इनवेस्टमेंट के लिए PPF और NSC दोनों सुरक्षित विकल्प हैं. ये दोनो में निवेश की गई राशि सुरक्षित रहने की और रिटर्न मिलने की गारंटी है. दोनों में टैक्स बेनेफिट मिलते हैं. दोनों के बीच कई चीजें कॉमन हैं, वहीं कुछ प्लस और माइनस पॉइंट भी हैं, जिसके चलते निवेशक कंफ्यूज हो जाते हैं कि किसमें निवेश करें. एक्सपर्ट कहते हैं कि दोनों ही अच्छे विकल्प हैं, लेकिन कौन सा विकल्प चुनना चाहिए इसका आधार आपके फाइनेंशियल लक्ष्यों पर निर्भर हैं.
NSC क्या है?
नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट (NSC) पोस्ट ऑफिस की एक सेविंग स्कीम है. कोई भी व्यक्ति इसमें निवेश कर सकता है. इसमें मिनिमम 100 रुपये का निवेश जरूरी है. इस स्कीम की अवधि 5 साल की है और उसके बाद इसे बढ़ा नहीं सकते हैं, लेकिन 5 साल पूरे होने के बाद आप उसी इंटरेस्ट रेट पर नए NSC खरीद सकते हैं. इसमें संपूर्ण अवधि में तय ब्याज मिलता है, जो अभी 6.8% है. मूलधन और ब्याज दोनों को सेक्शन 80C के तहत टैक्स बेनेफिट मिलता है.
PPF क्या है?
पब्लिक प्रॉविडेंट फंड (PPF) को इनवेस्टमेंट कम टैक्स-सेविंग इंस्ट्रूमेंट कहा जाता है. 1968 में नेशनल सेविंग्स इंस्टीट्यूट द्वारा लॉन्च की गई ये एक लॉन्ग-टर्म सेविंग स्कीम है. इसमें सरकार की गारंटी है. इसमें निवेश की गई राशि 15 साल तक लॉक हो जाती है. 15 साल के बाद आप 5 साल के लिए इसे बढ़ा सकते हैं. साल में कम से कम 500 रुपये और अधिकतम 1.5 लाख रुपये निवेश कर सकते हैं. आप केवल एक PPF अकाउंट खुलवा सकते हैं.
इसमें अभी सरकार 7.1 फीसदी ब्याज दर ऑफर कर रही है. इसमें निवेश पर आप टैक्स राहत मांग सकते हैं. इसमें मिलने वाला ब्याज और मैच्योरिटी अमाउंट भी टैक्स-फ्री है.
NSC और PPF की तुलना
पैरामीटर्स |
NSC |
PPF |
अवधि |
5 साल |
15 साल. 5-5 साल के लिए बढ़ा सकते है |
न्यूनतम इनवेस्टमेंट |
Rs.100 |
Rs.500 |
अधिकतम इनवेस्टमेंट |
कोई सीमा नहीं है |
Rs. 1.5 लाख |
ब्याज दर |
6.80% |
7.10% |
अकाउंट होल्डिंग रूल |
सिंगल या ज्वॉइंट होल्डर |
प्रत्येक अकाउंट के लिए केवल एक होल्डर |
अकाउंट की सीमा |
अपने नाम पर चाहे जितने NSC खुलवा सकते है. एक सर्टिफिकेट पर अधिकतम 10,0000 रुपये की सीमा है. |
कोई भी व्यक्ति अपने नाम पर केवल एक PPF अकाउंट खुलवा सकता है. यदि अकाउंट बच्चे के नाम हो तो ही आप ज्वोइंट होल्डर बन सकते है. |
लोन की सुविधा |
लोन ले सकते है |
तीसरे औऱ पांचवे वर्ष में ही लोन ले सकते है |
टैक्स बेनेफिट |
एक वित्तीय वर्ष में Rs. 1.5 लाख तक की मूलधन राशि टैक्स-फ्री है. ब्याज की रकम पर टैक्स लगता है. |
एक वित्तीय वर्ष में Rs. 1.5 लाख तक का निवेश टैक्स-फ्री है. इंटरेस्ट और मैच्योरिटी अमाउंट भी टैक्स-फ्री है. |
NSC किसके लिए सही है
छोटी अवधि के लिए निवेश करना चाहते हैं तो NSC सही विकल्प है, लेकिन NSC में टैक्स के बाद कितना रिटर्न मिलेगा उसका आधार आपके दूसरे 80C डिडक्शन पर निर्भर है. NSC आपके छोटी अमाउंट वाले शॉर्ट-टर्म लक्ष्य हासिल करने में काम आ सकती है.
PPF किसके लिए सही है
रिटायरमेंट सेविंग जैसी लंबी अवधि के लक्ष्य के लिए निवेश करना चाहते हैं और लिक्विडिटी की चिंता नहीं है तो आपके लिए PPF अच्छा विकल्प है. वैसे तो इसमें 15 साल का लोक-इन है, लेकिन आप चाहें तो 5-5 साल की अवधि के लिए इसे बढ़ा भी सकते हैं.