Mid Or Small Cap: मध्यम और परम्परागत निवेशक बैलेंस्ड एडवांटेज फंड (बीएएफ) के बारे में सोच सकते हैं. क्योंकि ये कम अस्थिर होते हैं और इक्विटी के लिए कम आवंटन के कारण बाजार में गिरावट को थाम लेते हैं.
IDFC म्यूचुअल फंड के सीनियर फंड मैनेजर सचिन रेलेकर का कहना है कि जोखिम सहने वाले निवेशकों के लिए मिड और स्मॉल-कैप (Mid Or Small Cap) फंड मज़ेदार विकल्प हो सकते हैं. क्योंकि मीडियम टर्म में ज़्यादा रिटर्न मिल सकता है.
मार्च-मई’ 2021 की अवधि के दौरान, इक्विटी फंडों में निवेशकों की ओर से ज़्यादा आवक दिखाई दी है. वैश्विक वित्तीय बाजार में उछाल और स्थिर कॉर्पोरेट आय ने कोविड -19 के बुरे असर के बावजूद शेयर बाजारों को रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंचा दिया है.
इक्विटी कैटेगरी में आर्बिट्राज फंड्स, इंटरनेशनल फंड्स, थीमैटिक और बैलेंस्ड एडवांटेज फंड्स में सबसे ज्यादा आवक यानि इनफ्लो देखने को मिला. इसके अलावा, कई एनएफओ ने भी इक्विटी में मांग को बढ़ावा दिया है.
निकट भविष्य में, यह गति वैश्विक बाजारों में नक़दी, आय में बढ़ोतरी और महामारी की स्थिति जैसे विभिन्न कारकों पर निर्भर करेगी.
हमारे पास एक विविध इक्विटी फंड है जिसमें प्रत्येक की एक अलग योजना है. वैल्यू पर फोकस और मिड और स्मॉल-कैप शेयरों में हमारे अनुभव ने हमारे फंडों के अच्छे प्रदर्शन में मदद की है.
महामारी की यह लहर पिछली बार की तुलना में ज़्यादा घातक थी. हालांकि, बाजार लगभग बेफिक्र होकर आगे बढ़ते रहे. एक वजह जो सभी क्षेत्रों में मुनाफ़े को प्रभावित कर सकती है, वह है आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में वृद्धि.
पिछले छह महीनों में 40-80% से लेकर बड़ी बढ़ोत्तरी हुई है. इन कीमतों के बढ़ने से आने वाली उपभोक्ता वसूली प्रभावित हो सकती है या निचले स्तर के उपभोक्ता उद्योगों को गंभीर रूप से नुकसान पहुंच सकता है.
सामान्य मानसून और कोविड -19 से जुड़ी कुछ अच्छी खबरें त्योहारी सीजन के आसपास आर्थिक गतिविधियों को दोबारा चलने में मदद कर सकती है.
सभी निवेश जोखिम लेने की क्षमता और निवेश के उद्देश्यों के अनुसार होने चाहिए. हालांकि, मध्यम और परम्परागत निवेशक बैलेंस्ड एडवांटेज फंड (बीएएफ) पर विचार कर सकते हैं.
क्योंकि ये फंड निवेशकों को बाजार की स्थितियों और उनके द्वारा पालन किए जाने वाले मॉडल के आधार पर इक्विटी और डेट के बीच आवंटन को जल्दी प्रबंधित करने की क्षमता से फायदा पहुंचाते हैं.
बीएएफ कम अस्थिर होते हैं और इक्विटी में कम आवंटन के कारण बाजार में गिरावट को कम करने की कोशिश करते हैं. जोखिम सहने वाले निवेशक के लिए मिड और स्मॉल-कैप ओरिएंटेड फंड अच्छे हो सकते हैं.
क्योंकि हालिया उछाल के बावजूद मिड और स्मॉल-कैप में 3 साल का रिटर्न अच्छा हो सकता है.
इस सच्चाई का सम्मान करना चाहिए कि अर्थव्यवस्थाएं भी दूसरे व्यवसायों की तरह अलग अलग दौर से गुजरती हैं.
इस समय, ब्याज दरें कम हो सकती हैं, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि निवेशक ऐसे परिसंपत्ति वर्गों के लिए आवंटन चाहते हैं जो अधिक फायदेमंद लगते हैं. चाहे कोई भी चक्र चल रहा हो.
अपने परिसंपत्ति आवंटन लक्ष्यों, जोखिम लेने की क्षमता और निवेश सीमा का ध्यान रखने की ज़रूरत होती है. आप अपने आवंटन को स्थिति के अनुसार पर बदल सकते हैं, लेकिन यह अपनी क्षमता के अंदर होना चाहिए.
कम ब्याज दरों पर भी, रिटर्न ग्राफ ऐसा है कि यह कुछ बिंदुओं पर मौके देता रहता है, जैसे कि 3-6 साल, जहां किसी भी संभावित मार्क टू मार्केट लॉस के लिए पिछला मुनाफ़ा बुरा नहीं है.
इक्विटी और डेट कितना कितना आवंटन होना चाहिए, यह निवेशक की सामर्थ्य, लक्ष्यों और जोखिम उठाने की क्षमता पर निर्भर करता है. एक वित्तीय सलाहकार प्रत्येक ग्राहक को उसकी ज़रूरत के हिसाब से एक अनुकूल सलाह दे सकता है.
उम्मीद से बेहतर मांग के माहौल के कारण विशेष रूप से वैल्यू/स्मॉल-कैप सेगमेंट में आमदनी में सुधार की बड़ी उम्मीदों से बाजार में तेजी आई है.
लगता है कि निवेशकों को कम समय में आई तेजी के बाद सतर्क रहने की जरूरत है क्योंकि क़ीमतें बढ़ गई हैं.