अपने जीवन में ढाल लें गुजरातियों की ये आदतें, सफल होने से कोई नहीं रोक सकता

Money Management: गुजरातियों की आदतों से रूबरू कराने जा रहे हैं, जिससे आप भी अपने अंदर मनी मैनेजमेंट का हुनर ला सकते हैं.

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image: pixabay, पुराने सिक्कों और नोटों से मालामाल होने के चक्कर में कई लोग धोखाधड़ी का शिकार भी हो रहे हैं. लोगों से मिल रही शिकायत को और उन्हें इस तरह की जालसाजी से बचाने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने अलर्ट जारी किया है.

image: pixabay, पुराने सिक्कों और नोटों से मालामाल होने के चक्कर में कई लोग धोखाधड़ी का शिकार भी हो रहे हैं. लोगों से मिल रही शिकायत को और उन्हें इस तरह की जालसाजी से बचाने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने अलर्ट जारी किया है.

अगर जिंदगी में सफल होने का मंत्र जानना है, तो एक बार गुजरातियों की आदतों से सीख ले लें. मनी मैनेजमेंट (Money Management) क्‍या होता है, ये इनसे सीखना चाहिए. ये बचाते भी हैं और दिल खोलकर निवेश का जोखिम भी लेते हैं. ऐसे ही नहीं विश्‍व भर में इनके नाम का डंका बजता है. यहां हम आपको इनकी आदतों से रूबरू कराने जा रहे हैं, जिससे आप भी अपने अंदर मनी मैनेजमेंट (Money Management) का हुनर ला सकते हैं.

ज्‍यादा रिटर्न पर फोकस

गुजराती मनी मैनेजमेंट करना अच्छे से जानते हैं. पैसो का महत्व समझते हैं. खर्च कम और इन्वेस्ट ज्यादा करते हैं. इनका फोकस हमेशा ज्यादा रिटर्न पर होता है. अधिक प्रॉफिट वाले बिजनेस पर विश्‍वास करते हैं. ज्यादातर गुजराती आज भी रोकड़े का बिजनेस करते हैं. शेयर बाजार के प्रति गुजरातियों का आकर्षण जगजाह‍िर है. बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज में एक वक्त गुजरातियों की मॉनोपोली होती थी.

कुछ पाने के लिए रिस्क लेना जरूरी है

गुजराती रिस्क लेने से नहीं घबराते. रिस्क लेने में अगर फेल भी हो तो उसकी भी परवाह नहीं करते. उनका मानना है की नो रिस्क मतलब नो रिवॉर्ड. लाइफ में अगर कुछ पाना है तो रिस्क लेना जरूरी है. इसका बेस्ट उदाहरण हैं मुकेश अंबानी. जियो का बिजनेस प्लान आज सब लोगों के लिए उदाहरण हैं.

बालाजी वेफर्स के चंदूभाई विरानी भी एक ऐसा ही नाम है. वे वर्ष 1989 तक राजकोट के सिनेमाघरों में दूसरी कंपनियों के वेफर्स बेचा करते थे. इसमें मार्जिन कम था, तो उन्होंने सोचा कि क्यों न खुद ही इसे बनाया जाए. एक समय में हर रोज 500 किलो वैफर्स बेचनेवाले चंदू विराणी 500 करोड़ रुपए के मालिक हैं.

पैसे बचाने को 10 जगह घूमते

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि आधा फीसदी भी कम ब्‍याज के लिए किसी गुजराती को 10 बेंक के चक्कर काटने पड़े तो इससे गुरेज नहीं करेंगे. इनके बारे में एक कहावत भी है कि जो मारवाड़ी से माल खरीदकर सिंधी को बेचे और फिर भी नफा कमाए वो असली गुजराती. तोल मोल करने में माहिर होते है. कम कीमत की वस्‍तु खरीदने के लिए 10 जगह भी घूमना पड़े तो गुरेज नहीं करते हैं.

गुजरात और गुजरातियों पर एक नजर

देश के टॉप बिजनेसमैन की बात करें तो उसमें मुकेश अंबानी, गौतम अडानी, अजीम प्रेमजी, उदय कोटक, दिलीप संघवी, पंकज पटेल जैसे गुजराती कारोबारी जरूर दिख जाएंगे. गुजराती कारोबारियों की गिनती देश के सबसे सफल कारोबारियों में होती है.

आज देश के कुल एक्सपोर्ट का एक चौथाई एक्सपोर्ट सिर्फ गुजरात से होता है. देश में कॉटन और दूध का एक चौथाई उत्पादन गुजरात में होता है. गुजरात को डायमंड हब भी कहा जाता है. गुजरात में 1600 किमी की लंबी कोस्टलाइन के कारण आजादी के पहले से ही विदेशों से कारोबार हो रहा है.

Published - May 10, 2021, 09:00 IST