कोरोना संकट ने कमाई, बचत और निवेश – तीनों को चोट पहुंचाई है. कमाई घटने से बचत रुकी और इन्वेस्टमेंट प्लानिंग (Investment Planning) बिगड़ गई. ऐसी स्थिति में कई लोग सोच रहे होंगे कि क्यों ना कुछ समय के लिए निवेश रोक दिया जाए.
लेकिन अगर आपने बुरे वक्त की तैयारी की होगी तो कमाई रुकने पर भी रोज के खर्चे और निवेश जारी रख पाएंगे. कोविड ने हमें इमरजेंसी फंड की अहमियत को सिखा दिया. आपको अपनी कमाई का एक हिस्सा बुरे वक्त की तैयारी के तौर पर रखना है. एक्सपर्ट्स मानते हैं कि 6 महीने के बराबर के खर्चों के लिए अलग से पैसे आपके पास होने चाहिए.
पैसों की कमी सिर पर आ खड़ी हुई है तो निवेश पर पॉज बटन यानि थोड़े समय के लिए रोकने की नौबत आ गई है तो रोक दीजिए लेकिन बंद न करें. वाइज़इन्वेस्ट के हेमंत रुस्तगी मानते हैं कि कोरोना जैसी स्थिति हमेशा के लिए नहीं रहने वाली. हर नागरिक के लिए वैक्सीनेशन खोली जा रही है इसके बाद हालात सुधरेंगें. आप अपने निवेश को थोड़े दिन रोक लें और अगर इमरजेंसी फंड नहीं है तो सबसे पहले इसे तैयार करें. इमरजेंसी फंड में आपको अपने सारे खर्चे और लोन पेमेंट, बिजली बिल , निवेश के SIP, इंश्योरेंस प्रीमियम जैसे हर पेमेंट के लिए बफर फंड बना कर रखना होगा.
निवेश प्लान करते वक्त फाइनेंशियल ऐसेट और फिजिकल ऐसेट के बीच के अंतर को समझें. फिजिकल ऐसेट वो होते हैं जिसे आप देख सकते हैं जैसे कि रियल एस्टेट और सोना. फाइनेंशियल ऐसेट को आप कागज पर देख सकते हैं – इक्विटी, म्यूचुअल फंड, बैंक डिपॉजिट होते हैं. फाइनेंशियल ऐसेट को आसानी से बेचा-खरीदा जा सकता है जबकि रियल एस्टेट और गोल्ड जैसे फिजिकल ऐसेट को खरीदने के लिए एकमुश्त रकम चाहिए. फाइनेंशियल ऐसेट छोटी रकम से भी खरीदे जा सकते हैं. आप तुरंत एक घर खरीदना चाहेंगे तो उसके लिए बड़ी रकम एक बार में नहीं ला सकते. लेकिन फाइनेंशियल ऐसेट में आप केवल 500 रुपए से निवेश करके रिटर्न कमाते हुए बड़ी रकम बना सकते हैं. फिजिकल एसेट तभी खरीदने चाहिए जब उसे इस्तेमाल करेंगे जैसे कि रहने के लिए घर या शादी के लिए गहने. फाइनेंशियल ऐसेट आपके पैसे को बढ़ाते हुए वेल्थ क्रिएट कर सकते हैं.
केवल बचत करेंगे तो वेल्थ नहीं क्रिएट होगी . बचत और निवेश में यही अंतर होता है . ध्यान दीजिए कि रियल रेट ऑफ रिटर्न कैसे मिलेगा .टैक्स और महंगाई अपके पैसे से रिटर्न को कम करते हैं. बैंक और बॉन्ड में पैसे को सुरक्षित मानते हैं लेकिन यहां निवेश की वैल्यू कम होती है. गारंटी रिटर्न पाने के लिए महंगाई और टैक्स की मार को नजरअंदाज कर देते हैं . रिटर्न को महंगाई से आगे रखने के लिए निवेश करें.
Wiseinvest के हेमंत रूस्तगी से पूरी बातचीत इस वीडियो में –