Monthly Income Plan: मंथली इनकम प्लान (MIP), सेबी के कैटेगराइजेशन के बाद एक कंजरवेटिव हाइब्रिड फंड है. यह सीनियर सिटीजन द्वारा सबसे अधिक मांगे जाने प्लान में से एक है. मंथली इनकम प्लान हाइब्रिड म्यूचुअल फंड कैटेगरी में आते हैं. इसका मतलब यह है कि अधिकांश पोर्टफोलियो को डेट और मनी मार्केट इंस्ट्रूमेंट्स में इन्वेस्ट किया जाता है, जो मंथली इनकम प्लान को एक मॉडरेट रिस्क वाला प्लान बनाता है
इस प्लान में जहां इन्वेस्टर लिक्विडिटी इन्जॉय करते हैं वहीं उन्हें एक स्टेडी स्ट्रीम डिविडेंड भी मिलता है. हालांकि, जैसा कि नाम से ही साफ है, MIP कंसिस्टेंट और रेगुलर इनकम प्रोवाइड नहीं करते हैं. डिविडेंड, किसी अन्य मार्केट-लिंक्ड इन्वेस्टमेंट की तरह, प्रोफिटेबिलिटी के आधार पर दिया जाता है.
स्मार्ट एक्यूमेन कंसल्टिंग के CFP, डायरेक्टर, धनंजय बांठिया ने कहा, “MIP कुल एसेट का 10-25% इक्विटी और इक्विटी रिलेटेड इंस्ट्रूमेंट में और 75-90% डेट इंस्ट्रूमेंट में इन्वेस्ट करता है. इक्विटी में कम एक्सपोजर और 365 दिनों के भीतर निवेश के 10% का विद्ड्रॉल इस प्लान को फ्लेक्सिबल बनाता है”
MIP में निवेश की कोई सीमा नहीं होती है. आपको कोई एंट्री फीस या प्रोसेसिंग फीस देने की जरूरत नहीं है. MIP का एग्जिट लोड 1% से ज्यादा नहीं हो सकता. इन फंडों में लॉक-इन पीरियड नहीं होता है और ये हाई लेवल की लिक्विडिटी प्रदान करते हैं.
MIP पर डेट-ओरिएंटेड फंडों की तरह ही टैक्स लगता है. इसलिए, अगर निवेशक तीन साल से पहले यूनिट्स को बेचता है, तो शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन उसकी इनकम में जोड़ दिया जाता है और निवेशक के टैक्स ब्रैकेट के अनुसार टैक्स लगाया जाता है. यदि यूनिट्स को तीन साल से अधिक समय तक रखा जाता है, तो 20% पोस्ट इंडेक्सेशन के रेट से LTCG टैक्स लागू होता है.
MIP उन इन्वेस्टर्स के लिए परफेक्ट हैं जो इक्विटी मार्केट में निवेश करना चाहते हैं लेकिन उनकी रिस्क कैपेसिटी ज्यादा नहीं है. ज्यादातर MIP इन्वेस्टर्स रिटायर्ड, होममेकर या वो हैं जो रिटायरमेंट लेने की तैयारी कर रहे हैं. MIP उन लोगों के लिए हैं जो डिविडेंड के रूप में रेगुलर इनकम पाने के लिए अपना पैसा इन्वेस्ट करना चाहते हैं.
इसके अलावा, फर्स्ट टाइम म्यूचुअल फंड इन्वेस्टर मार्केट का अनुभव हासिल करने के लिए MIP को पहले कदम के रूप में इस्तेमाल कर सकते हैं.