हमने अक्सर लोगों को यह कहते हुए सुना है कि ‘बूंद-बूंद से सागर बनता है.’ SIP भी इसी सिद्धांत पर काम करता है. यह एक ऐसा निवेश विकल्प है, जिसमें एक निश्चित समय के लिए नियमित रूप से न्यूनतम 500 रुपये का भी निवेश कर सकते हैं. आप यह भी तय कर सकते हैं कि कितने अंतराल पर इसमें निवेश करेंगे. यह साप्ताहिक, मासिक, तिमाही या सालाना आधार पर हो सकता है. इस प्रकार कुछ समय के बाद आप एक बड़ी रकम जुटा सकते हैं.
जोखिम के लिहाज से शेयर बाजार की तुलना में सिस्टेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान यानी एसआईपी को बेहतर विकल्प माना जाता है. जानकारी के अभाव में लोग इसमें निवेश से बचते हैं, हालांकि जो लोग सिप के बारे में जानते हैं, वे इससे खूब फायदा उठा रहे हैं. कुछ ऐसी स्कीम हैं जिसने निवेशकों को पांच साल में 30 फीसदी से अधिक का रिटर्न दिया है.
सिप (SIP) में कैसे बढ़ता है पैसा
अगर कोई 10 साल तक 1000 रुपये का ही निवेश सिप (SIP) माध्यम से करता है, तो यह बढ़कर 2.38 लाख रुपये हो सकता है. जबकि निवेश केवल 1.20 लाख रुपये का ही रहेगी. यानी हर माह थोड़ा-थोड़ा निवेश 10 साल में लगभग दोगुना हो सकता है. यहां पर म्युचुअल फंड (Mutual Fund) स्कीम का रिटर्न 12 फीसदी माना गया है. दरअसल ऐसा अच्छा रिटर्न कपांउडिंग (Power of Compounding) के चलते मिलता है.
तगड़ा रिटर्न देने वाली टॉप SIP Funds
फंड नाम 5 साल में मिला रिटर्न
रिलायंस स्मॉल कैप फंड 35.82%
एसबीआई स्माल कैप फंड 34.74%
आदित्य बिरला सन लाइफ प्योर वैल्यू फंड 30.80%
यूटीआई ट्रांसफॉर्मेशन एंड लॉजिस्टिक्स फंड 30.16%
मिरे एसेट एमर्जिंग ब्लूचिप 29.80%
(सोर्स: पॉलिसीबाजारडॉटकॉम)
कैसे अपने लिए बेस्ट SIP चुनें?
किसी भी व्यक्ति का SIP चुनने से पहले यह देखना चाहिए कि वो किस वित्तीय गोल को पूरा करने के लिए निवेश करना चाहते हैं. अपनी जरूरत को समझने के बाद आप उचित म्यूचुअल फंड्स को चुन सकते हैं. इंटरनेट पर आपको यह जानकारी आसानी से मिल जाएगी कि पिछले कुछ समय में किस स्कीम पर कितना रिटर्न मिला है. आपको यह भी ध्यान रखना है कि आप उन्हीं स्कीम्स को चुनें, जिसका जोखिम उठाने के लिए आपके पास क्षमता हो. अगर आप कम जोखिम उठाना चाहते हैं तो आपको उन्हीं विकल्प को चुनना होगा, जिसमें जोखिम कम है.
SIP के फायदे
-सिप (SIP) में पैसा बैंक से हर माह सीधे बैंक से चला जाता है.
-हर माह सिप (SIP) के लिए कई तारीखों में किसी को भी चुनने का मौका मिलता है.
-निवेशक सिप (SIP) अमाउंट में कभी भी कमी या बढ़ोत्तरी कर सकता है.
-अगर निवेशक को पैसों की जरूरत हो तो बीच में कुछ पैसा निकाल भी सकता है. ऐसा करने से सिप (SIP) पर फर्क नहीं पड़ता है और वह चलती रहती है.
(नोट- यहां money9 द्वारा किसी भी फंड में निवेश की सलाह नहीं दी जा रही है. यहां दी गई जानकारी का सिर्फ़ सूचित करने का उद्देश्य है. म्यूचुअल फंड निवेश बाज़ार जोखिम के अधीन हैं, योजना संबंधी सभी दस्तावेज़ों को सावधानी से पढ़ें. निवेशकों से सावधानी के साथ प्रॉस्पेक्टस की समीक्षा करने और कर तथा योजना में निवेश के बारे में एक्सपर्ट की सलाह को हासिल करने का अनुरोध है.)