दिग्गज इनवेस्टर अंबरीश बलिगा ने दलाल स्ट्रीट में लंबा दौर देखा है. उनका मूल मंत्र खुद को हर दिन अपडेट रखना है. इससे उन्हें शेयर बाजार में बढ़त बनाए रखने में मदद मिलती है.
मुंबई बेस्ड एनालिस्ट बलिगा ऐसे स्टॉक्स पर नजर रखते हैं जिनमें ग्रोथ की संभावना है, लेकिन जो अभी दूसरों की नजरों से छिपे हुए हैं.
बलिगा चीजों को आसान रखने को तरजीह देते हैं. वे दिनभर मार्केट नहीं देखते. हालांकि, वे बाजार के खुलने और बंद होते वक्त जरूर इस पर निगाह रखते हैं. इंट्राडे में होने वाले उतार-चढ़ाव से उन पर ज्यादा फर्क नहीं पड़ता. गुजरे वर्षों में उनके टॉप स्टॉक्स ने 400 गुने तक का रिटर्न दिया है.
बलिगा कहते हैं कि उन्हें अब तक सबसे बढ़िया रिटर्न प्राज इंडस्ट्रीज (Praj Industries) में मिला है. इस शेयर ने उन्हें करीब 5 साल में 400 गुना रिटर्न दिया है. उन्हें ये रिटर्न 2002-2007 के दौरान मिला. वे कहते हैं, “Himatsingka Seide ने भी हमें कुछ दफा कई गुना रिटर्न दिया है. वे गुजरे 7-8 साल में इस स्टॉक में 3 साइकिल्स में पैसा बना चुके हैं. गरवारे पॉलिस्टर ने एक साल में 5 गुना और निखिल एडहेसिव ने 4 साल में 10 गुना रिटर्न दिया है.”
मनी स्पिनर्स सीरीज के लिए मनी9 को दिए इंटरव्यू में अंबरीश बलिगा ने निवेश की अपनी सोच का जिक्र किया है. पेश हैं उनके साथ बातचीत के अंशः
आपका मल्टीबैगर फॉर्मूला क्या है?
मैं आमतौर पर ऐसे स्टॉक्स देखता हूं जिनमें ग्रोथ की संभावना होती है, लेकिन अभी जिन पर मार्केट की नजर नहीं गई है या जिन्हें छोड़ दिया गया है या खराब परफॉर्मेंस की वजह से नकार दिया गया है, लेकिन इनमें दोबारा पटरी पर आने के आसार हैं.
इन स्टॉक्स में मुझे रिसर्च करने का पर्याप्त वक्त मिलता है और इनकी क्षमता का पता चल पाता है. हालांकि, इनमें निवेश करने में काफी धैर्य की जरूरत होती है क्योंकि कई दफा ये थकाऊ साबित हो सकते हैं.
आप बेचने या होल्ड के फैसले कैसे करते हैं?
हम आमतौर पर कोई शेयर इस वजह से खरीदते हैं क्योंकि हमारी रिसर्च टूलकिट के ये ज्यादातर मानदंडों को पूरा करता है और हम इसकी वैल्यूएशन को लेकर सहज होते हैं. हम इनके परफॉर्मेंस और खबरों पर लगातार नजर रखते हैं और इसी हिसाब से तय करते हैं कि इसे रखना है या इससे निकल जाना है.
अपनी गलतियों से आपने क्या सबक सीखे हैं?
करीब 35 साल पहले मैंने निवेश शुरू किया था. तब मेरी कंपनी मैनेजमेंट तक कोई पहुंच नहीं थी. ज्यादातर जानकारी सार्वजनिक रूप से मौजूद मैटेरियल के जरिए मिलती थी. इसके अलावा, स्टॉक मार्केट में दोस्तों से खबर मिलती थी. मेरी फैमिली का स्टॉक मार्केट्स का बैकग्राउंड नहीं था. मेरे पिता न्यूक्लियर साइंटिस्ट थे जिनके पास बमुश्किल कोई सेविंग्स थी.
1992 में एक प्रमुख पब्लिशर ने लिस्टेड कंपनियों का डेटाबेस उतारा, और इसके साथ ही गंभीर रिसर्च का मेरा काम शुरू हुआ.
मैं 1995 में मुंबई शिफ्ट हुआ और मैंने PMS के साथ शुरुआत की. ये सेबी में रजिस्टर्ड था. शुरुआत में हम मैनेजमेंट की बताई गई उन कहानियों पर भरोसा करते थे जिन्हें डेटा का समर्थन हासिल होता था.
हालांकि, बाद में ये मेरी बड़ी गलती साबित हुई. मुझे पता चला कि डेटा का भी स्वतंत्र सूत्रों से वेरिफिकेशन कराया जाना चाहिए ताकि जानकारियों पर मुहर लग सके.
आपकी दिनचर्या क्या है?
मेरा दिन कॉफी के साथ अखबार पढ़ने के साथ शुरू होता है. हालांकि, ज्यादातर खबरें मुझे एक दिन पहले ही वेबसाइट्स या सोशल मीडिया से मिल जाती हैं.
इसके बाद दिन में कई क्लाइंट कॉल्स और एनालिस्ट्स की मेरी एक छोटी टीम के साथ चर्चा होती है.
हालांकि, मेरा दायरा स्टॉक मार्केट रिसर्च से आगे है. मैं कुछ छोटी और मिड-साइज्ड कंपनियों को उनकी कारोबारी और कम्युनिकेशन स्ट्रैटेजी के लिए सलाह देता हूं.
शाम को 10 बजे के बाद मेरी शिफ्ट रात के 1 बजे या उसके भी बाद तक जाती है और इस दौरान मैं पढ़ने और रिसर्च करने में वक्त लगाता हूं.
शेयरों में मेरा निवेश शौकिया शुरू हुआ था और मैं भाग्यशाली था कि अर्थव्यवस्था खुली और मेरा शौक मेरे पेशे में तब्दील हो गया.
क्या आप किसी इनवेस्टमेंट गुरु को फॉलो करते हैं?
मेरा स्कूल जहां मैंने पढ़ाई की- ऋषि वैली स्कूल ने मेरी बुनियाद तैयार की. यहीं से मुझए स्वतंत्र रूप से सोचने की ताकत मिली. मैंने खूब पढ़ा और प्रमुख इनवेस्टर्स की रणनीतियों को समझा. इससे अपने सबक तैयार किए और अपना तरीका विकसित किया.
फिलहाल मैं विनिंग द लूजर्स गेम और युवाल नोआह हरारी की 21 लेसंस फॉर द 21 सेंचुरी पढ़ रहा हूं.
इंडीविजुअल इनवेस्टर्स के लिए आपकी क्या सलाह है?
निवेश का अपना तरीका तैयार करें और किसी को कॉपी न करें. किसी अन्य के लिए सही साबित हुई रणनीति हो सकता है आप पर लागू न हो. साथ ही आपको एक अनुशासन पर चलना होगा. एसेट एलोकेशन पर टिके रहें और लालच से दूर रहें. बेचने और मलाल न करने की कला सीखें.