पिछले एक साल में मिड कैप फंड दे चुके हैं 56% से भी ज्यादा रिटर्न, क्या आपको करना चाहिए निवेश!

वैल्यू रिसर्च के आंकड़ों के मुताबिक मिड कैप फंड ने एक, तीन और पांच साल के दौरान क्रमशः 56%, 15.56% और 14.64% का रिटर्न दिया है.

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मिड-कैप फंडों में निवेश किए गए रुपयों का उपयोग फंड मैनेजरों द्वारा मिड-कैप कंपनियों के शेयरों को खरीदने के लिए किया जाता है

मिड-कैप फंडों में निवेश किए गए रुपयों का उपयोग फंड मैनेजरों द्वारा मिड-कैप कंपनियों के शेयरों को खरीदने के लिए किया जाता है

हर एक म्यूचुअल फंड चाहे डेट फंड (Debt Fund) हो या इक्विटी फंड (Equity fund), रिटर्न बनाने के लिए अंडरलाइंग एसेट पर ही निर्भर करता है. मिड-कैप फंड (Mid Cap Funds), मिड-साइज़ फर्मों की इक्विटी में उनकी अंडरलाइंग एसेट के रूप में निवेश करते हैं. सरल भाषा में कहें तो मिड-कैप फंडों में निवेश किए गए रुपयों का उपयोग फंड मैनेजरों द्वारा मिड-कैप कंपनियों के शेयरों को खरीदने के लिए किया जाता है, जिनमें लंबी अवधि में अच्छा रिटर्न देने की क्षमता होती है.

जानिये कैसा रहा है मिड कैप फंड का प्रदर्शन

पिछले एक साल में मिडकैप फंडों ने शानदार प्रदर्शन किया है. कोविड की लहर के बाद इकॉनमी को फिर से खोलने के कारण इंडस्ट्रीज में मांग में मजबूती आई है. मांग में सुधार के साथ-साथ अधिकांश मिडकैप डाउन साइकल के दौरान एक अच्छी बैलेंस शीट और एक अच्छा ऑपरेटिंग कैशफ्लो बनाए रखने में भी सफल हुए थे. जिसके चलते जैसे ही इकॉनमी ने फिर तेज़ी पकड़ी मिड कैप फंड भी तेज़ी से रिकवर हो गए. वैल्यू रिसर्च डेटा से पता चलता है कि 26 अगस्त, 2021 तक मिड-कैप फंडों ने एक, तीन और पांच साल की अवधि में क्रमशः 56%, 15.56% और 14.64% का रिटर्न दिया है.

हाल ही में IDFC म्यूचुअल फंड ने IDFC मिडकैप अपॉर्चुनिटी फंड लॉन्च करने के लिए सेबी (Sebi) के पास पेपर दाखिल कर दिए हैं. यह मिड-कैप फंड एक ओपन-एंडेड इक्विटी स्कीम है जो मुख्य रूप से मिड-कैप शेयरों में निवेश करेगी.

जानिए क्या है मैनेजमेंट स्ट्रेटेजी

इस फंड का उद्देश्य मिड-कैप सेगमेंट की इक्विटी और इक्विटी-लिंक्ड सिक्योरिटीज में निवेश करके लंबी अवधि में अच्छा रिटर्न बनाने का है. इस स्कीम को एसएंडपी (S & P) बीएसई मिडकैप 150 के अगेंस्ट बेंचमार्क किया गया है. फंड के इक्विटी पोरशन को फंड मैनेजर सचिन रेलेकर और फंड के डेट पोरशन को फंड मैनेजर हर्षल जोशी द्वारा संभाला जाएगा.

फंड से जुडी इन बातों का रखें ध्यान

– इस फंड में कोई एंट्री लोड नहीं है. हालांकि एक वर्ष के भीतर रिडीम या स्विच आउट करने पर 1% का एक्जिट लोड चार्ज किया जाएगा.

-इस स्कीम में रेगुलर और डायरेक्ट दोनों प्लान मिलते हैं.
-सेबी (Sebi) द्वारा स्कीम का मैक्सिमम टोटल एक्सपेंस रेश्यो 2.25% तक रखा गया है.
-यह स्कीम वेरी हाई रिस्क कैटेगरी के अंतर्गत आती है. ऐसे में निवेशकों को इन्वेस्टमेंट से पहले अपने फाइनेंसियल एडवाइजर की सलाह ले लेनी चाहिए.
-मिनिमम एप्लीकेशन अमाउंट 5,000 रुपये है.
-मैनेजमेंट ने अभी इस NFO की तारीख की घोषणा नहीं की है.

एंडनोट

मिडकैप बिज़नेस का एक सेगमेंट है. इसमें हाई रिटर्न मिलने की संभावना रहती है. मिडकैप में निवेश करते समय निवेशकों को यह ध्यान रखना चाहिए कि वे वोलैटिलिटी का अनुभव कर सकते हैं.

इसके अलावा आपके पास लगभग पांच वर्षों का लंबा समय होना चाहिए और सिस्टेमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लांस का उपयोग करके ही निवेश करना चाहिए. उतार-चढ़ाव की अवधि के दौरान आप वन टाइम इनवेस्‍टमेंट करके लाभ उठा सकते हैं. वेल्थ को क्रिएट होने में समय लगता है और इसलिए हाई क्वालिटी फंड में निवेश बनाए रखना जरुरी है. किसी निवेश से पहले फंड की रेटिंग और परफॉरमेंस कंसिस्टेंसी के ट्रैक रिकॉर्ड की जांच करके ही निवेश की शुरुआत करनी चाहिए.

Published - August 29, 2021, 11:41 IST