SIP से लेकर NAV तक, यहां सारी जानकारी मिलेगी डिटेल में

Mutual Fund: Mutual Fund जैसी स्कीम में पैसे लगाने की सोच रहे हैं, तो स्मार्ट इन्वेस्टर की तरह निवेश से पहले जानकारी हासिल करके ही निवेश करें

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image: pixabay: एसेट एलोकेशन आपके पैसे को बेहतरीन तरीके से काम करने की एक प्रक्रिया है. शब्द "एसेट एलोकेशन फंड" एक ऐसे फंड को दर्शाता है, जो कई प्रकार के एसेट टाइप्स में निवेश करते हैं.

image: pixabay: एसेट एलोकेशन आपके पैसे को बेहतरीन तरीके से काम करने की एक प्रक्रिया है. शब्द "एसेट एलोकेशन फंड" एक ऐसे फंड को दर्शाता है, जो कई प्रकार के एसेट टाइप्स में निवेश करते हैं.

Mutual Funds: अगर आप भी मार्केट में नए हैं और Mutual Funds जैसी स्कीम में पैसे लगाने की सोच रहे हैं, तो आपको भी एक स्मार्ट इन्वेस्टर की तरह किसी भी निवेश से पहले सारी जानकारी हासिल करके ही निवेश करना चाहिए. यहां हम आपको SIP से लेकर NAV तक सारी जानकारी डिटेल के साथ देने वाले हैं जिसके बाद आपको म्यूच्यूअल फंड को लेकर कभी कोई डाउट नहीं रह जाएगा. तो चलिये एक-एक करके जानते हैं म्यूचुअल फंड में इस्तमाल होने वाले इन शब्दों के बारे में.

1- SIP

SIP के जरिए कम से कम बचत में भी भविष्य के लिए मोटी रकम बनाई जा सकती है. SIP शब्द एक सिस्टेमेटिक इनवेस्‍टमेंट प्लान को दर्शाता है, जो समय के साथ समय-समय पर म्यूचुअल फंड में निवेश करने का एक तरीका है.

यहां पर इनवेस्‍टमेंट निवेश मासिक या तिमाही के हिसाब से किया जाता है. निवेशक को एक पहले से निर्धारित रकम का निवेश करने के लिए कमिटेड होना चाहिए. जिसका उपयोग यूनिट्स को खरीदने के लिए किया जाता है.

SIP के लिए भुगतान मैन्युअल रूप से या ऑटोमेटिक रूप से महीने में एक बार, हफ्ते में एक बार या निवेशक अपनी रणनीति के हिसाब से कर सकता है.

2- NAV

म्यूचुअल फंड की किसी विशेष स्कीम की परफॉर्मेंस को नेट एसेट वैल्यू (NAV) द्वारा दर्शाया जाता है. सरल शब्दों में नेट एसेट वैल्यू से आशय निवेश की मार्केट वैल्यू से है.

म्यूचुअल फंड में निवेश की प्रति यूनिट के आधार पर नेट एसेट वैल्यू को तय किया जाता है. म्यूचुअल फंड निवेशकों से जुटाए गए पैसे को सिक्योरिटीज मार्केट में निवेश करते हैं.

क्योंकि सिक्योरिटीज की मार्केट वैल्यू हर दिन घटती बढ़ती रहती है. इसलिए किसी योजना का NAV भी दैनिक आधार पर बदलता है. NAV की गणना इस फॉर्मूले के आधार पर की जाती है –

NAV = (Assets-Liabilities) / Total Number of Units

3- AMC

एएमसी शब्द एक एसेट मैनेजमेंट कंपनी (एएमसी) को दर्शाता है. एसेट मैनेजमेंट कंपनियां (एएमसी) ऐसी फर्में हैं जो व्यक्तिगत और इंस्टीटूशनल इन्वेस्टर्स से पैसा जमा करती हैं और इसे अलग अलग सिक्योरिटीज में निवेश करती हैं.

फंड को कैपिटल एसेट जैसे स्टॉक, रियल एस्टेट और बॉन्ड में निवेश किया जाता है. एसेट मैनेजमेंट कंपनियां अपने निवेश का प्रबंधन करने के लिए फंड मैनेजर के रूप में जाने माने प्रोफेशनल्स को नियुक्त करती हैं. जबकि एक रिसर्च टीम चुने गए एप्रोप्रियेट सिक्योरिटीज का चयन करती है.

फंड मैनेजर ऐसे निवेश विकल्पों का चयन करते हैं जो फंड के उद्देश्यों के अनुरूप हों. उदाहरण के लिए एक डेट फंड निवेशकों की पूंजी की रक्षा करने और लगातार रिटर्न बनाने के लिए मुख्य रूप से बॉन्ड और सरकारी सिक्योरिटीज में निवेश करता है.

इक्विटी फंड का प्राथमिक उद्देश्य निवेशकों के लिए अधिकतम रिटर्न के लिए कंपनियों के स्टॉक में निवेश करना होता है.

4- AMU

AUM का मतलब एसेट अंडर मैनेजमेंट से है. किसी म्यूच्युअल फंड कंपनी द्वारा फंड प्रबंधन के लिए वर्तमान में जो धनराशि उपलब्ध होती है.

उसे AUM या एसेट अंडर मैनेजमेंट कहा जाता है. फाइनेंशियल कंपनियों का AUM म्यूचुअल फंड, बैंक, जमा और नकदी को कवर करता है.

इसके अतिरिक्त AUM सामान्य रूप से किसी निवेश या बिज़नेस के इवेल्यूएशन में सहायता करता है. आमतौर पर एक फर्म के बड़े AMU और ग्रेटर इनवेस्‍टमेंट इनफ्लॉस और क्वालिटी एंड मैनेजमेंट एक्सपेर्टीसज़ के अनुकूल संकेतक के रूप में माना जाता है.

5- लोड

म्यूचुअल फंड पर जारी बिक्री शुल्क या कमीशन को लोड (Load) के रूप में जाना जाता है. एक निवेशक द्वारा भुगतान किया जाने वाला फंड लोड का गठन करेगा, क्योंकि इसका उपयोग बिक्री मध्यस्थ, जैसे कि एक निवेश सलाहकार, दलाल, या फाइनेंशियल एडवाइजर की क्षतिपूर्ति के लिए किया जाएगा.

लोड का भुगतान या तो खरीद के समय किया जाता है (जिसे फ्रंट-एंड लोड या एंट्री लोड कहा जाता है), या जब शेयर बेचे जाते हैं (बैक-एंड लोड या एग्जिट लोड कहा जाता है), या यह तब तक लगातार भुगतान किया जाता है जब तक कि फंड निवेशकों के पास होते हैं (जिन्हें लेवल-लोड कहा जाता है).

1 अगस्त 2009 से प्रभावी, सेबी के नए दिशानिर्देशों के मुताबिक, मौजूदा म्यूचुअल फंड योजनाओं या नई म्यूचुअल फंड योजनाओं की खरीद पर कोई इंट्री लोड नहीं लिया जाएगा.

6- पोर्टफोलियो

“पोर्टफोलियो” फाइनेंशियल एसेट्स के कलेक्शन को रिफरेन्स करता है. जिसमें स्टॉक, बांड, करेंसी और कैश एक्विवेलेंट शामिल हो सकते हैं, साथ ही इसमें क्लोज्ड फंड्स, म्यूचुअल फंड और एक्सचेंज ट्रेडेड फंड जैसे फंड शामिल होते हैं.

इसके अतिरिक्त इसमें प्राइवेट इंवेस्टमेन्ट्स, रियल एस्टेट जैसी नॉन पब्लिक्ली ट्रेडेड सिक्योरिटीज शामिल हो सकती हैं.

इन पोर्टफोलियो को सीधे निवेशकों या मनी मैनेजर्स या फाइनेंसियल एक्सपर्ट्स द्वारा नियंत्रित किया जा सकता है. एक निवेशक अपने रिस्क टॉलरेंस और इन्वेस्टमेंट ऑब्जेक्टिव के अनुसार अपने निवेश पोर्टफोलियो को तैयार करता है. इसके अलावा निवेशक अलग-अलग लक्ष्यों के लिए अलग-अलग पोर्टफोलियो बना सकते हैं.

7- एसेट एलोकेशन

एसेट एलोकेशन आपके पैसे को बेहतरीन तरीके से काम करने की एक प्रक्रिया है. शब्द “एसेट एलोकेशन फंड” एक ऐसे फंड को दर्शाता है, जो कई प्रकार के एसेट टाइप्स में निवेश करते हैं.

एसेट एलोकेशन फंड ज्यादातर इक्विटी, बॉन्ड और कॅश एक्विवैलेंट्स में निवेश करते हैं. एसेट एलोकेशन निवेश की रणनीति बनाने में मदद करता है, यानी किस निवेश माध्यम में कितना निवेश किया जाये. इससे नुकसान की आशंका कम रहती है.

Published - August 27, 2021, 02:21 IST