Liquid Fund vs FD: इमरजेंसी के लिए कहां करें निवेश? लिक्विड फंड और बैंक FD में क्या है बेहतर

आपातकालीन स्थिति में तुरंत काम आए ऐसा फंड बनाने के लिए FD, सेविंग अकाउंट और लिक्विड फंड में निवेश करने की सलाह दी जाती है.

  • Team Money9
  • Updated Date - August 18, 2021, 04:30 IST
liquid fund vs Bank FD: where should you invest for emergency?

लिक्विड फंड ने 1 साल में 3-4%  के बीच और 5 साल में 5% के करीब रिटर्न दिया है.

लिक्विड फंड ने 1 साल में 3-4%  के बीच और 5 साल में 5% के करीब रिटर्न दिया है.

Liquid Fund vs. Bank FD: आपातकालीन स्थिति में काम आए ऐसा इमर्जेंसी फंड बनाना बेहद जरूरी है. इमर्जेंसी फंड के साथ लिक्विडिटी का होना आवश्यक है. यानी, जब चाहें आपके पास यह पैसा उपलब्ध हो. यह आपके लंबी अवधि के लक्ष्यों को भी प्रभावित होने से बचाता है. इसके लिए बैंक सेविंग अकाउंट, बैंक FD या लिक्विड फंड को चुनने की सलाह दी जाती है. काफी निवेशक इन विकल्पों में से सही बेहतर विकल्प का चुनाव करने में उलझन का सामना करते हैं. इसके लिए हमने बैंक FD और लिक्विड फंड के कुछ पहलुओं की तुलना की है.

लिक्विड फंड

ऑनलाइन इन्वेस्टमेंट एप्लिकेशन Tarrakki के CEO और को-फाउंडर सौम्य शाह कहते हैं, “एक आपातकालीन निधि आपके तकिए के नीचे रखे गए धन की तरह होनी चाहिए, जो हर समय उपलब्ध हो. पहले ऐसी राशि के लिए सेविंग अकाउंट में पैसे रखे जाते थे, हालांकि, लगातार ब्याज दर में कमी ने इसे पूरी तरह से लाभहीन विकल्प बना दिया है. ऐसी परिस्थिति में लिक्विड फंड एक बढ़िया विकल्प है, जो आपको इंस्टा-रिडेम्पशन के साथ अच्छा रिटर्न प्रदान करता है.”

बैंक फिक्स्ड डिपॉजिट

ब्याज दरों में गिरावट के बावजूद, आम लोगों के लिए Fixed Deposit (FD) सबसे पसंदीदा तरीकों में से एक है. कई लोग इसे एक सुरक्षित साधन मानते हैं जो गारंटीड रिटर्न प्रदान करता है. सरकारी बैंक और निजी बैंक अलग-अलग इंटरेस्ट रेट प्रदान करते हैं. FD में ब्याज का आधार जमा की गई राशि, अवधि और जमाकर्ता की उम्र के आधार पर अलग-अलग होते हैं. आमतौर पर सीनियर सीटिजन को ज्यादा ब्याज मिलता है. लिक्विड फंड के मुकाबले बैंक FD ज्यादा सुरक्षित विकल्प है.

एग्जिट लोड और पेनल्टी

निर्धारित समय से पहले निवेश निकालने पर लिक्विड फंड में एक्जिट लोड चुकाना पड़ता है. अगर आप अपना निवेश 7 दिन तक नहीं बेचते हैं तो आपको कोई भी एग्जिट लोड नहीं देना होगा. लेकिन, 7 दिन के अंदर अपने निवेश को बेचने पर मामूली सा एग्जिट लोड (0.0070%) चुकाना होता है. बैंक FD को आप समयपूर्व तोड़ते हैं तो कुछ पेनल्टी देनी होती है. ये पेनल्टी आमतौर पर रिटर्न्स का 1% होती हैं. यानी इमर्जेंसी में आपको पैसे की जरूरत पड़ती है. आप अगर मैच्योरिटी से पहले पैसे निकालते हैं तो बैंक FD के मुकाबले लिक्विड फंड बेहतर हैं.

रिटर्न और ब्याज दर की तुलना

लिक्विड फंड ने 1 साल में 3-4%  के बीच और 5 साल में 5% के करीब रिटर्न दिया है. उदाहरण के तौर पर, निप्पोन इंडिया लिक्विड फंड में एक साल पहले रखे गए 1 लाख रुपये आज 1.03 लाख रुपये बन गए हैं, और 5 साल पहले रखे गए 1 लाख रुपये का मूल्य आज 1.33 लाख रुपये है. बैंक FD की बात करें तो, SBI में 365 दिन पहले की गई 1 लाख रुपये की FD का मूल्य आज 1,02,562 रुपये से 1,04,977  रुपये है, वहीं 5 साल पहले की गई 1 लाख रुपये की FD का मूल्य आज 1,17,111 रुपये से 1,33,344 रुपये है.

टैक्सेशन

FD से मिलने वाले ब्याज को आपकी आय में जोड़ दिया जाता है और टैक्स स्लैब के अनुसार टैक्स काटा जाता है. अगर आपको सालाना 40,000 रुपये से अधिक ब्याज मिलता है तो FD की मैच्योरिटी पर 10% TDS काटकर आपको पैसा चुकाया जाता हैं. लिक्विड फंड को 3 वर्ष से ज्यादा रखकर बेचा जाए तो 20% से LTCG टैक्स लगता है. 3 वर्ष से कम रखकर बेचने पर  रिटर्न वार्षिक आय में जुड़कर टैक्सेबल होता हैं.

Published - August 18, 2021, 04:30 IST