कितने तरीकों से कर सकते हैं आप प्रॉपर्टी ट्रांसफर, यहां मिलेगी पूरी जानकारी

property transfer करने के लिए कानून के तहत आपको चार विकल्प दिए गए हैं. इनमें सेल डीड, गिफ्ट डीड, वसीयत और त्यागनामा शामिल हैं.

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property transfer: कोई भी व्यक्ति अपनी जरूरत और परिस्थितियों के हिसाब से प्रॉपर्टी ट्रांसफर (property transfer) कर सकता है. प्रॉपर्टी ट्रांसफर करने के लिए कानून के तहत आपको चार विकल्प दिए गए हैं- सेल डीड, गिफ्ट डीड, वसीयत या त्यागनामा (Relinquishment deed). इनमें से कौन सा विकल्प कब और किसे चुनना चाहिए ये समझना जरूरी है.

गिफ्ट डीड

गिफ्ट डीड के तहत आप अपनी अचल संपत्ति बिना पैसों के लेनदेन के किसी को तोहफे में दे सकते हैं. इसके लिए आपको स्टैंप पेपर पर एक डीड बनवानी पड़ती है. साथ ही दो गवाहों से अटेस्ट कराने के बाद उसे रजिस्ट्रार के दफ्तर में जमा कराना पड़ता है. गिफ्ट डीड में बदलाव नहीं किया जा सकता. इसका मतलब है, जिसे आपने गिफ्ट दिया है, डीड ट्रांसफर होने के बाद वही उसका मालिक है, लेकिन इसे कोर्ट में जबरन या धोखाधड़ी के आधार पर चुनौती दी जा सकती है.

यदि आप किसी ऐसे व्यक्ति की मदद करना चाहते हैं जिसे तत्काल सहायता की आवश्यकता है, तो यह केवल उपहार के निष्पादन के माध्यम से ही प्राप्त किया जा सकता है. उपहार के माध्यम से संपत्तियों के हस्तांतरण (property transfer) का सहारा तभी लेना चाहिए जब विशिष्ट परिस्थितियों में इसकी आवश्यकता हो.

सेल डीड (बिक्रीनामा)

सेल डीड (बिक्रीनामा) एक कानूनी दस्तावेज है जो प्रॉपर्टी के मालिकाना हक की पुष्टि करता है. ये दस्तावेज इस बात का सबूत है कि पुराने प्रॉपर्टी मालिक से मौजूदा विक्रेता को प्रॉपर्टी ट्रांसफर (property transfer) की गई है. धोखाधड़ी से बचने के लिए प्रॉपर्टी ट्रांसफर करने का ये एक आसान तरीका है. सेल डीड स्थानीय रजिस्ट्रार के दफ्तर में रजिस्टर्ड होती है. इसमें आपके और खरीदार के बीच जो समझौते होते हैं उन शर्तों को व्यापक रूप से शामिल किया जाता है.

विल यानि वसीयत

आप जिन्हें चाहते हैं उनको प्रॉपर्टी ट्रांसफर (property transfer) करने का सबसे सस्ता तरीका है वसीयत क्योंकि वसीयत पर न तो मुहर लगाने की जरूरत होती है और न ही इसे पंजीकृत करने की आवश्यकता होती है.

किसी भी संपत्ति का हस्तांतरण वसीयत के माध्यम से भी किया जा सकता है, लेकिन वसीयत करवाने वाले व्यक्ति की मृत्यु के बाद संपत्ति का अधिकार प्रभावी होगा.

प्रॉपर्टी टैक्स प्रैक्टिशनर CA शबनम सुरती बताती हैं, “वैसे तो वसीयत का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य नहीं है, लेकिन प्रॉपर्टी के उत्तराधिकार को लेकर भवीष्य में कोई कानूनी विवाद ना हो इसलिए रजिस्ट्रेशन करवा लेना उचित है.”

यदि आपकी इच्छा केवल यह सुनिश्चित करने की है कि आपके स्वामित्व वाली संपत्ति आपकी पसंद के व्यक्तियों को मृत्यु के बाद ही दी जाए और आप अपने जीवनकाल में उन संपत्तियों पर नियंत्रण रखना चाहते हैं, तो अपनी संपत्ति को वसीयत के माध्यम से ट्रांसफर करना उचित है.

त्यागनामा
अगर आप किसी संपत्ति के को-ओनर हैं और अपने अधिकार छोड़ना चाहते हैं तो त्यागनामा सबसे बेहतर विकल्प है. गिफ्ट डीड की तरह इसमें भी बदलाव नहीं किया जा सकता.

दो गवाहों से अटेस्ट कराने के बाद इसे रजिस्टर्ड कराना पड़ता है. जहां तक स्टैंप ड्यूटी का संबंध है, रिश्तेदारों के लिए कोई छूट या टैक्स में रियायत नहीं है.

अगर प्रॉपर्टी में दो लोगों का संयुक्त रूप से अधिकार है तब भी त्यागनामा बहुत आसानी से प्रॉपर्टी ट्रांसफर (property transfer) का विकल्प देता है. आमतौर पर इसका इस्तेमाल उस वक्त होता है, जब कोई बिना वसीयत छोड़े मर जाता है और कानूनी उत्तराधिकारियों को संपत्ति विरासत में मिल जाती है. टैक्स नियम के तहत त्यागनामा गिफ्ट के बजाय ट्रांसफर के तहत आता है, इसलिए टैक्स में किसी तरह की छूट नहीं मिलती.

Published - June 29, 2021, 08:03 IST