बड़े घरों की ओर भारतीयों का रुझान, अफोर्डेबल कैटेगरी के लॉन्च भी घटकर 20%

Affordable Homes: Q2 में 7 बड़े शहरों में लॉन्च हुए 36,260 यूनिट्स में से सिर्फ 7,230 यूनिट्स ही अफोर्डेबल यानी 40 लाख रुपये से कम की कैटेगरी के थे.

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भूमि-स्वामित्व वाली एजेंसी (The land-owning agency) डीडीए ने एक बहुस्तरीय पार्किंग सुविधा के निर्माण की समस्या को भी हल कर दिया है

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Affordable Homes: कोविड-19 के दौर में घरों की डिमांड में रिकवरी देखने को मिली है लेकिन इस दौर में एक और ट्रेंड है जिसने तूल पकड़ा है. वो है बड़े घर की जरूरत. ये ट्रेंड अब लॉन्च हो रहे नए प्रोजेक्ट्स में भी देखने को मिल रहे हैं. प्रॉपर्टी कंसल्टेंट एनारॉक की एक रिपोर्ट के मुताबिक अप्रैल से जून के बीच लॉन्च हुए नए घरों में सिर्फ 20 फीसदी ही अफोर्डेबल कैटेगरी के थे. लेकिन, इसमें प्रीमियम घरों की कैटेगरी के घर बढ़े हैं. इस साल की दूसरी तिमाही में लॉन्च हुए घरों में से 36 फीसदी प्रीमियम कैटेगरी के रहे.

एनारॉक के मुताबिक इस दौरान देश के 7 बड़े शहरों में लॉन्च हुए कुल 36,260 यूनिट्स में से सिर्फ 7,230 यूनिट्स ही अफोर्डेबल यानी 40 लाख रुपये से कम की कैटेगरी के थे. वहीं, प्रीमियम सेगमेंट में जिनकी कीमत 80 लाख से 1.5 करोड़ रुपये के बीच है, उनमें कुल 13,130 यूनिट्स लॉन्च हुए. वहीं, कुल लॉन्च में से 32 फीसदी या लगभग 11,760 घर मिड-सेगमेंट कैटेगरी के थे.

प्रीमियम घरों की डिमांड

दक्षिण भारत के शहरों की ओर से प्रीमियम सेगमेंट में ज्यादा सप्लाई देखने को मिल रहा है. रिपोर्ट के मुताबिक दूसरी तिमाही में लॉन्च हुए कुल प्रीमियम सेगमेंट घरों का 72 फीसदी हिस्सा हैदराबाद, चेन्नई और बंगलुरू में रहा.

वहीं, नेशनल कैपिटल रीजन (NCR) और मुंबई मेट्रोपॉलिटन रीजन (MMR) में अब भी अफोर्डोबल हाउसिंग की सप्लाई ज्यादा रही है. अफोर्डेबल घरों में से 52 फीसदी इन्हीं इलाकों में लॉन्च हुए हैं.

कोविड-19 के कारण आया बदलाव

कोविड-19 के दौर में अफोर्डेबल सेगमेंट के सप्लाई में कमी आई है. कोविड-19 से पहले इसी कैटेगरी की डिमांड और सप्लाई भी ज्यादा था. लेकिन जहां साल 2019 में कुल लॉन्च का 40 फीसदी अफोर्डेबल कैटेगरी के थे, वहीं 2020 में ये घटकर 30 फीसदी हुए और इस साल की दूसरी तिमाही में ये घटकर 20 फीसदी पर आ गए हैं.

एनारॉक के मुताबिक डेवलेपर्स भी खरीदारों के ट्रेंड को देखते हुए बदलाव ला रहे हैं.

रिपोर्ट के मुताबिक इन्वेंट्री यानी ऐसे घर जो अब तक बिके नहीं है, उनमें अफोर्डेबल सेगमेंट के घर ज्यादा हैं. साल 2021 की दूसरी तिमाही के अंत तक टॉप 7 शहरों में कुल 6.54 लाख ऐसे घर थे जो बिके नहीं है, इसमें से 33 फीसदी अफोर्डेबल कैटेगरी के हैं.

स्रोत: एनारॉक रिसर्च

क्यों है बड़े घर की डिमांड?

स्टरलिंग डेवलपर्स के चेयरमैन और MD रमाणी शास्त्री का कहना है कि महामारी और अनिश्चितता के दौर में लोग अपने रहने की जगह और लाइफस्टाइल को अपग्रेड करना चाहते हैं. यही वजह है कि लग्जरी घरों की ओर रुझान बढ़ा है. घरों को मल्टी-फंक्शनल बनाने के लिए लोग अपने तय बजट को पार करने के लिए भी तैयार हैं.

कोविड19 के दौर में लोगों को घर से ही काम करना पड़ रहा है और वहीं बच्चों की पढ़ाई से लेकर हॉबी एक्टिविटी भी घर से ही हो रही है. ऐसे में बड़े घर की जरूरत सभी हो महसूस हो रही है.

Published - July 2, 2021, 02:29 IST