फाइनेंशियल एडवाइजर और फाइनेंशियल डिस्ट्रीब्यूटर में क्या है फर्क? यहां जान लीजिए

आर्थिक जगत में गलत बीमा, शेयर, म्यूचुअल फंड या दूसरी चीजों की खरीद-बिक्री को ज्यादातर सीधे कमीशन आधारित व्यवसाय मॉडल से जोड़ कर देखा जाता है.

know the difference between financial planner and financial distributor

वित्तीय मामलों के जानकार बताते हैं कि निवेशकों को भी अपनी आवश्यकताओं के बारे में जानने और समझने की जरूरत है.

वित्तीय मामलों के जानकार बताते हैं कि निवेशकों को भी अपनी आवश्यकताओं के बारे में जानने और समझने की जरूरत है.

एक गलत बीमा पॉलिसी, मूचुअल फंड, शेयर या वित्तीय निवेश लोगों का पूंजी बाजार में विश्वास खत्म करने के लिए काफी है. गलत पूंजी निवेश को आर्थिक जगत में अक्सर कमीशन-आधारित व्यवसाय मॉडल से जोड़ा जाता है. वित्तीय सलाहकार या डिस्ट्रीब्यूटर निवेशक को ऐसे प्रोडक्ट बेचने के लिए कुख्यात हैं जिनसे उनको तो ज्यादा कमीशन मिल जाती है मगर निवेशक के लिए वो सौदा घाटे वाला होता है.

निवेशक और फाइनेंशियल एडवाइजर या डिस्ट्रिब्यूटर के हितों के टकराव को कम करने के लिए सेबी ने 2016 में इनवेस्मेंट एडवाइजर्स रेग्यूलेशन 2013 (निवेश सलाहकार विनियम 2013) में संशोधन कर इसे स्पष्ट रूप से परिभाषित करने का सुझाव दिया.

जुलाई 2020 में सेबी ने इनवेस्टमेंट एडवाइजर्स रेग्यूलेशंस ऑफ 2013 को संशोधित किया और एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया इनवेस्टमेंट एडवाइजर्स अमेंडमेंट रेग्यूलेसंस, 2020 (भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड, निवेश सलाहकार संशोधन विनियम, 2020) नाम दिया. इसके अलावा 18 जून 2021 को सेबी ने निवेश सलाहकारों पर निगरानी और नजर रखने के लिए दिशानिर्देश जारी किए.

सेबी ने कहा कि इनवेस्टमेंट एडवाइजर्स (IA) पर नियंत्रण और प्रशासन के लिए किसी भी निकाय या कॉरपोरेट बॉडी को इनवेस्टमेंट एडवाइजर एडमिनिस्ट्रेशन एंड सुपरवाइजरी बॉडी (निवेश सलाहकार प्रशासन और पर्यवेक्षी निकाय) (IAASB) कहा जाएगा.

जागरूकता लाने की कोशिश

निवेशकों के लिए अधिक स्पष्टता और पारदर्शिता के लिए सेबी लगातार बदलाव लाने के मिशन पर है. इन बदलावों के बावजूद नये निवेशकों को विभिन्न उत्पादों की खरीद के दौरान सलाह की जरूरत पड़ती है. बड़े बदलावों के बावजूद आम निवेशक के लिए कौन सा सौदा उनके लिए सही है वाली मूल समस्या ज्यों की त्यों बनी हुई है.

एक फाइनेंशियल एडवाइजर (वित्तीय सलाहकार) आपके सामने आपकी वित्तीय स्थिति की पूरी तस्वीर खींच कर सामने रख देता है. दूसरी तरफ, एक फाइनेंशियल डिस्ट्रीब्यूटर (वित्तीय वितरक) आपको खास तरह के वित्तीय उत्पाद जैसे मूचुअल फंड, स्टॉक, विदेसी स्टॉक बेचने में ज्यादा दिलचस्पी दिखाता है.

नये नियम के मुताबिक एक वित्तीय सलाहकार के लिए सर्टिफाइड फाइनेंशियल प्लानर (प्रमाणित वित्तीय योजनाकार – CFP), सर्टिफाइड फाइनेंशियल एनालिस्ट (प्रमाणित वित्तीय विश्लेषक – CFA), या एनआईएसएम (NISM) का प्रमाणपत्र होना अनिवार्य है.

कोटक महिंद्रा एसेट मैनेजमेंट के सेल्स और मार्केटिंग के हेड मनीष मेहता के मुताबिक, “नये दिशा-निर्देशों के मुताबिक एक फाइनेंशियल एडवाइजर निवेशक को उसके निवेश पोर्टफोलियो पर सलाह देता है. फाइनेंशियल एडवाइजर दिए गए सलाह के लिए क्लाइंट से परामर्श शुल्क लेता है. वहीं, फाइनेंशियल डिस्ट्रीब्यूटर के मामले में आशा की जाती है कि वो निवेशक को वैसे प्रोडक्ट दिखाए जिनमें वो निवेश करना चाहता है. फाइनेंशियल डिस्ट्रीब्यूटर को उसकी फीस संबंधित कंपनी से मिलती है ग्राहक से नहीं.“

वित्तीय मामलों के जानकार बताते हैं कि निवेशकों को भी अपनी आवश्यकताओं के बारे में जानने और समझने की जरूरत है. अगर आप चाहते हैं कि कोई आपको वित्तीय सलाह दे और हाथ पकड़ कर इस क्षेत्र में आगे बढ़ना सिखाए तो आपको एक फाइनेंशियल एडवाइजर की जरूरत पड़ती है.

स्क्रिपबॉक्स के चीफ इनवेस्टमेंट ऑफिसर (मुख्य निवेश अधिकारी) अनूप बंसल के मुताबिक, “एक एडवाइजर आपके जीवन के लक्ष्य, निवेश के उद्देश्य, जोखिम उठाने की क्षमता और निवेश के प्रति भावनाओं को समझने में आपकी मदद करता है. ये साथ लंबी अवधि के लिए और कई बार पूरे जीवन के लिए होता है. यदि आप जानते हैं कि आपको क्या चाहिए और आपने खुद एक प्लान बना लिया है तो उसे पूरा करने के लिए भी आपको एक फाइनेंशियल डिस्ट्रिब्यूटर की जरूरत पड़ती है.“

फाइनेंशियल डिस्ट्रीब्यूटरों को बेचे गए उत्पाद के आधार पर पैसे मिलते हैं. ऐसे में वो ऐसे उत्पाद को बेचने की कोशिश में ज्यादा रहते हैं जिसमें उन्हें कंपनी से अधिक कमीशन मिले. हालांकि, जानकारों का कहना है कि इसका मतलब ये नहीं लगाना चाहिए कि वो हर बार ग्राहकों को घटिया ही सलाह देते हैं.

एडलवाइस टोकियो लाइफ इंश्योरेंस के चीफ डिस्ट्रीब्यूशन ऑफिसर (मुख्य वितरण अधिकारी) ने बताया, “साफ-साफ कहें तो एक फाइनेंशियल डिस्ट्रीब्यूटर की सलाह कभी हितों के टकराव के बगैर नहीं हो सकती. इस मामले में फाइनेंशियल एडवाइजर पर कंपनी से मिलने वाले अधिक हिस्से का लालच नहीं होता. उसकी पूरी कमाई सीधे-सीधे ग्राहक से जुड़ी होती है.“

अब फाइनेंशियल एडवाइजर और फाइनेंशियल डिस्ट्रिब्यूटर में कौन बेहतर है ये वाद-विवाद का विषय है. हालांकि, एक ग्राहक को दोनो में से एक को चुनने से पहले दोनों में अंतर को समझना जरूरी होता है.

कई बार इस मामले में आपका भरोसा भी बड़ी भूमिका निभाता है. इसलिए वित्तीय निवेश या लेन-देन में एडवाइजर या डिस्ट्रीब्यूटर को चुनना इस बात पर भी निर्भर करता है कि आप उस पर कितना भरोसा करते हैं.

Published - October 10, 2021, 03:49 IST