छोटे निवेशक SIP के जरिये म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) में निवेश करना ज्यादा पसंद करते है. जिसे सही भी माना जाता है लेकिन इसके साथ ही एक तरीका और भी है और वो है म्यूचुअल फंड में निवेश की बजाय सीधे शेयरों में SIP करना. जिससे आप हर महीने एक तय रकम SIP के रूप सीधे शेयर खरीदने में लगा सकते हैं. STOCK SIP का फायदा ये है कि आप छोटी-छोटी रकम से लंबी अवधि में बड़ा पोर्टफोलियो खड़ा कर सकते हैं. यह सुविधा आपको शेयर ब्रोकर उपलब्ध कराते हैं. आइए जानते हैं कि कैसे शेयरों में एसआईपी के जरिए निवेश किया जा सकता है.
सबसे पहले तो शेयर बाजार में निवेश शुरू करने के लिए आपको डीमैट खाते की जरूरत होगी. डीमैट खाता खुलवाने के लिए आपको ब्रोकिंग फर्म से संपर्क करना होगा. शेयरों में एसआईपी की फैसिलिटी आपको शेयर ब्रोकर मुहैया कराएंगे. ये ब्रोकर ही आपका डीमैट खाता खुलवा सकते हैं. डीमैट खाते के बाद आप मोबाइल ऐप की मदद से शेयरों में निवेश कर सकते हैं. मगर ध्यान रहे कि आपका डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट आपके बैंक खाते से लिंक होने चाहिए.
शेयरों में एसआईपी शुरू करने के लिए आपको निवेश की रकम, शुरुआत करने की तारीख, अंतिम तारीख, ट्रिगर डेट इत्यादि के बारे में बताना पड़ता है. ट्रिगर डेट वह तारीख है जिस दिन हर एक किस्त के लिए बकेट में निवेश किया जाएगा. इसी दिन उन शेयरों के लिए एक अलग ऑर्डर जेनरेट होगा जिन्हें आपने चुना है. ये ऑर्डर शेयर ब्रोकर के ऑर्डर मैचिंग सिस्टम के अनुसार एग्जीक्यूट होते हैं. आप एसआईपी के जरिये निवेश की अवधि दैनिक, साप्ताहिक, पाक्षिक या मासिक चुन सकते हैं. शेयर में एसआईपी शुरू करने पर आपके पास विकल्प होता है कि आप किसी खास शेयर को नहीं चुनें.
यहां हमें यह जान लेना चाहिए की म्यूचुअल फंड में सिप हमेशा फंड मैनेजर की ओर से किया जाता है. लेकिन, स्टॉक सिप जिसे ‘ई-सिप’ भी कहते है, उसमें निवेश खुद ही करना होता है या फिर ब्रोकर से इसे कराया जा सकता है. आपको ब्रोकर को यह बताना पड़ता है कि आप कितने समय में कितना शेयर खरीदना चाहते हैं. ई-सिप खरीदते समय हमेशा उन शेयरों में निवेश करना चाहिए जिनके कारोबार और वित्तीय स्थिति मजबूत हों. ई-सिप का फायदा यह है कि आपके निवेश को डाइवर्सिफिकेशन का लाभ मिलता है. यानी आप अपना इनवेस्टमेंट अलग-अलग शेयरों में करते हैं. यह ध्यान रखना चाहिए कि ई-सिप के जरिये जब निवेश करें तो अलग-अलग शेयरों में करें.
ई-सिप में फायदा यह है कि आप एक छोटी निवेश राशि से निवेश कर लंबी अवधि में बड़ा निवेश करते हैं. आप इसके जरिये बड़ा वित्तीय लक्ष्य आसानी से हासिल कर लेते हैं. निवेश की राशि कम होती है इसलिए जोखिम भी कम होता है. इसमें लिक्वडिटी काफी होती है और अचानक पैसे की जरूरत पड़ने पर आप अपनी रकम निकाल सकते हैं. दरअसल ई-सिप के जरिये में निवेश पर आपको हाई रिटर्न का फायदा मिलता है. म्यूचुअल फंड निवेश में कई तरह के चार्ज, फंड मैनेजर का खर्च आदि कट कर रिटर्न मिलता है. लेकिन इसमें इस तरह का खर्च नहीं है. इस वजह से इनमें रिटर्न का ज्यादा हिस्सा आपके हाथ आता है. जो निवेशक कम पैसे से धीरे-धीरे शेयर में निवेश करना चाहते हैं उनके लिए यह ई-सिप के जरिये शेयरों में निवेश काफी अच्छा विकल्प है
शेयरों में एसआईपी शुरू करने से पहले यह जरूरत पता कर लें कि स्टॉक एसआईपी रीक्वेस्ट क्रिएट करने के लिए ब्रोकर ब्रोकरेज जैसे अन्य रेगुलर शुल्क के अलावा कितना चार्ज करते हैं. आप किसी भी समय स्टॉक एसआईपी इंस्ट्रक्शन को कैंसिल या बदल सकते हैं. यह अगली ट्रिगर डेट से प्रभावी हो जाएगी.