रिजर्व बैंक की सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम 2021-22 की छठी सीरीज में निवेश करने का आज आखिरी दिन है. सोने में सस्ती दरों पर निवेश करना चाहते हैं, तो आपके लिए यह बेहतरीन स्कीम है.
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जब ग्राहक तनिष्क डिजिटल गोल्ड खरीदता है, तो उसके नाम पर 10 साल की अवधि के लिए बिना किसी लॉक-इन अवधि और खरीदी गई राशि की कोई सीमा नहीं होती है. उपभोक्ताओं के पास डिजिटल सोना बेचने या उसे गहनों में बदलने का विकल्प भी है.
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SGB में निवेश पर सालाना दो बार 2.5% इंटरेस्ट इनकम कमाई जा सकती है. कोई दूसरा गोल्ड-लिंक्ड इन्वेस्टमेंट यह एडीशनल इनकम ऑफर नहीं करता है.
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इस स्थिति में, IT विभाग संबंधित करदाता को एक नोटिस जारी कर सकता है
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SGB लॉक-इन पीरियड के साथ आते हैं. हालांकि, फिर भी कोई इसे सेकेंडरी मार्केट में बेच सकता है क्योंकि SGB यूनिट स्टॉक एक्सचेंजों पर ट्रेड करती हैं.
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अगर आपके कर्ज लेना मकसद खर्च करना है जैसे क्रेडिट कार्ड से डिजाइनर कपड़े लेना तो ये बुरे कर्ज का उदाहरण है. लेकिन आप अपने व्यापार के लिए, स्टार्टअप के लिए या एजुकेशन लोन ले रहे हैं तो ये अच्छा है.
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यदि आप तीन साल से पहले अपनी SGB यूनिट को प्री-मैच्योर रिडीम करते हैं, तो कैपिटल गेन पर स्लैब रेट के अनुसार टैक्स लगाया जाएगा. तीन साल बाद बेचने पर कैपिटल गेन लॉन्ग-टर्म में बदल जाता है. उस स्थिति में, एप्लीकेबल टैक्स रेट इंडेक्सेशन के साथ 20% है.
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विश्व का दूसरा सबसे बड़ा बुलियन कंज्यूमर भारत है और भारत ने अगस्त 2021 में 121 टन सोने का इंपोर्ट किया. एक साल पहले भारत ने इसी महीने में 63 टन का इंपोर्ट किया था. वैल्यू के लिहाज से देखे तो अगस्त का इंपोर्ट एक साल पहले के 3.7 बिलियन डॉलर से बढ़कर 6.7 बिलियन डॉलर हो गया.
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SGB इन्वेस्टमेंट के बदले कोई भी व्यक्ति उसी तरह से लोन ले सकता है, जिस तरह से फिजिकल गोल्ड के मामले में होता है. SGB यूनिट को कॉलेटरल (गिरवी) के रूप में माना जाएगा और लोन-टू-वैल्यू उसी के अनुसार तय की जाएगी.
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सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम 2021-22 के पिछले पांच इश्यू में 6687 करोड़ रुपये का इन्वेस्टमेंट हो चुका है. सीरीज-I ने सबसे ज्यादा 2540.87 करोड़ रुपये जुटाए.