अन्य सोर्स से होने वाली इनकम में ये आय होती हैं शामिल

Income: डिविडेंड को इनकम के अन्य सोर्स के रूप में क्लासीफाई किया जाता है. 5,000 रुपये से अधिक का डिविडेंड टैक्स डिडक्शन (TDS) के अधीन हैं.

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image: Unsplash, यदि आप किसी मृत व्यक्ति की ओर से पेंशन कलेक्ट कर रहे हैं, तो आपको इस इनकम को इनकम फ्रॉम अदर सोर्स के तहत रिपोर्ट करना होगा.

image: Unsplash, यदि आप किसी मृत व्यक्ति की ओर से पेंशन कलेक्ट कर रहे हैं, तो आपको इस इनकम को इनकम फ्रॉम अदर सोर्स के तहत रिपोर्ट करना होगा.

Income:  इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने इनकम टैक्स रिपोर्टिंग के पर्पज से इनकम को पांच वर्गों में बांटा है. सैलरी से इनकम, हाउस प्रॉपर्टी से इनकम, कैपिटल गेन और लॉस से इनकम, बिजनेस और प्रोफेशन से इनकम और अन्य सोर्स से इनकम है जिसमें वो इनकम शामिल है जो इनकम के ऊपर दिए चार वर्गों में से किसी के अंतर्गत नहीं आती है. आइए एक नजर डालते हैं कि अन्य सोर्स से होने वाली इनकम में क्या शामिल है:

डिविडेंड इनकम

डिविडेंड को इनकम के अन्य सोर्स के रूप में क्लासीफाई किया जाता है. 5,000 रुपये से अधिक का डिविडेंड टैक्स डिडक्शन (TDS) के अधीन हैं.

यदि डिविडेंड अमाउंट 5,000 रुपये से अधिक है, तो 10% के रेट से TDS कटेगा. यदि व्यक्ति अपना किसी वजह से PAN सबमिट नहीं कर पाता है, तो TDS 20% के रेट से काटा जाएगा. बांड और डिबेंचर पर मिले इंटरेस्ट पर भी अन्य सोर्स से इनकम के तहत टैक्स लगाया जाता है.

कैजुअल इनकम (आकस्मिक आय)

लॉटरी, क्रॉसवर्ड पजल, रेसिंग, जुआ, सट्टेबाजी, कार्ड गेम, एंटरटेनमेंट शो और गेम शो सभी पूरी तरह से टैक्सेबल इनकम में आते हैं.

मान लीजिए कि एक व्यक्ति 1,000 रुपये में लॉटरी टिकट खरीदता है और 1,00,000 रुपये का जैकपॉट जीतता है. टैक्सेबल इनकम अब जीत की पूरी राशि होगी, यानी रु.1,00,000. कैजुअल इनकम पर जीत के 30% और सरचार्ज और सेस पर टैक्स लगाया जाता है.

गिफ्ट से इनकम

50,000 रुपये से अधिक की कोई भी रिसीप्ट अन्य सोर्स से इनकम के तहत टैक्सेशन के अधीन है. हालांकि, निम्नलिखित गिफ्ट टैक्सेबल नहीं हैं:

-रिश्तेदारों से मिली गिफ्ट (पति या पत्नी, भाई या बहन, माता-पिता या पति या पत्नी के भाई / बहन, इंडीविजुअल या पति या पत्नी का कोई भी वंशज)

– शादी के मौके पर मिलने वाले गिफ्ट

– वसीयत या विरासत में मिले गिफ्ट

– लोकल गवर्नमेंट/रजिस्ट्रेशन ट्रस्टों से मिले गिफ्ट

बैंक डिपॉजिट इंटरेस्ट से हुई इनकम

आपके सेविंग बैंक अकाउंट पर मिले इंटरेस्ट को आपके इनकम टैक्स रिटर्न में अन्य सोर्स से इनकम के तौर पर दिखाया जाना चाहिए. ध्यान दें कि बैंक सेविंग अकाउंट पर मिले इंटरेस्ट से TDS कलेक्ट नहीं करता है.

इंडिविजुअल को बैंक फिक्स्ड डिपॉजिट पर मिले इंटरेस्ट पर टैक्स पे करना होगा, हालांकि, सीनियर सिटीजन सेविंग और फिक्स्ड डिपॉजिट पर मिले इंटरेस्ट में से 50,000 रुपये तक की कटौती कर सकते हैं.

कटौती का क्लेम करने वाले सीनियर सिटीजन को इसे अपने इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) में शामिल करना चाहिए. इंटरेस्ट
इनकम को “इनकम फ्रॉम अदर सोर्स” हेडिंग के तहत रिपोर्ट किया जाना चाहिए और सीनियर सिटीजन को सेक्शन 80TTB के तहत कटौती का क्लेम करना चाहिए.

फैमिली पेंशन

यदि आप किसी मृत व्यक्ति की ओर से पेंशन कलेक्ट कर रहे हैं, तो आपको इस इनकम को इनकम फ्रॉम अदर सोर्स के तहत रिपोर्ट करना होगा.

यह पेंशन टैक्सेबल नहीं है यदि इसे कम्यूटेड या एकमुश्त रूप में भुगतान किया जाता है. परिवार के किसी सदस्य की अनकम्यूटेड पेंशन पर कुछ हद तक छूट है. टैक्स में छूट अनकम्यूटेड पेंशन का 15,000 या 1/3, जो भी कम हो तक सीमित है.

उदाहरण के लिए, अगर परिवार के किसी सदस्य को 1,00,000 रुपये की पेंशन मिलती है, तो लागू छूट 15,000 रुपये या 33,333 रुपये (1,00,000 रुपये का 1/3) से कम है.

नतीजतन, टैक्सेबल फैमिली पेंशन 85,000 रुपये (1,00,000 रुपये – 15,000 रुपये) होगी. अनकम्यूटेड पेंशन एक ऐसा शब्द है जो समय-समय पर प्राप्त होने वाली पेंशन को रेफर करता है.

Published - August 17, 2021, 11:47 IST