Mutual Funds: अगर आप किसी खास लक्ष्य को लेकर किसी जगह निवेश करने का प्लान बना रहे हैं तो आप सॉल्यूशन ओरिएंटेड म्यूचुअल फंड (Solution Oriented Mutual Fund) में निवेश कर सकते हैं. सॉल्यूशन ओरिएंटेड फंड्स, म्यूचुअल फंड्स (Mutual Fund) की एक कैटेगरी है जिसमें दूसरे फंड्स के मुकाबले खास फीचर्स मिलते हैं. इसके साथ इन फंड्स के पोर्टफोलियो को कुछ खास लक्ष्यों जैसे रिटायरमेंट प्लानिंग, बच्चे की शिक्षा आदि के लिए डिजाइन किया जाता है. ऐसी स्कीमों में अक्सर लंबी लॉक-इन अवधि होती है ताकि निवेशकों में नियमित निवेश की आदत बने. आइए जानते हैं इस फंड के बारे मेंः
क्या है सॉल्यूशन ओरिएंटेड म्यूचुअल फंड स्कीम?
2018 में मार्केट रेगुलेटर SEBI ने म्यूचुअल फंड को रिक्लासिफाई किया था. सेबी के म्यूचुअल फंड क्लासिफिकेशन के तहत 5 कैटेगरी हैं. उनमें से एक सॉल्यूशन ओरिएंटेड म्यूचुअल फंड (Solution Oriented Mutual Fund) है. ये कैटेगरी वित्तीय लक्ष्य को पूरा करने के लिए बनाई गई है. इस फंड में चिल्ड्रेन और रिटायरमेंट फंड को रखा गया है. ये दोनों ही फंड खास जरूरतों से जुड़े हुए हैं. मतलब आप अभी से पोस्ट रिटायरमेंट प्लानिंग शुरू कर सकते हैं, ताकि बुढ़ापे में पैसे की चिंता न रहे. सॉल्यूशन ओरिएंटेड फंड्स (Solution Oriented Mutual Fund) ओपन एंडेड फंड्स हैं और इन पर टैक्स में छूट का फायदा भी मिलता है.
अपने हिसाब से चुन सकते हैं फंड
ये स्कीम निवेशकों को किसी खास लक्ष्य के लिए कस्टमाइज्ड पोर्टफोलियो को चुनने की सहूलियत देती हैं. इन फंडों का पोर्टफोलियो इक्विटी, डेट या हाइब्रिड ओरिएंटेड हो सकता है. अपने वित्तीय लक्ष्य और जोखिम लेने की क्षमता के अनुसार इन्हें चुना जा सकता है.
लॉक इन पीरियड
इसमें 5 साल का लॉक इन पीरियड होता है. यानी 5 साल से पहले यह पैसा विद्ड्रॉ (Fund withdrawal) नहीं कर सकते. हां, रिटायरमेंट अगर 5 साल से पहले आ जाता है तो ही पैसा निकालने की इजाजत मिलती है.
टैक्स छूट
सॉल्यूशन ओरिएंटेड फंड्स (Solution Oriented Mutual Fund) को सेक्शन 80C के तहत टैक्स में छूट मिलती है. कम से कम 5 साल का लॉक-इन पीरियड होने पर ही इस छूट का फायदा ले सकते हैं. अगर पोर्टफोलियो में इक्विटी 65% से ज्यादा है तो लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन देना पड़ता है.
किसे निवेश करना चाहिए?
सॉल्यूशन ओरिएंटेड म्यूचुअल फंड्स (Solution Oriented Mutual Fund) एक खास लक्ष्य के लिए होते हैं. इन फंड्स से कुछ खास लक्ष्यों के लिए फाइनेंशियल प्लानिंग आसान हो जाती है. लंबी अवधि के लक्ष्यों के लिए इक्विटी ओरिएंटेड स्कीम्स को चुना जाना चाहिए और ये फंड्स छोटी अवधि के निवेश के लिए सही नहीं है.
रिटायरमेंट में नहीं बचा है ज्यादा टाइम तो क्या करें?
अगर आपके रिटायरमेंट 5 से 10 साल का वक्त है तो आपको इक्विटी में निवेश करना चाहिए. लेकिन, अगर रिटायरमेंट नजदीक है तो फिर इक्विटी में निवेश जोखिम भरा हो सकता है. इसलिए इक्विटी और डेट फंड में बैलेंस बनाकर चलें. बेहतर होगा कि रिटायमेंट की अवधि जैसे-जैसे नजदीक आने लगे फंड का प्रपोर्शन बैलेंस करते चलें. वहां स्विच करना बेहतर होगा.