये इन्फ्लो 9,115 करोड़ रुपये रहा था. उससे पहले इक्विटी स्कीमों से लगातार 8 महीनों तक पैसा निकाला गया था यानी आउटफ्लो देखने को मिला था. जुलाई 2020 से फरवरी 2021 तक इन फंड्स से पैसा निकाला गया था.
जून महीनें में इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम जिसमें निवेश पर सेक्शन 80C के तहत टैक्स छूट मिलती है, उसमें 792 करोड़ रुपये निवेशकों ने निकाले हैं. वहीं, वैल्यू फंड्स में से भी 115 करोड़ रुपये निकाले गए हैं. इन दोनों को छोड़कर अन्य सभी इक्विटी स्कीमों में निवेश बढ़ा है.
मिडकैप कैटेगरी के फंड्स में सबसे ज्यादा दिलचस्पी देखने को मिल रही है. यहां जून में 1,729 करोड़ रुपये का निवेश आया है. थीमैटिक फंड यानी किसी खास सेक्टर में निवेश करने वाली स्कीमों में 1,207 करोड़ रुपये का निवेश आया. साथ ही फ्लेक्सीकैप कैटेगरी में भी 1,087 करोड़ रुपये का इन्फ्लो रहा है.
निवेशकों ने इस बार हाइब्रिड स्कीमों में जमकर निवेश किया है. जून में कुल 12,361 करोड़ रुपये का निवेश हाइब्रिड सेगमेंट में आया है. ये वो फंड हैं जिनमें इक्विटी यानी शेयरों और डेट यानी बॉन्ड, डिबेंचर्स, सरकारी स्कीमें आदि, दोनों ऐसेट क्लास में निवेश होता है. इस सेगमेंट में आर्बिट्राज कैटेगरी में 9,060 करोड़ रुपये का निवेश आया है जबकि मई में यहां सिर्फ 288 करोड़ रुपये का इन्फ्लो था.
AMFI के मुताबिक जून में डेट म्यूचुअल फंड्स में 3,566 करोड़ रुपये का निवेश आया है जबकि मई में 44,512 करोड़ रुपये निवेशकों ने इन स्कीमों से निकाले थे. गौरतलब है कि ज्यादातर निवेशक डेट कैटेगरी में कम जोखिम और छोटी अवधि के लिए निवेश करते हैं.
म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री पर गौर करें तो यहां सभी सेगमेंट्स में मिलाकर कुल 15,320 करोड़ रुपये का निवेश आया है. वहीं, मई में कुल 38,602 करोड़ रुपये फंड्स से निकाले गए थे. कुल ऐसेट अंडर मैनेजमेंट भी बढ़कर जून में 33.67 लाख करोड़ रुपये हो गया है जो अब तक का उच्चतम स्तर है.