Pre-approved Loan: घर खरीद की राह होगी आसान, जानिए क्या है प्रक्रिया

Pre-approved loan: प्री-एप्रूव्ड होम लोन का मतलब है कि बैंक ने लोन चुकाने की क्षमता का आकलन करके आपको लोन देने की सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है.

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image: pixabay, आमतौर पर प्री-एप्रूव्ड लोन की वैलिडिटी आमतौर पर छह महीने होती है.

image: pixabay, आमतौर पर प्री-एप्रूव्ड लोन की वैलिडिटी आमतौर पर छह महीने होती है.

Pre-approved loan: अगर आप कोइ प्रॉपर्टी खरीदना चाहते हैं और उसके लिए होम लोन लेना चाहते हैं तो आप पहले ही लोन का एप्रूवल हासिल कर सकते हैं. आप प्रॉपर्टी खरीदने से पहले ही होम लोन एप्रूव करा सकते हैं. प्री-एप्रूव्ड होम लोन का मतलब है कि बैंक ने आपकी लोन चुकाने की क्षमता का आकलन करके आपको इन-प्रिंसिपल (सैद्धांतिक) लोन देने को मंजूरी दे दी है. ये मंजूरी एक सीमित समय के लिए होती है, उस दौरान आप मनपसंद प्रॉपर्टी खोज सकते हैं.

यहां हम प्री-एप्रूव्ड लोन के फायदों को बताने जा रहे हैं.

क्या होते हैं प्री-एप्रूव्ड लोन?

जब भी कर्जदाता कहता है कि आपका लोन प्री-एप्रूव्ड हो गया है या फिर आप इंस्‍टैंट एप्रूवल के योग्य हैं तो इसका मतलब ये है कि आपकी प्रोफाइल में दी गई जानकारी जैसे कि इनकम, पेमेंट हिस्ट्री, बैंक अकाउंट में डेबिट या क्रेडिट, सिबिल स्टेट्स और स्कोर आदि के आधार पर आपका नाम शॉर्टलिस्ट किया गया है. इन ऑफर्स का मतलब केवल इतना होता है कि आपकी जांच का पहला चरण पूरा हो गया है और अगर आप चाहते हैं तो लोन की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जा सकता है.

प्रॉपर्टी की जांच-पड़ताल

प्रॉपर्टी को लेकर लीगल और टेक्निकल जांच-पड़ताल की जाती है. अगर आपके पास प्री-एप्रूव्ड लोन है, लेकिन जो प्रॉपर्टी आपने पसंद की है, वो बैंक के पैरामीटर पर खरी नहीं है, तो उस प्रॉपर्टी के लिए आपको लोन नहीं मिलेगा.

लोन की वैलिडिटी

आमतौर पर प्री-एप्रूव्ड लोन की वैलिडिटी आमतौर पर छह महीने होती है. इस दौरान ही आपको प्रॉपर्टी पसंद कर लेनी होती है. यदि यह ऑफर इंस्‍टैंट एप्रूवल लोन के लिए योग्‍य हैं तो आपको प्रोसेसिंग फीस का भी भुगतान करना होगा.

ब्याज दर

प्री-एप्रूव्ड लोन की वैलिडिटी के दौरान लोन की राशि, अवधि और ब्याज दर तय हो जाती है, लेकिन ये सिर्फ अनुमानित होती है. ब्याज दर और दूसरी शर्तें फाइनल तरीके से जब आप लोन लेते हैं तो बदल भी जाती हैं.

प्री-एप्रूव्ड लोन के फायदे

लोन एप्रूव होने के बाद आप बेहतर तरीके से प्रॉपर्टी सर्च कर सकते हैं. आपको अपना बजट भी अच्छी तरह पता होता है. इससे ओवरऑल प्रोसेसिंग टाइम कम हो जाता है और पूरी प्रक्रिया आसान हो जाती है. इतना ही नहीं आप विक्रेता या बिल्डर से बेहतर ढंग से बारगेनिंग कर सकते हैं क्योंकि आप उसे तुरंत पैसे देने की स्थिति में होते हैं. आप दूसरे खरीदारों के मुकाबले तेजी से पेमेंट कर सकते हैं. इस वजह से आप प्रॉपर्टी पर डिस्काउंट पा सकते हैं.

लोन की लिमिट

प्री-एप्रूव्ड का मतलब ये बिल्कुल नहीं है कि आपका लोन एप्रूव हो गया है या फिर लोन मिलने की कोई गारंटी दी जा रही है. इसमें आपकी क्रेडिट ब्लॉक हो जाती है, यानी अगर अगले 2-3 महीने में फिर से लोन की जरूरत पड़ी तो आपको लोन नहीं मिलेगा.
वैलिडिटी पीरियड में कोई डील नहीं हो पाई तो प्रोसेसिंग फीस दोबारा चुकानी पड़ेगी. इसमें सिर्फ फ्लोटिंग इंटरेस्ट रेट का ऑप्शन मिलता है, तय ब्याज दर का विकल्प नहीं मिलेगा.

Published - June 25, 2021, 01:43 IST