Financial Fears: समय रहते और कुछ घटनाओं के चलते हमारे दिमाग में कई तरह के डर जड़ें जमा लेते हैं. कुछ लोगों को शेयर मार्केट में पैसा गंवाने का डर लगता है. वहीं, कुछ लोगों को ये डर सताता है कि एजेंट उनका पैसा लेकर भाग सकता है.
फाइनेंस से जुड़े ऐसे ही कुछ डर हमें बड़ा नुकसान पहुंचा सकते हैं. यहां हम आपको पैसों को लेकर मन में बने हुए विडर (Financial Fears) और उनसे निपटने के तरीकों के बारे में बता रहे हैं.
निवेश तो ठीक है लेकिन कागजी कामकाज से लगता है डर
उपायः अपने दिमाग से ये डर निकाल दें क्योंकि अब दुनिया डिजिटल हो गई है. सब कुछ बस एक क्लिक पर उपलब्ध है. आपको किसी दफ्तर के चक्कर काटने की जरूरत नहीं है.
म्यूचुअल फंड युनिट्स बेचनी हों या मेडिकल इंश्योरेंस क्लेम लेना हो, अब ये सारे काम घर बैठे हो सकते हैं.
शेयर मार्केट में पैसा डूब गया तो क्या होगा?
ये एक बेहद आम डर है. जो लोग शेयर मार्केट के बारे में ज्यादा नहीं जानते हैं उन्हें इसमें हाथ डालने से डर लगता है.
उपायः यदि आप नए निवेशक हैं या एक बार लॉस हुआ है तो डरने की और डायरेक्ट इनवेस्टमेंट करने की जरूरत नहीं है, क्योंकि आप म्यूचुअल फंड के जरिए निवेश कर सकते हैं. अगर आपको शेयर मार्केट में सीधे निवेश करना है तो इधर-उधर से मिलने वाली टिप्स पर कान न दें. अपने आप रिसर्च करें और खुद को काबिल बनाएं, हो सके तो इनवेस्टमेंट एडवाइजर की मदद लें.
जॉब चली गई तो क्या होगा?
कई लोगों के दिमाग में ये डर रहता है खासतौर पर मौजूदा माहौल में लोगों में सबसे बड़ा डर यही है.
उपायः यदि आपको ऐसा डर है तो पता करें कि आपको नौकरी से क्यों निकाला जा सकता है. क्या कंपनी की हालत खराब है या आपका परफॉर्मेंस गड़बड़ है. अगर आपका परफॉर्मेंस खराब है तो बॉस से बात करके उसमें सुधार करें. यदि नौकरी से निकालने की वजह कंपनी या दूसरे कारण हैं तो आपको नई स्किल्स डेवलप करनी चाहिए. ऐसे हालात से निपटने के लिए इमर्जेंसी फंड की व्यवस्था करनी चाहिए.
कर्ज बढ़ जाएगा और अगर उसे चुका नहीं पाए तो?
ऐसा डर तब बढ़ जाता है जब आप क्रेडिट पर ज्यादा खरीदारी करने के आदी बन जाते हैं. इस आदत के कारण आप बहुत लोन लेते हैं और EMIs का बोझ बढ़ जाता है.
उपायः इनकम-लोन का रेशियो 60-40 तक सीमित रखें. अगर 10,000 रुपये कमा रहे हैं तो किस्त की अमाउंट 4,000 रुपये की सीमा के ऊपर न जाने दें. सबसे पहले क्रेडिट कार्ड और पर्सनल लोन चुकाएं और बाद में कार लोन या एजूकेशन लोन का भुगतान कर दें.
अगर रिटायरमेंट के लिए पर्याप्त फंड नहीं बचेगा और बच्चों के पास मांगना पड़ेगा तो?
भारत के कई लोग ऐसा मानते हैं कि बुढ़ापे के वक्त उनके बच्चे उनका सहारा बनेंगे और इसीलिए लोग रिटायरमेंट के लिए सेविंग नहीं करते हैं.
उपायः अगर आपको लगता है कि रिटायरमेंट के लिए पर्याप्त फंड नहीं बचेगा तो अभी से गैर-जरूरी खर्चे बंद कर दें और सेविंग शुरू करें. ये भी ध्यान रखें कि आप जिस एसेट में निवेश कर रहे हैं क्या वो सही है, क्या उसमें पैसे सुरक्षित हैं और क्या उससे लंबे वक्त में पूंजी तैयार होगी.