मेट्रो सिटी में घर बनाना हर किसी का सपना होता है. ज्यादातर लोग इस प्लानिंग में पूरी लाइफ लगा देते हैं. लेकिन, कई लोग स्मार्ट तरीके से भी इस सपने को पूरा करते हैं. दिल्ली की बात करें तो यहां घर लेना इतना मुश्किल भी नहीं है. आप कम बजट से भी शुरुआत कर सकते हैं. इतना ही नहीं कम सैलरी वालों के लिए भी यह गणित आसान है. वहीं कोविड (covid) की वजह से होम लोन भी जल्द मिल रहा है. हालांकि, इतना जरूर है कि शुरुआत में आप सपनों जैसा घर न ले पाएं लेकिन एक से दूसरा और फिर तीसरे मकान तक यह सपना पूरा जरूर हो सकता है. जानें, यह सब कैसे संभव है?
आप नया मकान दिल्ली में लेते हैं तो सबसे पहले आपको दिल्ली सरकार की ओर से सर्किल रेट (circle rate) में छूट मिलेगी कोविड के चलते सरकार यह छूट दे रही है. चूंकि, अलग-अलग एरिया में सर्कल रेट (circle rate) अलग है इसलिए छूट भी एक समान नहीं होगी. जैसे लक्ष्मीनगर में सर्किल रेट करीब 7 लाख रुपये है और रोहिणी में यह 23 लाख रुपये तक है.
प्रधानमंत्री आवास योजना का फायदा
इसके साथ आप होम लोन लेते हैं तो प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आपको 2.67 लाख रुपये तक की सब्सिडी भी मिल सकती है. जरूरी है कि आपके नाम पहले से कोई और मकान नहीं होना चाहिए.
प्रॉपर्टी (property) कंसल्टेंट विनय खत्री बताते हैं, “मिडिल क्लास फैमिली की अगर बात करें तो उनकी आम पसंद 2 या 3 कमरे के फ्लैट की है. जो 40 से 50 लाख रुपये से कम नहीं मिलता. हां, आउटर एरिया में जरूर ये रेट 30 लाख तक हो सकता है. लेकिन हर किसी के लिए यह च्वाइस फिट भी नहीं होती. अब किसी के पास फैमिली सपोर्ट या सेविंग नहीं है तो इनके लिए लक्ष्मी नगर जैसे कई इलाके हैं जहां 20 से 25 लाख रुपये के इन्वेस्टमेंट में आसानी से 40 से 50 गज का फ्लैट मिल सकता है. चूंकि, इन इलाकों में फ्लैट जल्द ही रेंट पर उठ जाता है तो आप चाहें तो फ्लैट को 8 से 10 हजार रुपये रेंट पर दे सकते हैं.”
मान लीजिए आप 22 लाख रुपये का फ्लैट लेते हैं और मंथली सैलरी 35,000 रुपये है तो आपको 15 लाख रुपये तक का होम लोन मिल जाएगा. इसकी मंथली EMI, 16 हजार से नीचे ही रहेगी. अब बकाया 7 लाख रुपये और रजिस्ट्री खर्च आपको देना है.
अगर आपके पास इतना भी बजट नहीं है तो आप लोकल लेवल पर सिक्योरिटी स्कीम ले सकते हैं. फ्लैट लीजिए और 7 से 8 लाख रुपये की सिक्योरिटी पर उठा दीजिए. अगर बजट है तो आप रजिस्ट्री के तुरंत बाद फ्लैट किराए पर उठा सकते हैं जिससे 16 हजार की EMI घटकर 6 या 8,000 रुपये तक आ जाएगी क्योंकि बाकी रकम आपको किराए के रूप में मिल जाएगी. अब 15 लाख के लोन पर 2.67 लाख रुपये की सब्सिडी भी मिलेगी, जिसमें 6 महीने तक का समय लग जाता है.
बिल्डर हरबीर सिंह बताते हैं, दो से तीन साल बाद जब आप उस फ्लैट को सेल करते हैं तो मिनिमम एक से दो लाख का प्राइस बढ़कर मिलेगा. बड़ा फायदा तब है जब आप लोन इस टाइम पीरियड में खत्म कर दें. नहीं भी करते हैं तो फायदा होगा. जैसे 15 लाख रुपये का लोन आपने लिया है, इसमें 2. 67 लाख की सब्सिडी आप ले चुके हैं. तीन साल में EMI भी दे चुके हैं तो अनुमानित तौर पर आपने 5 से 6 लाख रुपये चुका दिए हैं. अब 25 लाख का घर बेचने के बाद बैंक के 10 लाख रुपये देकर आपके पास 15 लाख रुपये होंगे जोकि तीन साल पहले फ्लैट लेते वक्त 7 लाख थे.
ध्यान रहे, घर की रकम घर में ही इन्वेस्ट हो. ये बेचने के बाद अगला फ्लैट लेने से ही क्रम आगे बढ़ सकता है. ऐसे 5 से 8 या अधिकतम 10 साल में आप 25 लाख से शुरुआत करते हुए 70 से 80 लाख रुपये तक की प्रॉपर्टी (property) सकते हैं.