अगर आप भी क्रेडिट कार्ड का प्रयोग करते हैं, तो आपके लिए उसके स्टेटमेंट से संबंधित पहलुओं को भी जानना बहुत जरूरी है. बैंक क्रेडिट कार्ड स्टेटमेंट (Credit Card Statement) जेनरेट करते हैं और आमतौर पर हर बिलिंग साइकल से 21 दिन पहले अपने यूजर्स के रजिस्टर्ड ईमेल आईडी पर भेजते हैं.
क्रेडिट कार्ड स्टेटमेंट (Credit Card Statement) में आपके पूरे लेनदेन का ब्योरा होता है. जैसे न्यूनतम और अधिकतम देय राशि है, लेन-देन का विवरण, भुगतान की नियत तारीख, ब्याज लगाया, खाते की सारांश, क्रेडिट सीमा, रिवार्ड प्वाइंट बैलेंस आदि शामिल होता है.
मगर, परेशानी यह है कि अधिकतर लोग इसका ठीक से पढ़ते नहीं है. जिससे वे अपना नुकसान करा बैठते हैं.
क्रेडिट कार्ड से खरीदारी करने पर बैंक अक्सर आपको रिवॉर्ड प्वाइंट्स और कई ऑफर्स देते हैं. यूजर्स को इनका समय पूरा होने से पहले इनका इस्तेमाल कर लेना चाहिए. ऐसा नहीं करने पर आप उसका फायदा उठाने से चूक जाते हैं.
क्रेडिट कार्ड उपयोगकर्ता अपने मौजूदा पुरस्कारों के रिवॉर्ड पॉइंट्स को भुनाने के बाद मिलने वाले पुरस्कारों का पता लगाने के लिए अपने कार्ड के रिवॉर्ड कैटलॉग की जांच कर सकते हैं.
स्टेटमेंट आपको कार्ड की उपलब्ध क्रेडिट लिमिट, क्रेडिट लिमिट और कैश लिमिट शो करता है. क्रेडिट लिमिट यानी कार्ड जारी जाने होने पर कितनी क्रेडिट राशि स्वीकृत थी. उपलब्ध क्रेडिट सीमा आपकी शेष राशि को आपकी क्रेडिट सीमा से मासिक बकाया राशि घटाने के बाद उपयोग की जाने वाली शेष राशि है.
वहीं, क्रेडिट लिमिट और उपलब्ध क्रेडिट सीमा के बीच का अंतर आमतौर पर कुल देय होता है जिसे चुकाने की जरूरत होती है.
यह बिंदु आपको कार्ड लेने से भी पहले समझना बहुत जरूरी है. स्टेटमेंट में भुगतान की तिथि अंकित होती है. अगर आप इस निर्धारित तारीख तक पेमेंट नहीं कर पाते हैं, तो भुगतान शुल्क के साथ कुल बकाया राशि पर ब्याज का भुगतान करना होगा.
ध्यान रखें कि इसका असर आपके क्रेडिट स्कोर पर भी पड़ता है. जिससे आपको आगे लोन मिलने में दिक्कत हो सकती है.
कोशिश करें पूरा भुगतान करने की, लेकिन अगर किन्हीं कारणों से आप पूरा भुगतान नहीं करा पाते हैं, तो बैंक आपको न्यूनतम राशि के भुगतान का भी विकल्प मुहैया कराता है. देय न्यूनतम राशि का भुगतान करके आप देर से भुगतान शुल्क का भुगतान करने से बच सकते हैं.
लेकिन, आपको शेष बकाया देय राशि पर ब्याज का भुगतान करना होगा. आमतौर पर क्रेडिट कार्ड 50 दिनों तक की ब्याज-मुक्त अवधि के साथ आते हैं, जिसके बाद बकाया राशि पर ब्याज लिया जाता है.